आलमगीर आलम

सफरनामा : कौन हैं आलमगीर आलम जिन्हें ईडी ने किया गिरफ्तार?

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आलमगीर आलम झारखंड की पाकुड़ विधानसभा से कांग्रेस के विधायक हैं. कांग्रेस के विधायक दल के नेता हैं. झारखंड विधानसभा के स्पीकर रह चुके हैं. अविभाजित बिहार में भी मंत्री रह चुके हैं. झारखंड की चंपई सोरेन की सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री का पद संभाल रहे हैं.

9 घंटे एजेंसी ने सवाल-जवाब किए

झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने दो दिनों की पूछताछ के बाद आज गिरफ्तार कर लिया. 14 मई को उनसे 9 घंटे एजेंसी ने सवाल-जवाब किए. आज 7 घंटे की पूछताछ के बाद उन्हें अरेस्ट कर लिया गया. उनके पीएस संजीव लाल के नौकर के घर पिछले दिनों 30 करोड़ रुपए कैश मिले थे। मामला टेंडर कमीशन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग का है.

आज ईडी ऑफिस में बने हाजत में रखा जाएगा

आलमगीर आलम को आज ईडी ऑफिस में बने हाजत में रखा जाएगा. मेडिकल जांच की जाएगी. इसके बाद उन्हें गुरुवार को 10 बजे पीएमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा. इस दौरान ईडी कोर्ट से रिमांड की मांग करेगी. 6 मई को ईडी ने रांची में राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पीएस समेत अन्य करीबियों और सरकारी पदाधिकारियों के ठिकाने पर छापेमारी की.

कौन हैं आलमगीर आलम ?

चंपई सोरेन की सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री का पद संभाल रहे आलमगीर आलम साहिबगंज जिले के बरहड़वा प्रखंड के इस्लामपुर गांव में सनाउल हक और अमीना खातुन के घर में पैदा हुए थे. उनकी शादी निशात आलम से हुई. आलमगीर आलम के दो बच्चे हैं. खेती करने वाले परिवार से आने वाले आलम बीएससी पास हैं. साल 2000, 2005, 2014 और 2019 में वह विधायक बनकर चुने गए. सियासत में वह पंडित जवाहर लाल नेहरू और राजीव गांधी को अपना आइडियल मानते हैं.

साल 1978 में आलमगीर आलम ने अपने गृह पंचायत महराजपुर से सरपंच का चुनाव जीता था. इसके बाद वह तेजी से राजनीति में सक्रिय होते हुए मंत्री पद तक पहुंच गए. वहीं आलमगीर आलम के बेटे तनवीर आलम भी राजनेता हैं. कांग्रेस ने उन्हें प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया है.

 

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