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झारखंड में अकेले चुनाव लड़ेगा राजद ?

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झारखंड में भाजपा ने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी और एनडीए गठबंधन के बीच सीट बंटावारे का फॉर्मूला भी तय हो गया है. लेकिन झारखंड में इंडिया गठबंधन टूट के कागार पर पहुंच गई है. चुनाव से पहले सीट बंटवारे को लेकर गठबंधन के भीतर दरार पड़ती नजर आ रही है. विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया महागठबंधन के लिए भी मुश्लिलें बढने वाली है।

राजद ने झारखंड विधानसभा में 18 से 20 सीटों पर अपने प्रत्याशी देने का दावा ठोंक दिया है। राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने मीडिया से बातचीत में कहा है कि राजद पहले से ही राज्य में 20 सीटों पर तैयार कर चुका है। लेकिन गठबंधन की ओर से उन्हें पांच से छह सीटें ही दी जा रही है। राजद को अभी भी उम्मीद है कि उनकी बात महागठबंधन में मानी जाएगी। अगर ऐसा नहीं होता है, तो राजद राज्य में अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगा।

राजद प्रवक्ता ने  कांग्रेस , झामुमो पर साधा निशाना

राजद नेता मनोज झा ने प्रेस से बात करते वक्त कहा कि कि भले ही झारखंड में उनके एक ही विधायक और मंत्री हों। लेकिन उनपर कोई आरोप नहीं लगा है। उन्होंने बिना किसी का नाम लेते हुए कहा कि दूसरी तरफ कोई कोलकाता में पकड़ा गया था तो कोई और कहीं पकड़ा गया है। इसलिए राजद अपने दावे पर कायम है और उम्मीद उनकी बात मानी जाएगी।

राजद प्रवक्ता मनोज झा ने कहा कि पार्टी झामुमो और कांग्रेस को 62 सीटों पर उतरने वाले उम्मीदवारों की मदद करेगी। पार्टी ने अपने विचार से महागठबंधन के घटक दलों को सूचित कर दिया है। अगर सोमवार को महागठबंधन की ओर से कोई सार्थक पहल नहीं की जाती है, तो महागठबंधन के साथ राजद का दोस्ताना मुकाबला हो सकता है। बहरहाल राजद अभी झामुमो और कांग्रेस के रूख का इंतजार करेगी।

…नहीं तो राजद उतार देगा प्रत्याशी

मनोज झा ने कहा कि पार्टी को अब भी उम्मीद है कि आज रात तक उनकी बात मान ली जाएगी। नहीं तो सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे तक पार्टी अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर देगी। राजद ही एकमात्र पार्टी है जो परंपरागत रूप से भाजपा के खिलाफ हर जगह लड़ रही है। उनके नेताओं को प्रताड़ित भी किया गया और जेल भी जाना पड़ा, लेकिन पार्टी कभी नहीं झुकी। इसके बाद भी सीटों के बटवारा को लेकर कल जो हुआ, वह उचित नहीं था। पार्टी को जो सीटें देने की जो बात कही गई, वह कहीं से भी तार्किक नहीं है।

इंडिया ब्लॉक के तीन दल राजद, कांग्रेस और झामुमो के नेताओं से अनौपचारिक बातचीत से जो अनुमान लगाया जा सका उसका लब्बोलुआब यह है कि राजद के झारखंड प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक में ज्यादातर नेताओं ने 15 से 18 सीट की मांग की. ऐसा नहीं होता है तो राजद को अकेले चुनाव लड़ने की ओर आगे बढ़ने की बात सामने आई. इस बीच राजद नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव गठबंधन में 12 सीट के लिए अड़ गए. ऐसे में कांग्रेस-झामुमो ने दवाब की राजनीति के तहत आननफानन में 70 सीट की घोषणा कर दी. इसके बाद जैसे ही यह खबर तेजस्वी यादव तक पहुंची वो आग बबूला हो गए.

अब राजद झामुमो कांग्रेस के बीच मामला बनता है या राजद अब अकेले चुनाव में उतरने वाली है ये तो अब कल ही पता चल पाएगा.

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