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झारखंड में हार के बाद राज्यसभा में कमजोर हो जाएगी भाजपा ?

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क्या झारखंड में मिली हार का खामियाजा भाजपा को अब राज्यसभा में भी भुगतना पड़ेगा.क्या झारखंड में मिली हार के बाद राज्यसभा में कमजोर हो जाएगी भाजपा और क्या अब झारखंड में मिली प्रचंड जीत के बाद राज्यसभा में मजबूत होने वाली झारखंड मुक्ति मोर्चा.

2028 तक चार सीटें हो जाएंगी खाली

झारखंड से राज्यसभा की कुल 6 सीटें हैं. इस 6 सीटों पर वर्तमान में 3 पर भाजपा तो शेष 3 पर झामुमो का कब्जा है. झामुमो की ओर से शिबू सोरेन,महुआ माजी और डॉ सरफराज अहमद सांसद हैं वहीं भाजपा से दीपक प्रकाश, आदित्य साहू और प्रदीप कुमार वर्मा सांसद हैं. इनमें से 2026 में शिबू सोरेन और दीपक प्रकाश का कार्यकाल 2026 में खत्म हो जाएगा यानी दो सीटों के लिए 2026 में चुनाव होंगे वहीं दो सीटें 2028 में खाली होंगी जिसमें महुआ माजी और आदित्य साहू की सीटें हैं.यानी 2029 के विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड की 4 राज्यसभा सीटों पर चुनाव होंगे.अब माना जा रहा है कि इन चारों सीटों पर इंडिया अलांयस के घटक दलों का ही कब्जा हो सकता है. ऐसा क्यों तो वो भी आपको समझाते हैं.

27 विधायकों का चाहिए समर्थन 

झारखंड में भाजपा के पास अभी जितने विधायक हैं उनकी संख्या उतनी नहीं है कि वह राज्यसभा में अपने दम पर प्रत्याशी को जिताकर भेज सके। एनडीए के घटक दलों आजसू पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और लोजपा (रामविलास) को भी मिलाकर एक प्रत्याशी को जीत दिलाने लायक आंकड़ा पूरा नहीं होता है। भाजपा के पास 21 विधायक हैं, जबकि आजसू पार्टी, जनता दल यूनाइटेड और लोजपा (रामविलास) को मिलाकर एनडीए के सभी विधायकों की संख्या 24 होती है। ऐसे में एक सीट पर जीत का जादुई आंकड़ा पार्टी के पास नहीं होगा।राज्यसभा में जीत हासिल करने के लिए न्यूनतम 27 विधायकों के प्रथम वरीयता के वोट आवश्यक हैं। अभी जो आंकड़ा भाजपा के पास है, उसमें जोड़-तोड़ किए बगैर राज्यसभा के लिए भाजपा प्रत्याशी की कोई संभावना नहीं बनती है। झारखंड में रानीतिक उलटफेर नहीं हुआ तो भाजपा के हाथों से राज्यसभा की दोनों सीटें निकल जाएगी। और चारों सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस आपसी तालमेल से कब्जा जमा सकते हैं. अगर ऐसा हो जाता है 2029 के चुनाव तक राज्यसभा में भाजपा के पास सिर्फ 1 सीट बची रहेगी वो भी डॉ प्रदीप वर्मा की. बाकी सभी 5 सीटों पर झामुमो और कांग्रेस का कब्जा हो सकता है.

इंडिया गठबंधन की बढ़ जाएगी ताकत 

रानीतिक ताकत बढ़ाने के साथ-साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा ने राज्यसभा में भी अपनी भागीदारी बढ़ाई है. हालात के मद्देनजर ऐसा कहना अनुचित नहीं होगा कि अगर भाजपा झारखंड में मजबूत नहीं हुई तो एक दिन झारखंड की सभी 6 सीटों पर झामुमो या फिर इंडिया गठबंधन का एकछत्र राज हो जाएगा.

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