इन दिनों झारखंड की राजनीति में कुछ उथल-पुथल होती दिख रही है. राज्य की महागठबंधन सरकार में सबकुछ सही नहीं चल रहा है..नहीं नहीं ऐसा हम नहीं कह रहे हैं ,बल्कि सिंहभूम से कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा के बयान से ऐसा ही प्रतीत हो रहा है. दरअसल, बीते कल यानी 17 मई को चाईबासा के डोबरोसाई में झामुमो जिला समिति की बैठक हुई. यह बैठक सनसाइन रेस्टूरेंट के सभागार में आयोजित की गई थी. इस बैठक में झामुमो ने कुछ ऐसा निर्णय लिया कि कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा नाराज हो गई. आपको बता दें कि बैठक में झामुमो ने कांग्रेस के खिलाफ एक बड़ा निर्णय ले लिया है. झामुमो ने आगामी 2024 लोकसभा चुनाव में सिंहभूम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. इस ऐलान के बाद मौजूदा सांसद गीता कोड़ा झामुमो से नाराज दिखी और पलटवार करते हुए कहा कि – झामुमो का यह फैसला महागठबंधन धर्म के अनुकूल नहीं है. इन सब के पीछे बात सिर्फ इतनी सी है कि चाईबासा से जेएमएम विधायक दीपक बिरुआ ने सिंहभूम लोकसभा सीट से झामुमो उम्मीद्वार की दावेदारी पेश कर दी है. जिसके बाद से ही मामला गहराता जा रहा है.
झामुमो के जिला समिति की इस बैठक में विधायक दीपक बिरुआ, भुनेश्वर महतो, विधायक निरल पुरती, जिला सचिव सोनाराम देवगम सहित नगर अध्यक्ष और सचिव भी मौजूद थे और बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे झामुमो जिला अध्यक्ष सह विधायक सुखाराम उरांव. जिला अध्यक्ष के अनुसार,बैठक में सभी की सहमति से यह निर्णय लिया गया कि- 2024 के लोकसभा चुनाव में हर हाल में सिंहभूम से झामुमो ही चुनाव लड़ेगा और साथ में सभी पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा गया कि अभी से ही चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं.
झामुमो के इस फैसले पर सांसद गीता कोड़ा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि- झारखंड में झामुमो ,कांग्रेस और राजद की महागठबंधन की सरकार है और सरकार राज्य में बहुत अच्छे ढंग से काम कर रही है. ऐसे में स्थानीय स्तर पर झामुमो के द्वारा लोकसभा सीट को लेकर दावेदारी करना और हक जताना उचित प्रतीत नहीं होता.
गीता कोड़ा ने झामुमो से सख्त होकर कहा कि – कांग्रेस पार्टी को असहाय समझने की गलती ना करें. कांग्रेस पार्टी एक राष्ट्रीय पार्टी है और हमारी जिम्मेवारी ज्यादा है. कोई हमें नीचा दिखाने का प्रयास न करें, महागठबंधन की सरकार है तो सबको महगठबंधन धर्म का पालन करना ही होगा.
गीता कोड़ा ने बताया कि झारखंड में महागठबंधन की सीटों का बंटवारा शिबू सोरेन, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ही तय करते हैं. फिर स्थानीय स्तर पर लोकसभा टिकट पर बात करना हास्ययास्पत है. उन्होंने झामुमो को याद दिलाते हुए कहा कि- महागठबंधन प्रत्याशी के रुप में सिंहभूम से कांग्रेस की सीट रही है और महागठबंन के निर्णय के अनुसार ही प्रत्याशी भी तय होगा.
अब देखना होगा कि यह मामला झारखंड की राजनीति में कौन सा नया मोड़ लेकर आता है. सिंहभूम में कांग्रेस की सीट बरकरार रहेगी या इस बार झामुमो को मौका मिलेगा.