निशिकांत दुबे और महुआ मोइत्रा के बीच क्यों छिड़ जाती है बार-बार जंग ?

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बीते कुछ दिनों से झारखंड से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और पं. बंगाल की तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के बीच टकराव की खबरें चारों तरफ फैली हुई है. लेकिन ये कोई पहली बार नहीं है जब इन दो सांसदों के बीच टकराव की खबरें सामने आई है. दोनों सांसद संसद से लेकर ट्वीटर तक में हमेशा वार मोड में ही नजर आते हैं.

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर रिश्लत लेने का गंभीर आरोप लगा दिया है. निशिकांत दुबे ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर उनसे सदन के सदस्यों के लिए बनी वेबसाइट पर तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के लॉग-इन क्रेडेंशियल के आईपी एड्रेस की जांच की मांग कर दी है. दुबे ने बीते रविवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए एक उद्योगपति से रिश्वत लेने का आरोप लगाया था.
लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में, दुबे ने वकील जय अनंत देहाद्राई से प्राप्त एक पत्र का हवाला दिया और कहा कि वकील ने पुख्ता सबूत साझा किए हैं कि महुआ मोइत्रा ने संसद में सवाल पूछने के लिए उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से नकद और उपहार के रूप में रिश्वत ली है.

निशिकांत दुबे ने कहा कि पिछले कुछ समय में मोइत्रा ने संसद में 61 सवाल किए हैं, जिसमें से 50 सवाल ऐसे थे, जो बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के हितों की रक्षा के लिए पूछे गए. ऐसा उनके बिजनेस को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया.

निशिकांत दुबे के इस आरोप पर महुआ मोइत्रा ने पलटवार किया है. महुआ ने कहा कि वह लोकसभा अध्यक्ष द्वारा निशिकांत दुबे के खिलाफ डिग्री और अन्य लंबित आरोपों पर कार्रवाई के बाद उनके खिलाफ किसी भी कदम का स्वागत करती हैं.
बता दें 11 मार्च 2023 को निशिकांत दुबे ने लोकसभा में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि के एक मामले में मोर्चा खोल दिया था. लोकसभा में बजट भाषण के दौरान सांसद निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी के खिलाफ विशेषाधिकार समिति के सामने अपना पक्ष रखते हुए राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म करने की मांग की थी. निशिकांत दुबे के इस भाषण के बाद महुआ मोइत्रा ने उन पर फर्जी एमबीए और पीएचडी की डिग्री हासिल करने का आरोप लगाया था.

महुआ ने अपने एक ट्वीट में लोकसभा अध्यक्ष से सवाल करते हुए पूछा- शपथ पत्र पर झूठ नहीं बोलना है. क्या डीयू के FMS से फर्जी एमबीए की डिग्री लेना और फिर फर्जी पीएचडी करना भी लोकसभा की सदस्यता समाप्त करने का आधार नहीं है? विशेषाधिकार समिति क्या आप इस बात को सुन रहे हैं?

17 मार्च 2023 को महुआ ने लिखा कि- ‘माननीय सदस्य ने 2013-15 सत्र में फुल टाइम एमबीए के लिए प्रताप यूनिवर्सिटी में उपस्थिति दर्ज कराई. मैं उत्सुक हूं कि वो तब फुल टाइम एमपी भी थे. मैं उनके यूनिवर्सिटी रिकॉर्ड का लोकसभा अटेंडेंट और क्षेत्र के दौरों से मिलान करूंगी.

इससे पहले उन्होंने दुबे की पीएचडी डिग्री को भी संदिग्ध बताया था. इस पर भी महुआ ने ट्वीटर से ही निशिकांत दुबे पर हमला बोला. उन्होंने लिखा था ‘माननीय सदस्य ने प्रताप यूनिवर्सिटी में जमा अपने पीएचडी आवेदन में डीयू एमबीए डिग्री का कोई जिक्र नहीं किया था बल्कि चमत्कारिक रूप से 2013-15 में ही प्रताप यूनिवर्सिटी से ही एक और एमबीए ट्रांसक्रिप्ट उनके पास है. साफ है कि उन्हें एमबीए की डिग्रियां जमा करने का शौक है. पता नहीं, कब, कौन सी काम आ जाए.

वहीं कांग्रेस विधायक दीपिक पाण्डेय सिंह ने भी महुआ के इस ट्वीट को शेयर करते हुए निशिकांत दुबे को फर्जीकांत दुबे कहा था. उन्होंने दावा किया कि डिग्री को लेकर सवाल पूछे जाने पर सांसद ने उन्हें ब्लॉक कर दिया.

इसके बाद 18 मार्च 2023 को निशिकांत दुबे ने इशारों भरा ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी. निशिकांत दुबे ने ट्वीट किया कि जिस महिला को बड़े छोटे का लिहाज़ नहीं,ख़ासकर विकृत मानसिकता की शिकार बंगाल से आई एक महिला सांसद व मेरे झारखंड की विकृत विधायिका के लिए,उनके लिए सभी कार्यकर्ताओं से आग्रह है कि हल्का कमेंट्स नहीं करें। अपने धर्म में वैशाली की नगर वधू तक को सम्मान समाज ने दिया है.

निशिकांत के इस ट्वीट के बाद बवाल मच गया. लोगों ने इस ट्वीट को महुआ मोइत्रा और दीपिका पाण्डेय सिंह से जोड़कर देखा.
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वातिमाल ने इस ट्वीट की निंदा की. तो कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी से जवाब मांगा था.

दोनों सांसदों के बीच की लड़ाई काफी पुरानी है. और हालात देखकर लगता है कि दोनों के बीच की ये लड़ाई अभी और लंबी चलेगी.

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