झारखंड विधानसभा में मानसूत्र सत्र का आज दूसरा दिन था. आज सदन की शुरुआत काफी हल्ला हंगामे के साथ हुई. जैसा कि कयास लगाए जा रहे थे कि आज भी सदन के बाहर धरना दिया जाएगा और वहीं हुआ भी. सदन के बाहर सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों अपनी-अपनी मांगों के साथ धरने पर उतरे.
जहां एक ओर झारखंड बीजेपी के विधायक राज्य में स्थानीय नीति लागू करने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे थे वहीं सत्ता पक्षा में मणिपुर का मुद्दा गर्माया हुआ था. सदन के बाहर सत्ता पक्ष के विधायक पोस्टर और इंडिया के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे थे.सत्ताधारी दल के विधायकों ने मणिपुर मामले को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ नारे भी लगाए. पक्ष के विधायकों ने सदन के बाहर नारा लगाते हुए कहा- तानाशाही नहीं चलेगी, मोदी सरकार होश में आओ, नरेंद्र मोदी हाय-हाय, इसके साथ ही उन्होंने अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस्तीफे की भी मांग कर दी है.
धरने के दौरान जामताड़ा से कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी केंद्र की सरकार पर आग बबूला होते नजर आए, इरफान अंसारी ने कहा- मणिपुर में आदिवासी बच्चियों के साथ दुष्कर्म किया जा रहा है और भाजपा चुप है. उन्होंने यह भी कहा कि नचनिया लोग देश नहीं चला सकता है.
वहीं बीजेपी के विधायकों ने बैनर में लिखा-झारखंडी युवाओं के लिए स्थानीय नीति लागू करो.
बीजेपी विधायक अमित मंडल ने सत्ता पक्ष के इस रवैये को गलत बताया,उन्होंने कहा कि मणिपुर के मामले से हम सभी मर्माहत हैं. लेकिन सत्ता पक्ष के लोग इस धरना धरना प्रदर्शन कर मामले को और अधिक टेंस बना रही है. केंद्र सरकार इस मामले पर गंभीर है और प्रो एक्टिव तरीके से मामले को सुलझाने की पूरी कोशिश कर रही है.
अमर बाउरी ने भी सत्ता पक्ष के इस बर्ताव को गलत ठहराया और कहा कि झारखंड में हो रहे आदिवासियों की हत्या पर राज्य सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है. चाहे वो सुभाष मुंडा की हत्या हो या रुबिका पहाड़िया हत्याकांड हो. बाउरी ने कहा मणिपुर का मुद्दा उठाकर सत्ता दल झारखंड के मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाना चाह रहा है.
वहीं 11 बजे से सदन की कार्यवाही की शुरुआत प्रश्नकाल के साथ हुई. सदन शुरु होने के बाद भी कई विधायक धरने पर बैठे रहे और सदन में नारों के साथ सदन के कार्य में बाधा डालते नजर आए.
सदन के अंदर भी भाजपा विधायक ने झारखंड में हो रहे आदिवासियों की हत्या का सवाल उठाया. अमर बाउरी ने सरकार झारखंड के लॉ एंड ऑर्डर पर चर्चा करने का सुझाव देते हुए कहा कि राज्य सरकार को अविलंब इस्तीफा देना चाहिए.
बगोदर विधायक विनोद सिंह ने आज सदन में राज्य में हो रहे महिला अपराध और सजा की घटती दर को लेकर सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि राज्य में महिला अपराध में दोषी पाए गए लोगों में अब तक सिर्फ 25 प्रतिशत दोषियों को ही सजा हो पाई है. विनोद सिंह ने महिला थाना प्रभारी की नियुक्ति की भी मांग की है. इस पर संसदीय मंत्री आलमगीर आलम ने सरकार की तरफ से जवाब में कहा कि महिला थाना की संख्या बढ़ाई जाएगी.
प्रश्न काल के बाद सदन आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई जिसके पश्चात 12 बजे शून्य काल के साथ-साथ सदन की शुरुआत हुई.
शून्य काल में विधायकों ने अपने क्षेत्र विशेष के समस्याओं को सदन के समक्ष रखा और सरकार से इसे सभी मांगों को पूर्ण करने की मांग की.
वहीं विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो सदन में बार-बार धरना पर बैठे विधायकों को अपना आसन ग्रहण करने का अनुरोध करते नजर आए.
शून्य काल में सरायकेल खरसावां विधायक दशरथ गगराई ने झारखंड में नियोजन नीति लागू करने की मांग सरकार के समक्ष रखी वहीं जुगसलाई विधायक मंगल कालिंदी ने झारखंड को एजुकेशन हब बनाने की मांग सदन के माध्यम से सरकार से की है.
जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी ने पीडीएस डीलरों के लिए सदन में अपनी आवाज उठाई. इरफान अंसारी ने मांग की कि राशन डीलरों का बकाया कमीशन जल्द से जल्द भुगतान किया जाए और उनका कमीशन 1 प्रतिशत से बढ़ाकर 3 प्रतिशत किया जाए. इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि इन डीलरों के मरणोपरांत उनके बच्चों को भी लाभ मिले.
गोमिया विधायक लंबोदर महतो ने सदन में बेरमो को जिला घोषित करने की मांग की है, इसके साथ ही अन्य विधायकों ने अपनी मांगों को भी सदन के माध्यम से सरकार के समक्ष रखी.
शून्य काल के बाद वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 11,988 करोड़ का साल 2023-24 का पहला अनुपूरक बजट पेश किया. जिसके बाद सदन की कार्यवाही कल यानी 1 अगस्त 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. सदन के आगे की कार्यवाही कल 11 बजे से शुरु होगी.