झारखंड में इंडिया गठबंधन में 81 में से 70 विधानसभा सीटों पर सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो गया है.
हालांकि, इसका आधिकारिक ऐलान होते ही गठबंधन में दरार के संकेत मिल रहे हैं.
दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय करने की जानकारी देने के बाद आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा के बयान से बवाल हो गया है.
उन्होंने सीट शेयरिंग के फॉर्मूले को एकतरफा करार दिया है.
मनोज झा ने कहा कि जिस तरह से झामुमो और कांग्रेस ने गठबंधन को लेकर एकतरफा फैसला किया वह सही नहीं है.
All options open for us: RJD’s Manoj Kumar Jha after Jharkhand CM’s announcement of JMM, Cong contesting 70 of 81 assembly seats
— Press Trust of India (@PTI_News) October 19, 2024
तेजस्वी यादव को नहीं थी सीट शेयरिंग की जानकारी!
रांची में मीडिया से मुखातिब संजय झा ने कहा कि तेजस्वी यादव रांची में मौजूद हैं. बावजूद इसके उनको गठबंधन को लेकर किए जाने वाले ऐलान की सूचना नहीं दी गयी.
एकतरफा तरीके से कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा ने 70 सीटों पर गठबंधन का ऐलान कर दिया है.
हमें 5 ही सीट दिए जाने की बात कही है.
मनोज झा ने कहा कि 2019 में हमारे उम्मीदवार 5 सीटों पर दूसरे नंबर पर रहे थे. मनोज झा ने कहा कि आरजेडी झारखंड में 1 दर्जन से ज्यादा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने में सक्षम है.
मनोज झा ने कहा कि आरजेडी के पास झारखंड में सारे विकल्प खुले हैं.
अब आरजेडी के इस रूख ने झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले इंडिया गठबंधन की मुश्किलें बढ़ा दी है.
गौरतलब है कि आज ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने संयुक्त प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए ऐलान किया था कि दोनों पार्टियां मिलकर प्रदेश की 81 में से 70 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
बाकी 11 सीटें अन्य घटक दल आरजेडी और भाकपा (माले) को दी जायेगी.
गुरुवार को सीएम हाउस में हुई थी मीटिंग
गौरतलब है कि गुरुवार को ही मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा और संजय यादव से मुलाकात की थी. कहा जा रहा है कि इस मुलाकात में दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर चर्चा हुई थी.
बता दें कि आरजेडी शुरुआत से ही झारखंड विधानसभा चुनाव में कम से कम 22 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग करती रही है.
कहा जा रहा है कि सीट शेयरिंग के तहत आरजेडी को 5 सीटें दी जायेंगी लेकिन, पार्टी इससे खुश नहीं है.
सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय होते ही उठा विवाद
सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय होते ही नया विवाद सामने आ गया.
मनोज झा ने आरोप लगाया है कि तेजस्वी यादव के रांची में होने के बावजूद उनको गठबंधन के तहत सीट शेयरिंग के ऐलान की जानकारी नहीं दी गयी.
यदि मनोज झा के आरोपों में सच्चाई है तो क्या गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है.
मनोज झा ने विकल्प खुले होने की बात कही है. क्या वाकई में आरजेडी इंडिया गठबंधन से अलग 2 दर्जन सीटों पर अकेले चुनाव लड़ सकती है.
यदि ऐसा हुआ तो क्या इंडिया गठबंधन को नुकसान नहीं होगा.
बड़ा सवाल ये भी है कि सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तलाशने के लिए इतना वक्त लेने के बाद और कई दौर की बैठकों के बाद भी दलों के बीच विश्वास की कमी है.
मुख्यमंत्री ने भाकपा (माले) के नेताओं से भी मुलाकात की थी. क्या वे भी दी गयी सीटों से खुश हैं.
बड़ा सवाल है कि क्या गुरुवार को तेजस्वी यादव को सारी बातों से अवगत नहीं कराया गया था.
क्या हेमंत सोरेन ने तेजस्वी यादव को सीट शेयरिंग के मसले पर अंधेरे में रखा.
मनोज झा जो कह रहे हैं, इशारों-इशारों में गठबंधन में विश्वासघात का आरोप लगा रहे हैं.
क्या इस विवाद का खामियाजा गठबंधन और झारखंड मुक्ति मोर्चा को आगामी चुनावों में भुगतना पड़ेगा.