ओमान के मस्कट में फंसे झारखंड के मजदूर, वीडियो बनाकर मांगी मदद

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झारखंड में पलायन एक बड़ा मुद्दा है. राज्य में बेरोजगारी होने के कारण लोग पलायन कर दूसरे राज्य काम करने चले जाते हैं. भारी संख्या में लोग मेहनत मजदूरी करने विदेश भी चले जाते हैं. लेकिन विदेश में भी उनके जीवन का बेहतर होना बस सपना ही रह जाता है. जिस कंपनी में वो काम कर रहे होते हैं. वहां अव्यवस्था होने के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है.

झारखंड के 6 मजदूर अपनी कंपनी की मनमानी के कारण ओमान में फंसे हुए हैं. कंपनी की मनमानी की वजह से खाने-पीने के लिए सभी मजदूर दाने-दाने को मोहताज हैं. ओमान की राजधानी मस्कट में फंसे इन मजदूरों ने केंद्र और राज्य सरकारों से सोशल मीडिया के माध्यम से वीडियो वायरल कर स्वदेश वापसी की गुहार लगाई है.

इस जिले के हैं मजदूर

ये सभी मजदूर गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो जिले के रहने वाले हैं. ये सभी मजदूर पिछले 22 दिसंबर 2022 को मोबाइल टॉवर खड़ा करने वाली कंपनी में काम करने के लिए ओमान की राजधानी मस्कट गये थे. जहां पिछले पांच महीने से वेतन नहीं मिला हैं, जिसके कारण सभी मजदूर दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं.

मजदूर के परिजन परेशान

इधर फंसे मजदूरों के परिजन परेशान हैं. कंपनी ने मजदूरों का पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया हैं. मजदूरों की आवाज उठाने वाले सिकंदर अली ने केंद्र व राज्य सरकार से फंसे मजदूरों को मदद करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि यह पहली घटना नहीं है. काम की तलाश में मजदूर विदेश जाते हैं, वहां उनको यातनाएं झेलनी पड़ती हैं. बड़ी मुश्किल से वे वतन लौट पाते हैं. पहले भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं. ऐसे में सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत हैं.

फंसे मजदूरों के नाम

वहां फंसे मजदूरों में हजारीबाग जिले के बिष्णुगढ थाना क्षेत्र अंतर्गत नेरकी के संजय महतो, उच्चाघाना के महादेव महतो, अम्बाडीह के दिनेश महतो, अर्जुन महतो, गिरिडीह जिले के बगोदर थाना क्षेत्र अंतर्गत महुरी के किशोर महतो और बोकारो जिले के पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत पोखरिया के युगल महतो शामिल हैं.

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