बाबूलाल मरांडी और रांची पुलिस मोरहाबादी मैदान में हुई आक्रोश रैली को लेकर आमने-सामने आ गये हैं. आक्रोश रैली में बीजेपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद बाबूलाल मरांडी ने रांची के एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा पर गंभीर आरोप लगाये थे.
अब रांची पुलिस ने बाबूलाल मरांडी को इन्हीं आरोपों को जवाब दिया है. बाबूलाल मरांडी द्वारा एसएसपी पर झामुमो कार्यकर्ता की तरह व्यवहार करने के आरोपों का जवाब देते हुए रांची पुलिस ने कहा कि मुख्यमंत्री जैसे उच्च संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति की सुरक्षा के लिए उनके जवान अपना दायित्व निभा रहे थे.
पुलिस पदाधिकारियों और जवानों को झामुमो कार्यकर्ता कहना उचित नहीं है.
बाबूलाल मरांडी ने क्या ट्वीट किया था
दरअसल, बाबूलाल मरांडी ने रांची एसएसपी द्वारा की गई उस टिप्पणी की आलोचना की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत माता की जय कहते हुए बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने जवानों पर पत्थर बरसाये. भारत माता की जय कहते हुए भारत माता के जवानों पर पत्थर बरसाना सही कृत्य नहीं है.
एसएसपी के इस बयान को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (एक्स) पर साझा करते हुए बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाये थे कि एसएसपी का बयान झामुमो कार्यकर्ता की तरह है. इस बयान को आपत्तिजनक करार देते हुए बाबूलाल मरांडी ने एसएसपी पर राजनीतिक पूर्वाग्रह से ग्रसित होने का आरोप लगाया था.
बाबूलाल मरांडी ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि एसएसपी और उनकी पुलिस ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया. निहत्थे युवाओं और महिलाओं पर हेमंत सरकार और एसएसपी के इशारे पर टीयर गैस, वाटर कैनन और लाठियों का इस्तेमाल किया गया जिससे लोग जख्मी हुए.
बाबूलाल मरांडी ने आरोप लगाया था कि पुलिस बांग्लादेशी घुसपैठ, संगठित अपराध और तस्करी पर लगाम नहीं लगा पा रही और राजनैतिक कार्यकर्ता की तरह व्यवहार कर रही है. अब रांची पुलिस ने इन आरोपों पर जोरदार पलटवार किया है. आरोपों को निरर्थक और बेबुनियाद बताया है.
बाबूलाल मरांडी के आरोपों पर रांची पुलिस का जवाब
बाबूलाल मरांडी को संबोधित करते हुए रांची पुलिस ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (एक्स) पर लिखा है कि आरोप निरर्थक और बेबुनियाद हैं. पुलिस ने जिम्मेदारी निभाई.
घटना वाले दिन के वीडियो फुटेज बताते हैं कि रांची पुलिस ने संयम दिखाया. विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए न्यूनतम बल-प्रयोग किया. पुलिस ने कार्यकर्ताओं को पत्थरबाजी नहीं करने की अपील की.
शांतिपूर्ण कार्यक्रम करने का अनुरोध किया लेकिन वे बैरिकेडिंग तोड़ आगे बढ़ने को उतारू थे. उल्टा कार्यकर्ताओं द्वारा बरसाए पत्थरों से पुलिस के पदाधिकारी और कर्मी घायल हो गये. रांची पुलिस ने फिर से दोहराया कि बीजेपी कार्यकर्ता पुलिसकर्मियों पर पत्थर बरसाते हुए भारत माता की जय के नारे लगा रहे थे.
इसी संदर्भ में मीडिया के सवाल का एसएसपी ने जवाब दिया था.
रांची पुलिस ने इस दौरान यह भी बताया कि कैसे सरायकेला-खरसावां का एसपी रहते चंदन कुमार सिन्हा ने वर्ष 2017-18 में तात्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यक्रम में व्यवधान पैदा करने की कोशिश करने वाले झामुमो कार्यकर्ताओं को रोका. केस दर्ज किया.