रांची से सांसद संजय सेठ ने नई दिल्ली में रक्षा मंत्रालय में अपना पदभार संभाल लिया है। संजय सेठ ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया। इस दौरान उनसे मुलाकात करने वालों का तांता लगा रहा था। संजय सेठ ने 9 जून को मंत्री पद की शपथ ली थी।
संजय सेठ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदर्शों से चल कर दोगुनी ऊर्जा से काम करूंगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और केंद्रीय नेतृत्व ने जो जिम्मेदारी सौंपी है, उस पर खरा उतरने का प्रयास करूंगा। सोमवार को उन्होंने कनॉट प्लेस स्थित हनुमान मंदिर में पूजा की। पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी संजय सेठ को मिलकर बधाई दी।
संजय सेठ की ये दूसरी जीत है। पहली बार उन्होंने साल 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था, जहां उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय को हराया था। लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस ने सुबोधकांत सहाय की जगह उनकी बेटी यशस्विनी सहाय को टिकट दिया था, लेकिन संजय सेठ के हाथों यशस्विनी सहाय को हार का सामना करना पड़ा था।
संजय सेठ झारखंड की राजनीति में चार दशक से अधिक समय से सक्रिय हैं। इनके पिता का नाम चांद नारायण सेठ और मां का नाम करुणा सेठ है। 27 नवंबर 1983 को नीता सेठ से इनका विवाह हुआ है। इनकी एक पुत्री और एक पुत्र है। कॉलेज लाइफ से ही वे सामाजिक एवं राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रहे हैं। इन्होंने बीकॉम, एलएलबी के साथ-साथ पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन बिजनेस मैनेजमेंट्स इंडस्ट्रियल एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है। कानपुर, रांची और दिल्ली तीन जगह से पढ़ाई की है।
कोडरमा की सांसद अन्नपूर्णा देवी को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गयी है। झारखंड की एक और सांसद को नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में जगह मिली है। संजय सेठ के पदभार ग्रहण के बाद से राजनीतिक हलचल में स्थिति बदल गई है। संजय सेठ की नई जिम्मेदारी के साथ ही झारखंड की राजनीति में एक नई सुबह का संकेत मिला है।