हेमंत कैबिनेट

झारखंड की इन 5 सीटों पर अब तक झामुमो के सामने कोई नहीं टीक पाया !

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झारखंड में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है.चुनाव नवंबर महिने में दो चरणों में होंगे. 13 और 20 नवंबर को झारखंड की जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करेगी वहीं 23 नवंबर को नतीजे घोषित कर दिए जाएंगे. चुनाव के मद्देनजर हम आपके साथ राज्य के विभिन्ना सीटों पर अलग-अलग पहलूओं से बात कर रहे हैं. आज की वीडियो में हम आपको बताएंगे कि झारखंड अलग राज्य बनने के बाद कई सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा का एकछत्र राज रहा है. वो सीटें जो झामुमो की सबसे सीट मानी जाती हैं. हम राज्य के ऐसे ही 5 सीटों की चर्चा करेंगे जहां से झामुमो अब तक नहीं हारी है.

ये है वो 5 सीटें –

झारखंड का बरहेट, लिट्टीपाड़ा, शिकारीपाड़ा, डुमरी और सरायकेला वे सीटें हैं जिस पर कभी कोई भी पार्टी झामुमो को मात नहीं दे पाई है. बरहेट से हेमंत सोरेन लगातार 2014 और 2019 में विजयी रहे हैं. एक बार फिर कहा जा रहा है कि हेमंत सोरेन बरहेट से ही चुनाव लड़ सकते हैं.

बरहेट

ऐसे में उन्हें मात देना विरोधियों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकती है. हेमंत सोरेन से पहले बरहेट सीट पर 2009 में झामुमो के हेमलाल मुर्मू और 2005 में थॉमस सोरेन जीत हासिल कर चुके हैं. लगातार जीत की वजह से यह सीट झामुमो की सबसे सेफ सीटों में से एक मानी जाती है.

शिकारीपाड़ा

शिकारीपाड़ा सीट पर भी झामुमो को कभी भी हार का सामना नहीं करना पड़ा. इस सीट पर नलिन सोरेन अजेय रहे हैं. 2024 के चुनाव में उन्होंने दुमका से लोकसभा चुनाव लड़कर जीत हासिल की है. इसलिए उन्हें शिकारीपाड़ा सीट से इस्तीफा देना पड़ा. नलिन यहां से साल 2000, 2005, 2009, 2014 और 2019 में विधायक रहे.

डुमरी

डुमरी विधानसभा सीट भी झामुमो का एक अभेद्य किला है. झारखंड गठन के बाद से यहां पर किसी और पार्टी ने जीत हासिल नहीं की है. यहां से झामुमो के कद्दावर नेता रहे जगरनाथ महतो ने 2005 से 2019 तक लगातार जीत दर्ज की. उनके निधन के बाद पार्टी ने उनकी पत्नी बेबी देवी को यहां से टिकट दिया और उन्होंने भी इस सीट पर जीत दर्ज करते हुए झामुमो के गढ़ को सुरक्षित रखा. 2024 के चुनाव में भी यहां से मंत्री बेबी देवी को टिकट दिए जाने की चर्चा है.

सरायकेला

कोल्हान प्रमंडल की सरायकेला सीट पर भी झामुमो अजेय रहा है. यहां से पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन झारखंड गठन के बाद से ही जीत हासिल करते आ रहे हैं. लेकिन खास बात ये है कि इस बार चंपाई बीजेपी में हैं. ऐसे में ये देखना दिलचस्प होगा कि क्या यहां पर झामुमो जीत पाती या एक बार फिर यहां से चंपाई सोरेन विजयी होकर कमल खिलाते हैं.

लिट्टीपाड़ा

झारखंड के लिट्टीपाड़ा सीट पर भी झामुमो के प्रत्याशी लगातार जीत हासिल करते आ रहे हैं. संथाली और पहाड़िया जनजाति वाले इस विधानसभा क्षेत्र में झामुमो की काफी अच्छी पकड़ है. यहां पर साइमन मरांडी और उनके परिवार का काफी दबदबा रहा है.

हालांकि अब 2024 के चुनाव में क्या होता है क्या झामुमो एक बार फिर इन सीटों पर अजेय रहेगी या इस बार झामुमो का किला कोई पार्टी गिरा देगी. ये तो 23 नवंबर को ही पता चलेगा

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