झारखंड में राशन कार्ड के आवेदन किए जा रहे हैं रद्द, बाबूलाल ने सीएम सोरेन पर साधा निशाना

Share:

झारखंड में अब नए राशन कार्ड बनवाने को लेकर भी गड़बड़ियो की खबर सामने आ रही है. कुछ अधिकारी अपने स्तर पर राशन कार्ड के आवेदन बिना त्रुटियों के ही रद्द कर दे रहे हैं. और अब झारखंड में राशन कार्ड गड़बड़ी का मुद्दा राजनीतिक रुप लेता दिख रहा है. राशन कार्ड आवेदन रद्द किए जाने को लेकर भाजपा ने हेमंत सरकार को दोषी ठहराया है.

दरअसल, लातेहार जिले के विभिन्नआ प्रखंडों में 145 राशन कार्ड के आवेदन रद्द कर दिए जाने की खबर सामने आई है. इसके पीछे कारण बताया गया है कि आवेदकों ने आवेदन के साथ जाति प्रमाणपत्र संलग्न नहीं किया था इसलिए इनके आवेदन रद्द कर दिए गए हैं.

राज्य खाद्य आयोग को मिली शिकायत के अनुसार बीते तीन महीने लातेहार जिले में 145 आवेदन रद किए गए. इसमें बरवाडीह प्रखंड के 28, लातेहार प्रखंड के 27, महुआडाड़ प्रखंड के 17, गारू प्रखंड के 16 और बारियातू प्रखंड के 16 राशनकार्ड के आवेदन सम्मिलित हैं. संबंधित प्रखंडों के आपूर्ति पदाधिकारी ने आवेदकों के राशनकार्ड के आवेदन अस्वीकृत किए हैं.

रिपोर्ट्स की माने तो राशन कार्ड बनवाने के लिए जाति प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने का कोई प्रविधान है ही नहीं .

बता दें कि राशन कार्ड उन official document को कहा जाता है जिन्हें की state governments के द्वारा issue किया जाता है. जिसके मदद से लाभार्थी Public Distribution System के अंतर्गत रियायती यानी कम दरों में अनाज और दुसरे खाद्य प्रदार्थ खरीद सकते हैं . आसान भाषा में कहें तो ये एक ऐसा महत्वपूर्ण दस्तावेज है जिसके इस्तेमाल से भारत के आम नागरिक उचित मूल्य में राशन डिपो से सामान खरीद सकते हैं.

प्राप्त जानकारी के अनुसार राशन कार्ड बनवाने के लिए आवेदक को आधार कार्ड, पैन कार्ड,आय प्रमाण पत्र, पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र ,पानी व बिजली का बिल, पासपोर्ट साइज फोटो की आवश्यकता होती है. राशन कार्ड बनवाने के लिए कही भी जाति प्रमाण पत्र का जिक्र नहीं किया गया है.
वहीं इस मामले में झारखंड भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. बाबूलाल ने ट्वीट कर लिखा कि- नए नियमों के तहत राशनकार्ड बनवाने के लिए जाति प्रमाण पत्र संलग्न किए जाने की आवश्यक नहीं है l फिर भी हेमंत सरकार के एक सिरफिरे अधिकारी ने जाति प्रमाण पत्र नहीं रहने के कारण सैकड़ों आवेदन रद्द कर दिए .मैं लगातार कह रहा हूं कि, हेमंत सोरेन राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था पर अपना नियंत्रण खो चुके हैं l पैसे लेकर अधिकारियों के ट्रांसफर पोस्टिंग की विवशता से हेमंत अफसरशाही के नतमस्तक हो चुके हैं .हेमंत की लालच का खामियाजा झारखंड की गरीब, शोषित, वंचित जनता को भुगतना पड़ रहा है.ऐसे अतृप्त, लोभी, नकारे मुख्यमंत्री को झारखंड की जनता सत्ता से बेदखल कर ही दम लेगी .

अब राज्य खाद्य आयोग ने राज्य सरकार के खाद्य आपूर्ति विभाग को निर्देश दिया है कि पूरे मामले की जांच कर दोषी पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए. यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का उल्लंघन है. इस मामले में राज्य खाद्य आयोग के सदस्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि खाद्य वितरण एवं उपभोक्ता विभाग को पत्र लिखते हुए कहा है कि नया राशनकार्ड के लिए पीडीएस कंट्रोल आर्डर-2022 निर्धारित अर्हता में जाति प्रमाणपत्र को संलग्न किए जाने का कोई प्रविधान नहीं है. इसके बावजूद प्रमाणपत्र संलग्न नहीं करने को आधार बनाकर आम लोगों के आवेदनों को रद्द कर दिया चिंताजनक है और यह संबंधित पदाधिकारियों की मनमानी कार्यशैली को दर्शाता है.

आयोग ने कहा है कि ऐसे पदाधिकारियों के विरुद्ध जांच कर कार्रवाई की जाए और उससे राज्य खाद्य आयोग को भी अवगत कराया जाए.

Tags:

Latest Updates