चुनाव से पहले झामुमो और भाजपा के बीच क्यों बढ़ी खींचतान ?

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झारखंड में आजकल नेता प्रमाण के साथ एक दूसरे पर वॉर करते दिख रहे हैं. लोकसभा और विधानसभा के चुनावों में अब ज्यादा समय नहीं बचा है ऐसे में सभी पार्टियां अपने प्रतिद्वदिंयों पर वॉर पलटवार कर रही है.कुछ समय पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रेस कांफ्रेस में सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ कागजात लहराते हुए आरोप लगाया था कि सीएम ने अपना नाम बदल कर जमीन खरीदी है.

और अब जेएमएम भी बाबूलाल से इस बात का बदला लेने में उतर आई है. झामुमो महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने भी बीते कल प्रेस कांफ्रेस में बाबूलाल के खिलाफ कागजात लहराते हुए उन पर आरोप लगाया है.

झामुमो और कांग्रेस ने बाबूलाल मरांडी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि बाबूलाल का काला धन संताल परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में खपता है. सुप्रियो भट्टाचार्य ने कंपनी कागजात मीडिया के सामने प्रस्तुत करते हुए कहा कि इस कंपनी में तीन निदेशक हैं, जिसमें बाबूलाल मरांडी के दिवंगत भाई छोटू मरांडी के पुत्र रामिया मरांडी निदेशक हैं. दूसरी निदेशक लालिमा तिवारी हैं, जो सुनील तिवारी की पत्नी है. तीसरे निदेशक हैं, मिहिजाम के योगेंद्र तिवारी. यह निदेशक होने के साथ बड़े जमीन ब्रोकर भी हैं.

भट्टाचार्य ने कहा कि यह कंपनी 25 नवंबर 2005 को संताल-परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम से रजिस्ट्रर्ड हुई थी. जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर 011765. इसका पता है पहला तल्ला, प्लॉट नंबर डी-2 एमआइजी, हरमू हाउसिंग कॉलोनी, हरमू, रांची, झारखंड-12. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जमीन ब्रोकर योगेंद्र तिवारी के माध्यम से संताल परगना में सैकड़ों एकड़ जमीन खरीदी गयी. इनके पास पूंजी कहां से आयी है. आज तक स्रोत का पता नहीं चल पाया हैं.

सुप्रियो ने यह भी कहा कि बाबूलाल अपने काले कारनामों को छिपाने के लिए भाजपा की शरण में चले गये. उन्होंने कहा कि गलत काम करनेवाले लोग भाजपा में चले जाते हैं. बाबूलाल भ्रष्टाचार और दुराचार के कुतुबमीनार पर चढ़े हुए थे. इसे छिपाने के लिए भाजपा में चले गये. समय आने पर सारा कारनामा सामने आयेगा.

इधर, बाबूलाल मरांडी ने इस पूरे मामले में झामुमो पर पलटवार कर दिया है. बाबूलाल मरांडी ने पलटवार करते हुए कहा कि सरकार चाहे, तो खुद भी जांच करा ले. सरकार सार्वजनिक रूप से बताये कि उस कंपनी में आज कौन-कौन जुड़े हैं. झारखंड की जनता को सब कुछ आइने की तरह साफ दिख जायेगा.

बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि मेरा अनुरोध है कि वह यह भी बतायें कि उस कंपनी में किस-किस का शेयर लगा है. अगर सरकार को लगता है कि संतालपरगना बिल्डर्स में मेरे किसी भी आदमी का पैसा लगा है, कंपनी ग़लत तरीक़े से शराब-ज़मीन का धंधा कर रही है या उसने किया है, तो सरकार बिना विलंब उस कंपनी के नाम की सारी जमीन जब्त कर कार्रवाई करे. सबसे पहले हम इसका स्वागत करेंगे.

बाबूलाल मरांडी के मुताबिक भारत सरकार के उद्योग विभाग की वेबसाइट में संताल परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में वर्तमान में तीन निदेशक हैं. ईडी की रडार पर आये योगेंद्र तिवारी के भाई अमरेंद्र तिवारी, योगेंद्र तिवारी की पत्नी नीतू तिवारी और सुकांत रॉय. यह कंपनी 25 नवंबर 2005 को रजिस्टर्ड हुई. कंपनी का ऑथोराइज्ड शेयर कैपिटल 30 लाख, जबकि पेडअप कैपिटल एक लाख पांच हजार रुपये है. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि रामिया मरांडी और लालिमा तिवारी ने 10 साल पहले ही कंपनी से न सिर्फ रिजाइन कर दिया था, बल्कि अपने शेयर भी वापस ले लिए थे.

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