मंईया सम्मान योजना

मंईया सम्मान योजना के खिलाफ याचिका से गुस्से में महिलायें, मेहरमा में BJP का पुतला फूंका

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मंईया सम्मान योजना के खिलाफ याचिका दाखिल कर इसपर रोक लगाने की मांग से आक्रोशित महिलाओं ने बीजेपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

महिलाओं ने सड़क पर उतरकर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ नारेबाजी की.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के समर्थन में नारे लगाये. मंत्री दीपिका पांडेय सिंह की सराहना की.

यह नजारा झारखंड को महागामा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मेहरमा का है. बीजेपी के खिलाफ आक्रोश जता रही ये महिलायें झारखंड में मंईया सम्मान योजना के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल किए जाने से नाराज हैं.

महिलाओं ने बीजेपी पर महिला विरोधी होने का आरोप लगाते हुए पुतला दहन भी किया. महिलाओं ने मंईया सम्मान योजना जिंदाबाद के भी नारे लगाये.

महिलाओं ने बीजेपी पर लगाया यह आरोप
महिलाओं का आरोप है कि मंईया सम्मान योजना के खिलाफ याचिका बीजेपी के इशारे पर ही दाखिल की गई है.

महिलाओं ने पीएम मोदी के खिलाफ भी नारेबाजी की.

गौरतलब है कि हेमंत सरकार की महात्वाकांक्षी मंईया सम्मान योजना के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. याचिका में इस योजना को चुनावी स्टंट करार देते हुए इसे रद्द किए जाने की मांग की गई है.

मंईया सम्मान योजना के तहत हेमंत सरकार ने प्रदेश की 21 से 50 वर्ष के आयु वर्ग की करीब 50 लाख महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये देने का ऐलान किया है.

भारतीय जनता पार्टी इसका यह कहकर विरोध करती है कि आखिर विधानसभा चुनाव की घोषणा से ठीक 2 माह पहले इसे लॉन्च क्यों किया गया.

मेहरमा में महिलाओं ने निकाला जुलूस
इन तस्वीरों में आप देख सकते हैं कि संताल परगना के गोड्डा जिला के महागामा विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मेहरमा में महिलाओं ने पहले तो पैदल मार्च किया. उनके हाथ में बीजेपी का पुतला था. महिलायें नारेबाजी करते हुए पैदल ही मेहरमा बाजार पहुंचीं और फिर पुतला दहन किया.

इस दौरान महिलायें लगातार बीजेपी, बाबूलाल मरांडी और पीएम मोदी के खिलाफ नारेबाजी करती रहीं. महिलाओं ने आरोप लगाया कि मंईया सम्मान योजना के खिलाफ याचिका दाखिल कर उनपर अत्याचार किया जा रहा है.

इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि हर आयुवर्ग की महिलाओं ने इस विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया.

मंईया सम्मान योजना के खिलाफ याचिका दाखिल
गौरतलब है कि हेमंत सरकार की मंईया सम्मान योजना के खिलाफ सिमडेगा के बिष्णू साहू ने याचिका दाखिल की है.

याचिकाकर्ता की दलील है कि इस योजना के जरिए सरकार चुनाव में महिला वोटर्स को प्रभावित करने का इरादा रखती है. चुनाव से एन वक्त पहले ऐसी वित्तीय सहायता देने वाली योजना लॉन्च करना सही नहीं है.

हेमंत सरकार ने रक्षाबंधन के दिन 19 अगस्त को मंईया सम्मान योजना पाकुड़ से लॉन्च की थी.

अब तक इस योजना का लाभ लेने के लिए 43 लाख से ज्यादा महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है.

पाकुड़ से लॉन्च की गई थी मंईया सम्मान योजना
सीएम ने पाकुड़, दुमका और साहिबगंज सहित संताल परगना के अन्य जिलों में जब इस योजना को लॉन्च किया तो महागामा विधायक सह मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने हर बार मंच साझा किया.

वह इसे महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम बताती हैं. दीपिका पांडेय सिंह का तर्क है कि महिलाओं को प्रतिमाह 1 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने से उनकी पति पर आर्थिक निर्भरता घटती है.

वह अपनी छोटी-मोटी जरूरतें पूरी कर सकती हैं. कोई काम शुरू कर सकती हैं. यह महिलाओं को स्वाबलंबी बनाने की दिशा में बड़ा कदम है.

इस योजना के खिलाफ याचिका डाले जाने की दीपिका पांडेय सिंह ने भी निंदा की है.

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