झारखंड में चुनावी बिगुल अब कभी भी बज सकता है.दुर्गा पूजा अब संपन्न हो चुका है और अब चुनाव आयोग आने वाले कुछ दिनों में ही झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर सकता है. चुनाव की तैयारियां शुरु हो चुकी राज्य में केंद्रीय नेताओं का दौरा भी शुरु हो चुका है पार्टी के बड़े नेता लगातार झारखंड पहुंच रहे हैं.चुनाव के मद्देनजर हम आपे साथ झारखंड की सभी 81 विधानसभा सीटों का समीकरण एक-एक कर साझा कर रहे हैं. इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए आज हम बात करेंगे झारखंड की खूंटी विधानसभा सीट की.
खूंटी विधानसभा भाजपा का गढ़ माना जाता है. बीते दो दशकों से यहां भाजपा का और नीलकंठ सिंह मुंडा का ही कब्जा रहा है. अब 2024 में इंडिया गठबंधन के लिए खूंटी जीतना बड़ी चुनौती है. हालांकि इस बार बीते लोकसभा चुनाव में खूंटी संसदीय सीट से कांग्रेस से कालीचरण मुंडा जीते हैं.कालीचरण मुंडा ने भाजपा के अर्जुन मुंडा को हराया था. ऐसे में इस बार इंडिया गठबंधन खूंटी सीट पर अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है.
हालांकि इस बार भाजपा से नीलकंठ सिंह मुंडा को टिकट मिलेगा या नहीं इस पर संशय बरकरार है. चूंकि लोकसभा चुनाव में नीलकंठ सिंह मुंडा के ऊपर पार्टी विरोधी काम करने और अपने भाई कांग्रेस नेता कालीचरण मुंडा को जीत दिलाने में मदद करने के आरोप लग रहे थे.
विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलते रहता है. राजनीति में तरह-तरह का आरोप भी लगाया जाता है, लेकिन सच्चाई मैं और मेरी जनता जानती है. खूंटी से भाजपा के टिकट पर विधायक ने बताया कि नीलकंठ सिंह मुंडा से बेहतर खूंटी में कोई नहीं हो सकता है. नीलकंठ सिंह मुंडा क्षेत्र में लगातार सक्रिय है जनता की सेवा करते आया है. क्षेत्र से लेकर आम जनता का विकास करने का काम किया है. इसलिए नीलकंठ से बेहतर दावेदार और उम्मीदवार कोई नहीं हो सकता.
नीलकंठ सिंह मुंडा के अलावा खूंटी से पूर्व सांसद कड़िया मुंडा के बेटे जगरनाथा मुंडा का भी नाम सामने आ रहा है. इसके अलावा खूंटी सीट पर दावेदारी में राजन मुंडा, लक्ष्मी बाखला, बिनोद नाग का नाम भी चर्चा में है.
वहीं खूंटी इंडिया गठबंधन की तरफ से किस पार्टी को जाएगी ये अब तक तय नहीं है. इस बार लोकसभा चुनाव में खूंटी से कांग्रेस के प्रत्याशी ने जीत हासिल की है। ऐसे में कांग्रेस भी इस सीट पर दावा कर रही है। हालांकि सीट शेयरिंग में यह साफ हो पाएगा कि खूंटी सीट कांग्रेस के खाते में जाती है या फिर गठबंधन के अन्य घटक दल के खाते में जाती है. हालांकि कांग्रेस भी दावेदारी पेश कर रही है और प्रत्याशियों में विल्सन, सुशील सांगा, डॉ अनिल बड़ाइक जैसे प्रत्याशियों ने दावेदारी पेश करते हुए आवेदन दिया है.
अब खूंटी से कौन –कौन उम्मीदवार चुनावी मैदान में होंगे ये तो आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा.
झारखंड अलग राज्य बनने के बाद खूंटी विधानसभा के इतिहास पर एक नजर डालें तो-
2005 में भाजपा से नीलकंठ सिंह मुंडा जीते थे. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रौशन कुमार सुरीन को हराया था.
2009 के चुनाव में नीलकंठ सिंह मुंडा भाजपा की टिकट से दुबारा जीते.उन्होंने जेएमएम के मासी चरण मुंडा को हराया था.
2014 के विधानसभा चुनाव में नीलकंठ सिंह मुंडा ने भाजपा के टिकट से जीत की हैट्रिक लगाई.
2019 में नीलकंठ सिंह मुंडा लगातार चौथी बार भाजपा के टिकट से जीते.उन्होंने जेएमएम के सुशील पहान को हराया था.
अब 2024 के चुनाव में यह सीट इंडिया गठबंधन की तरफ से जेएमएम को मिलेगी या कांग्रेस को या भाजपा यहां से किसे टिकट देगी ये तो पार्टी के ऐलान के बाद ही पता चल पाएगा.