बिहार सरकार को पटना हाई कोर्ट से बड़ा झटका, जातीय जनगनणा पर रोक

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बिहार में हो रही जातीय जनगणना पर पहले से ही राजनीतिक पार्टियों में बयानबाजी का दौर चल रहा है. बीजेपी इसका विरोध कर रही है तो बिहार की नीतीश-तेजस्वी सरकार इसका पूरा श्रेय लेने में लगी है. इसी बीच आज यानी 04 मई, 2023 को पटना हाई कोर्ट से महागठबंधन सरकार को बड़ा झटका लगा है. कोर्ट ने राज्य में चल रहे जातीय जनगणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है. बता दें कि पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस वी चन्द्रन की बेंच ने ये फैसला सुनाया है. वहीं, अब इस मामले पर अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी.

केंद्र सरकार जातीय जनगणना के खिलाफ

बता दें कि बिहार की नीतीश कुमार की सरकार शुरू से ही जातिगत जनगणना के पक्ष में रही है. नीतीश कुमार की सरकार ने 18 फरवरी 2019 और फिर 27 फरवरी 2020 को जातीय जनगणना का प्रस्ताव बिहार विधानसभा और विधान परिषद में पास करा चुकी है. वहीं, इस जनगणना के खिलाफ में केंद्र सरकार हमेशा से रही है. केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया गया था, जिसमें साफ कहा गया था कि जातिगत जनगणना नहीं कराई जाएगी. इसके पीछे केंद्र की ओर से तर्क दिया गया था कि ओबीसी जातियों की गिनती करना लंबा और बेहद कठिन काम है.

जातिगत जनगणना का काम हो चुका है शुरू

बता दें कि बिहार में जातिगत जनगणना का काम जनवरी 2023 से ही शुरू हो चुका है. इसे मई के अंत तक पूरा करने की योजना थी. लेकिन अब पटना हाई कोर्ट ने इसपर 3 जुलाई तक रोक लगा दी है. ऐसे में अब राज्य सरकार को जनगणना का काम रोकना होगा.

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