विष्णु अग्रवाल राज्य के एक बड़े व्यापारी हैं, उनके कई बिजिनेस चेन में से न्यूक्लियस मॉल भी है। इसके अलावा कई रिजॉर्ट और अन्य व्यापार उनके हैं। लेकिन वे चर्चा में आए अगस्त 2023 में, जब उन्हें ईडी ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। उनपर आरोप था कि उन्होंने कई अधिकारियों की मदद से रांची के विभिन्न जमीनों की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री की और अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए अधिकारियों से मनमानी काम करवाए। इसमें रांची स्थिति जगन्नाथपुर में एक जमीन का नाम पहले आया और फिर चेशायर होम रोड में एक एकड़ की जमीन भी उनके चार्जशीट में दर्ज किया गया। खुलासा हुआ कि चेशायर होम रोड में स्थित जमीन के मूल कागजात में पहले छेड़छाड़ हुई, जिसके लिए कलकत्ता के रेजिस्ट्रार कार्यालय के दो कर्मचारियों को भी सेट किया गया। कई अन्य जमीनों के घोटाले में भी कथित तौर पर उनका नाम जुड़ा और उनके खिलाफ केस मजबूत होता गया। बाद में स्वास्थ्य कारणों से उन्हें जनवरी 2024 में बेल मिल गई और वे बाहर आ गए। निर्मला सीतारमण से विष्णु अग्रवाल की मुलाकात को लेक भाजपा के प्रवक्ता से लेकर कार्यकर्ता और ट्विट ब्रिगेड के सभी सदस्य केवल एक ही तर्क दे रहे हैं कि यह कार्यक्रम भाजपा का नहीं था। जबकि मूल सवाल यह है कि क्या भाजपा और विष्णु अग्रवाल का कोई संबंध है? क्योंकि रांची में न्यूक्लियस मॉल का निर्माण भाजपा से शासन काल में हुआ था। उनका व्यापार उसी दौरान काफी तेजी से बढ़ा। लेकिन सरकार बदलने के बाद उनपर ईडी की कार्रवाई हुई और वे जेल भी गए।


भष्ट्राचार के आरोपी Vishnu Aggrawal से मिली वित्त मंत्री, JMM-Congress ने BJP को घेर क्यों घेर लिया?

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विष्णु अग्रवाल राज्य के एक बड़े व्यापारी हैं, उनके कई बिजिनेस चेन में से न्यूक्लियस मॉल भी है। इसके अलावा कई रिजॉर्ट और अन्य व्यापार उनके हैं। लेकिन वे चर्चा में आए अगस्त 2023 में, जब उन्हें ईडी ने लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया था। उनपर आरोप था कि उन्होंने कई अधिकारियों की मदद से रांची के विभिन्न जमीनों की अवैध तरीके से खरीद-बिक्री की और अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए अधिकारियों से मनमानी काम करवाए। इसमें रांची स्थिति जगन्नाथपुर में एक जमीन का नाम पहले आया और फिर चेशायर होम रोड में एक एकड़ की जमीन भी उनके चार्जशीट में दर्ज किया गया। खुलासा हुआ कि चेशायर होम रोड में स्थित जमीन के मूल कागजात में पहले छेड़छाड़ हुई, जिसके लिए कलकत्ता के रेजिस्ट्रार कार्यालय के दो कर्मचारियों को भी सेट किया गया। कई अन्य जमीनों के घोटाले में भी कथित तौर पर उनका नाम जुड़ा और उनके खिलाफ केस मजबूत होता गया। बाद में स्वास्थ्य कारणों से उन्हें जनवरी 2024 में बेल मिल गई और वे बाहर आ गए। निर्मला सीतारमण से विष्णु अग्रवाल की मुलाकात को लेक भाजपा के प्रवक्ता से लेकर कार्यकर्ता और ट्विट ब्रिगेड के सभी सदस्य केवल एक ही तर्क दे रहे हैं कि यह कार्यक्रम भाजपा का नहीं था। जबकि मूल सवाल यह है कि क्या भाजपा और विष्णु अग्रवाल का कोई संबंध है? क्योंकि रांची में न्यूक्लियस मॉल का निर्माण भाजपा से शासन काल में हुआ था। उनका व्यापार उसी दौरान काफी तेजी से बढ़ा। लेकिन सरकार बदलने के बाद उनपर ईडी की कार्रवाई हुई और वे जेल भी गए।


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