झारखंड चुनाव में इन मंत्री-विधायकों की प्रतिष्ठा दांव पर

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Ranchi : झारखंड में चुनाव का बिगुल बज चुका है. सभी दल अपने प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं.

एनडीए फोल्डर में उम्मीदवारों के नामों पर सहमित बन गई है. हालांकि इंडिया गठबंधन में प्रत्याशियों को लेकर सहमति बन पाई है या नहीं ये कहना थोड़ा मुश्किल है.

हेमंत सीट शेयरिंग फॉर्मूले को तय करने जाएंगे दिल्ली 

चर्चा है कि इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तलाशने के लिए एक औऱ दौर की बातचीत के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली जायेंगे. दिल्ली में उनकी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कुछ अन्य नेताओं से मुलाकात हो सकती है. खैर!

22 मंत्री व विधायक दोबारा लड़ेंगे चुनाव

हम चर्चा करेंगे उन दिग्गज नेताओं की जिनकी प्रतिष्ठा पहले और दूसरे चरण की वोटिंग में दांव पर लगेगी. गौरतलब है कि कुल 22 मंत्री और विधायक ऐसे हैं जिनकी प्रतिष्ठा दांव पर है. और यही वजह है कि जहां से ये 22 लोग चुनाव लड़ेंगे वह हॉटसीट बन जायेगा.

अब इन 22 नेताओं में कौन लोग हैं. कितने मंत्री हैं और कितने विधायक. वे किन संभावित सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं. आगे विस्तार से इसकी चर्चा करेंगे.

गौरतलब है कि चुनाव की तारीखों के ऐलान होने के साथ ही राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए है. सभी दल इस बार फिर से पुराने चेहरों पर ही दांव लगाने की तैयारी में है.

BJP से ये दिग्गज नेता उतरेंगे चुनावी मैदान में

पहले हम भाजपा के बारे में बात करते हैं जो अपने दिग्गज नेताओं को दोबारा चुनावी मैदान में उतार रही है. पहला नाम है पूर्व मुख्यमंत्री व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का.

  • बाबूलाल मरांडी जनरल सीट राजधनवार से चुनावी मैदान में उतरेंगे, पिछले चुनाव में बाबूलाल मरांडी झाविमो के टिकट पर चुनाव जीते थे. हालांकि, चुनाव जीतने के बाद उन्होंने झाविमो का बीजेपी में विलय कर दिया था.
  • दूसरा नाम है नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी का. अमर बाउरी अपनी ही सीट चंदनकियारी से चुनाव लड़ेगे. हालांकि, पहले ये चर्चा थी कि अमर बाउरी को कांके शिफ्ट किया जा सकता है.
  • तीसरा नाम है. बिरंची नारायण का. बिरंची नारायण एक बार फिर से बोकारो सीट से ही चुनावी मैदान में नजर आएंगे. बता दें कि बिरंची नारायण 2 बार इस सीट से चुनाव जीत चुके है. पार्टी ने एक बार फिर से उनपर विश्वास जताया है.
  • चौथा नाम रणधीर कुमार सिंह का है. रणधीर सिंह ने सारठ से 2 बार लगातार चुनाव जीता है. साल 2014 में झाविमो की टिकट से और 2019 में भाजपा के टिकट पर. भाजपा एक बार फिर से रणधीर सिंह को सारठ से टिकट देने जा रही है. आपको बता दें कि रणधीर सिंह रघुबर सरकार में कृषि मंत्री भी रह चुके है. अब देखना होगा कि रणधीर सिंह इस बार के चुनाव में जीत की हैट्रिक लगा पाते है या नहीं.
  • 5वां नाम भावनाथपुर से भानु प्रताप शाही, इस बार फिर से भाजपा की टिकट पर इसी सीट पर चुनाव लड़ेगे. भानु प्रताप शाही मधु कोड़ा की सरकार में मंत्री रह चुके है.
  • छठा नाम है नीलकंठ सिंह मुंडा का है. ये बीजेपी की लगभग सभी सरकारों में मंत्री रहे है. रघुबर सरकार में भी ये ग्रामीण विकास मंत्री रहे. इस बार भी इनका नाम भाजपा प्रत्याशियों की लिस्ट में शामिल किया गया है. चर्चा है कि बीजेपी इन्हें फिर खूंटी विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनायेगी.
  • सातवां नाम है कोडरमा से विधायक नीरा यादव का. नीरा यादव रघुवर सरकार में शिक्षा मंत्री रही हैं. लगातार 2 बार चुनाव भी जीता था. भाजपा इस बार फिर से इनपर दांव लगने जा रही है.

इसी क्रम में आगे बढ़ते है. अब हम आपको बताएंगे वैसे संभावित प्रत्याशी के बारे में जिन्होंने इसी साल दूसरे दलों का साथ छोड़ बीजेपी ज्वॉइन किया है. इनमें पहला नाम है गीता कोड़ा, चंपाई सोरेन और कमलेश सिंह का.

  • गीता कोड़ा 2019 के लोकसभा चुनाव में चाईबासा सीट से कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुनी गयी थीं. 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले गीता कोड़ा बीजेपी में आ गयीं. पार्टी ने टिकट भी दिया लेकिन झामुमो की जोबा मांझी से हार गयीं. हालांकि, बीजेपी गीता कोड़ा पर फिर एकबार भरोसा करके चाईबासा संसदीय सीट के जगन्नाथपुर से टिकट देने जा रही है.
  • हाल ही में झामुमो छोड़ बीजेपी में आये कोल्हान टाईगर चंपाई सोरेन का सरायकेला से चुनाव लड़ना तय है. चंपाई सोरेन ने सरायकेला सीट पर लगातार 5 बार जीत हासिल की है. गौरतलब है कि जब 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को ईडी ने कथित जमीन घोटाला केस में गिरफ्तार किया था तो चंपाई सोरेन मुख्यमंत्री बनाये गये थे. हेमंत सोरेन जेल से लौटे तो चंपाई से पद छोड़ने को कहा. चंपाई सोरेन ने इसे अपमान माना और पार्टी छोड़ दी. अब वे बीजेपी का हिस्सा हैं.
  • वहीं हुसैनाबाद से कमलेश सिंह का नाम भी उल्लेखनीय है. भाजपा इन्हें इसी सीट से चुनाव लड़ा सकती है, कमलेश सिंह एनसीपी के एकलौते विधायक थे. हालांकि कमलेश सिंह अब भाजपाई हो चुके है.

सहयोगी दलों से ये लड़ेंगे चुनाव 

वहीं हम एनडीए फोल्डर आजसू और जदयू की बात करें तो. जमशेदपुर पूर्वी से विधायक सरयू राय ने हाल ही में जदयू का दामन थामा है.

सरयू राय रघुबर दास की सरकार में मंत्री रहे हैं. पिछले चुनाव में टिकट नहीं मिलने की आशंकाओं और तात्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास से खींचतान के बाद उन्होंने जमशदेपुर पूर्वी से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा और जीते. इस बार एनडीए फोल्डर से जमशेदपुर पश्चिमी से जदयू की टिकट पर चुनाव लड़ेगे.

जबकि सिल्ली विधानसभा सीट से पूर्व उप मुख्यमंत्री व आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो चुनाव लड़ने वाले है. सुदेश महतो इस सीट से कई बार चुनाव जीता है.

अब हम आते है इंडिया गठबंधन में कई ऐसे दिग्गज नेता है जिनपर फिर से पार्टी दांव लगने जा रही है.

पहले चर्चा झामुमो की.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक बार फिर से अपनी परंपरागत सीट बरहेट से चुनाव लड़ सकते है. हेमंत सोरेन पिछले चुनाव में 2 सीटों पर चुनाव लड़े थे. बरहेट और दुमका. दोनों सीटों पर जीते भी. बाद में दुमका सीट छोड़ दी. उपचुनाव में उनके छोटे भाई बसंत सोरेन जीते.

इस बार चर्चा है कि हेमंत सोरेन केवल बरहेट सीट पर ही चुनाव लड़ेंगे. प्रत्याशियों की लिस्ट जारी होगी तो मामला स्पष्ट होगा.

नाला सीट से रवींद्रनाथ महतो का चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है. रवींद्रनाथ महतो विधानसभा अध्यक्ष भी है. झामुमो के दिग्गज नेताओं में भी ये शामिल है.

गांडेय से कल्पना मुर्मू सोरेन चुनावी मैदान में उतरेंगी. कल्पना सोरेन पति हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद राजनीति में सक्रिय हुईं. कल्पना सोरेन ने लोकसभा चुनाव के दौरान हुए गांडेय उपचुनाव में भारी मतों से जीत दर्ज की थी. इस बार फिर से तय माना जा रहा है कि कल्पना सोरेन यहां से चुनाव लड़ेगी.

दुमका से हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन को टिकट मिलना तय माना जा रहा है. चंपाई सरकार में बंसत सोरेन मंत्री भी रह चुके है.

गढ़वा से मिथिलेश ठाकुर पहली बार विधायक निर्वाचित होने के साथ ही हेमंत सरकार में मंत्री बने. हाल ही में इनका कद भी बढ़ा. इस बार तय माना जा रहा है कि मिथिलेश ठाकुर पर झामुमो एक बार फिर से भरोसा कर उम्मीदवार घोषित कर सकती है.

कांग्रेस की बात करें तो

जामताड़ा से एक बार फिर मंत्री इरफान अंसारी पर कांग्रेस दांव लगने जा रही है. इरफान अंसारी को हाल ही में मंत्री पद दिया गया है.
वहीं पौडेयाहाट से कांग्रेस प्रदीप यादव को टिकट दे सकती है.

प्रदीप यादव पिछले विधानसभा चुनाव में झाविमो की टिकट से चुनाव लड़े. बाद में कांग्रेस में शामिल हो गये.टइंडियां ब्लॉक के सहयोगी पार्टी भाकपा माले की बात करें तो गठंबधन के तहत यह सीट माले को मिल सकती है.

ऐसे में प्रबल संभावना है कि सीटिंग विधायक होने के नाते बगोदर से विनोद कुमार सिंह को टिकट मिले.. विनोद सिंह यहां से कई बार चुनाव जीत चुके है.

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