कौन हैं PVTG समुदाय, जिन पर सरकार खर्च करेगी 24 हजार करोड़ रुपए ?

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बिरसा मुंडा की जयंती यानी 15 नवंबर को पीएम मोदी PVTG समुदायों के लिए लगभग 24 हजार करोड़ की योजनाओं की सौगात देंगे.इस योजना का नाम है पीएम पीवीटीजी मिशन। साफ है कि मोदी की चिंता में देश के पीवीटीजी शामिल हैं। लेकिन ये पीवीटीजी कौन से समुदाय हैं? किस क्षेत्र में रहते हैं और उनके लिए विशेष योजनाओं की आवश्यकता क्यों पड़ रही है? आइये आपको विस्तार से बताते हैं.

पीवीटीजी यानी particularly vulnerable tribal group , यानी विशेष रुप से कमजोर जनजातीय समूह. यह आदिवासियों में भी अत्यंत पिछड़ा वर्ग हैं. जिनकी लगभग पूरी आबादी गरीबी रेखा के नीचे है.

पीवीटीजी समुदाय शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण, जन्म दर आदि पैमानों पर भी काफी पीछे हैं। इसकी मुख्य वजह है, उनकी बसावट। ज्यादातर ऐसे समुदाय पहाड़ों या उनकी ढलानों पर बसे हैं। इस वजह से वहां खेती नहीं हो पाई। कृषि के विकास क बाद भी वे वनों पर निर्भर रहे। और वर्तमान में मुख्यतः मजदूरी कर परिवार चले रहे हैं.

इनके उत्थान के लिए केंद्र और राज्य सरकार लंबे समय से काम कर रही है. 1973 में यू एन ढेबर आयोग द्वारा आदिम जनजातीय समूहों यानी PTG की एक अलग श्रेणी बनाई गई थी और 2006 इसका नाम बदल कर “विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह यानी PVTG कर दिया गया.
पूरे देश में 75 पीवीटीजी हैं वहीं झारखंड में इनकी संख्या 8 है. झारखंड में असुर, बिरहोर,बिरजिया,कोरवा,पहाड़िया, माल पहाड़िया, सौरिया पहाड़िया और सबर जनजातियां पीवीटीजी की श्रेणी में आते हैं.

वहीं झारखंड में इनकी संख्या 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 3 लाख है. जिसमें
असुर 22 हजार 459
बिरहोर 10 हदार 726
बिरजिया 6 हजार 276
माल पहाड़िया 1 लाख 35 हजार 797
सौरिया पहाड़िया 46 हजार 222
सबर 9,688
कोरवा 35 हजार 666

असुर जनजाति झारखंड में गुमला और लोहरदगा जिले में रहते हैं , वहीं बिरहोर रांची, लोहरदगा,सिमडेगा, गुमला, हजारीबाग जिले में फैले हुए हैं, बिरजिया गुमला और सिमडेगा ,कोरवा लातेहार, पलामू, माल पहाड़िया दुमका,गोड्डा पाकुड़, पहाड़िया चतरा, सौरिया पहाड़िया साहेबगंज और पाकुड़ के इलाकों में रहते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पीवीटीजी के लिए सभी आधारभूत सुविधाओं की योजना का शुभारंभ करेंगे .पीवीटीजी परिवारों और बस्तियों को रोड एंड कम्यूनिकेशन कनेक्टिविटी, बिजली, सुरक्षित आवास, स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता, बेहतर पहुंच जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए एक मिशन की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण और स्थायी आजीविका के अवसर मिल सकेंगे.

वहीं झारखंड में राज्य सरकार द्वारा इन 8 पीवीटीजी के लिए कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही है. इन योजनाओं के तहत झारखंड के पीवीटीजी परिवारों को उनके घर तक जाकर राशन पहुंचाई जाती है और उन्हें उच्च शिक्षा के लिए भी सुविधाएं दी जा रही है. ताकि ऐसे परिवार समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें और जल्द से जल्द इनके जीवन स्तर में सुधार हो पाए.

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