झारखंड देश का पहला राज्य बनने वाला है, जहां हाइड्रोजन ईंधन संयंत्र लगाया जाएगा. झारखंड के जमशेदपुर शहर में इसे लगाया जाएगा. बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी मंजूरी दे दी है. हाइड्रोजन ईंधन संयंत्र की स्थापना टाटा मोटर्स लिमिटेड और अमेरिकी कंपनी कमिंस इंक के सहयोग से किया जा रहा है. और इसका संचालन टाटा ग्रीन एनर्जी सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा किया जाएगा.
सीएम हेमंत ने किया एमओयू पर हस्ताक्षर
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उद्योग विभाग की पहल पर जमशेदपुर में देश की पहली हाइड्रोजन ईंधन की उद्योग की स्थापना के लिए आज शुक्रवार को एमओयू साइन किया गया. बता दें कि इस प्रोजेक्ट के लिए प्रशासनिक स्वीकृति पहले ही मिल चुकी है. मिली जानकारी के अनुसार यहां से तैयार इंधन को सबसे पहले ट्रकों में इस्तेमाल किया जाएगा.
28 जुलाई को झारखंड सरकार में दे दी थी स्वीकृति
इसको लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बीते 28 जुलाई को मेसर्स टाटा मोटर्स व मेसर्स कमिंस इंक, यूएसए के संयुक्त उपक्रम टीजीइएसपीएल द्वारा जमशेदपुर में हाइड्रोजन इंटरनल कोंबुशटेशन इंजन, एडवांस कैमिस्ट्री बैटरी फ्लाइट एग्नोस्टिक इंजन, , एचटू फ्यूल सेल व एचटू फ्यूल डिलीवरी सिस्टम निर्माण ईकाई की स्थापना के लिए टाटा ग्रीन एनर्जी सोल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड व राज्य सरकार के उद्योग विभाग के बीच एमओयू की स्वीकृति प्रदान की थी.
जमशेदपुर में विश्व का दूसरा प्लांट होगा
जमशेदपुर में लगने वाला हाइड्रोजन ईंधन प्लांट पूरे विश्व का दूसरा हाइड्रोजन प्लांट होगा. बता दें कि इससे पहले एकमात्र हाइड्रोजन इंजन प्लांट जर्मनी में लगाया गया है.
पूरे देश को होगा फायदा
जमशेदपुर में बनने वाले हाइड्रोजन ईंधन के प्लांट से पूरे देश को फायदा होगा. हाइड्रोजन की क्षमता अन्य ईंधनों के मुकाबले अधिक होती है. हाइड्रोजन दूसरे ईंधन से सस्ता और हल्का होने के अलावा हाइड्रोजन ईंधन का एनर्जी लेबल भी ज्यादा होता है. हाइड्रोजन ईंधन से प्रदूषण को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. इसे पेट्रोल-डीजल का बेहतर विकल्प माना जा रहा है.