CPI नेता सुभाष मुंडा की हत्या का जिम्मेदार कौन ?

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झारखंड की राजधानी रांची में गोलीकांड थमने का नाम नहीं ले रहा है. वहीं कुछ दिनों पहले राजधानी में बढ़ रहे अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए सीएम हेमंत सोरेन ने रांची एसएसपी और डीजीपी को फटकार भी लगाई थी. बावजूद इसके राजधानी में एक बार फिर अपराधियों द्वारा भीषण गोलीकांड को अंजाम दिया गया है. इसके बावजूद भी रांची हिंसा की आग में जल रही है.

बीते रात यानी 26 जुलाई की रात को राजधानी में दिल दहला देने वाली घटना हुई. दरअसल राजधानी रांची के दलादली चौक में अपराधियों ने एक बार फिर ताबड़तोड़ गोलीबारी की है. जिस पर गोलियां बरसायी गयी हैं उनका नाम सुभाष मुंडा है बता दें सुभाष मुंडा सीपीआई यानी communist party of India के युवा नेता थे.

रिपोर्ट के अनुसार नेता सुभाष मुंडा दलादली चौक के पास स्थित अपने ऑफिस में बैठे हुए थे तभी अपराधी बाइक पर सवार होकर पहुंचे और सुभाष मुंडा पर फायरिंग करने लगे. अपराधियों ने एक दो नहीं बल्कि 7 गोलियों से सुभाष मुंडा को छल्ली-छल्ली कर दिया. जानकारी के अनुसार अपराधियों ने अपने मुंह कपड़े से ढके हुए थे और घटना को अंजाम देने के बाद अपराधी मौके से फरार भी हो गए. वहीं गोली लगने के बाद नेता को रिम्स अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

सुभाष मुंडा की हत्या होने के बाद दलादली इलाके में अफरा तफरी मच गई. स्थानीय लोग उग्र हो गए और सड़कों में उतर कर हंगामा करने लगे. लोग हाथों में डंडा और लोहे की रॉड लेकर गाड़ियों में तोड़फोड़ करने लगे. इस दौरान कई ट्रक चालकों के साथ मारपीट की गई. बदले की आग में दलादली के आक्रोशित लोगों ने कई वाहनों को फूंक दिया तो वहीं एक शराब दुकान में भी आग लगा दी. सुभाष मुंडा की हत्या के विरोध में राज़ी पड़हा सरना प्रार्थना सभा, आदिवासी छात्र संघ ने गुरुवार को नगड़ी सहित रांची बंद का आह्वान किया है.

वहीं घटना की सूचना पाकर डीआईजी, एसएसपी, सिटी एसपी समेत जिले के कई थानों के थानेदार व पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे.रिपोर्ट की माने तो आक्रोशित लोगों की भीड़ ने सिटी एसपी पर हमला भी कर दिया. जिसके बाद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी थोड़ी देर के लिए घटनास्थल से पीछे हट गए. इसके बाद सैकड़ों जवान मौके पर पहुंचे. एसएसपी ने लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं था.
वहीं आदिवासी-मूलवासी संगठनों ने पुलिस को 12 घंटे का अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा है कि- पुलिस तत्काल हत्यारों को गिरफ्तार करे. 21 पड़हा सरना समिति, राजी पड़हा सरना समिति और आदिवासी छात्र संघ ने कहा कि पुलिस तत्काल अपराधियों को गिरफ्तार कर उन्हें सजा दिलाए.

पुलिस ने हत्यारों की तलाश शुरु कर दी है. हत्यारों की तलाश में छापेमारी की जा रही है. पूरे शहर में चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. सुभाष मुंडा के कार्यालय और अन्य जगहों पर लगे सीसीटीवी के फुटेज भी खंगाले जा रहे हैं.
वहीं आज यानी 27 जुलाई को राजधानी रांची के नगड़ी में नारो बाजार टांड़ के पास रांची गुमला मुख्य मार्ग को जाम कर दिया गया है. कांके ब्लॉक तरफ भी कुछ बंद समर्थक निकले हैं. रांची बंद को लेकर शहर के अल्बर्ट एक्का चौक पर प्रशासन मुस्तैद हैं. बंद को देखते हुए पुलिस ने पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है. वहीं, इस मामले की जांच के लिए एसआईटी की टीम का गठन भी किया गया है. वहीं ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार एसएसपी ने कार्रवाई करते हुए नगड़ी थाना प्रभारी को सस्पेंड कर दिया है.

वहीं इस घटना को लेकर प्रदेश भाजपा के कर्यकर्ता व अध्यक्ष सभी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को घेरे में ले रहे हैं और इन सब का जिम्मेदार भी उन्हें ही ठहराया जा रहा है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर तंज कसा है उन्होंने कहा, एक तरफ एक्सीडेंटल राजकुमार कानून व्यवस्था को बहाल करने के लिए पुलिस के अधिकारियों को चेतावनी दे रहे हैं और दूसरी ओर राजधानी रांची के अति व्यस्त इलाके दलादली चौक में अपराधी कम्युनिस्ट पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ चुके सुभाष मुंडा की सरेआम गोली मारकर हत्या कर देते हैं. यही है राजधानी रांची और पूरे झारखंड की कानून व्यवस्था की असलियत. जब तक घूसखोर पुलिस पदाधिकारियों को हटाकर तेजतर्रार अफसरों की नियुक्ति नहीं होगी तब तक विधि व्यवस्था सुधरेगी नहीं. जब पुलिस का ध्यान अवैध खनन और राजनीतिक आकाओं के ग़लत और पूर्वाग्रह पूर्ण हुक्म की तामील करने में होगा तो विधि व्यवस्था की कौन पूछता है ?

बताते चलें कि सीपीआई नेता सुभाष मुंडा आदिवासी परिवार से ताल्लुक रखते थे. उन्होंने 10वी यानी मैट्रिक तक की पढ़ाई की थी और उनके पास करोड़ों की संपत्ति भी थी. सुभाष मुंडा हटिया और मांडर से विधानसभा प्रत्याशी रह चुके हैं. उनके माता-पिता भी मुखिया रह चुके हैं. रिपोर्ट्स बताते हैं कि सुभाष जमीन के बड़े कारोबारी थे. बड़े पैमाने पर जमीन की खरीद-बिक्री करते थे. मुंडा की रिंग रोड से सटे दलादली चौक के पास 20 एकड़ पुश्तैनी जमीन भी है. वे दलादली स्थित मार्केट कॉम्प्लेक्स में स्वीट्स और मोमबत्ती की लघु इकाई भी चलाते थे.

इस हत्या को लेकर पुलिस आशंका जता रही है कि कहीं जमीन कारोबार को लेकर तो उनकी हत्या नहीं हुई. स्थानीय लोगों के मुताबिक, उनकी कुछ लोगों से पुरानी रंजिश भी थी. हालांकि हत्या का स्पष्ट कारण पता नहीं चल पाया है. बताया जाता है कि सुभाष मुंडा जमीन कारोबारी कमल भूषण के काफी करीबी आदमी थे और उनके साथ ही जमीन का कारोबार करते थे. कमल भूषण के कामकाज को देखने वाले आदमी की सुखदेव नगर इलाके में बीते 5 जुलाई की शाम को हत्या कर दी गई थी. इस पर सिटी एसपी ने कहा कि फिलहाल पुलिस सभी कड़ियों को जोड़ रही है और मामले की हर पहलू से जांच कर रही है.

राजधानी रांची में गोली कांड अब आम होते जा रहे हैं. आखिर इन अपराध और अपराधियों पर कब लगाम लगेगा. बड़ा सवाल यह है कि इन सब का जिम्मेदार कौन है. क्या सरकार, राज्य की पुलिस बल, राज्य की प्रशासन कौन.अब सरकार को इन अपराधों पर नकेल कसने के लिए बेहद ही सख्त कदम उठाने ही पड़ेंगे. जहां विपक्ष सीएम पर हमलावार होता जा रहा है वहीं सीएम ने इस घटना पर अब तक चुप क्यों हैं.

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