अब झारखंड में भू माफियाओं पर होगी सख्त कार्रवाई, पुलिस की तैयारी पूरी

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अब राजधानी रांची में भू माफियाओं को बख्सा नहीं जाएगा. रांची पुलिस इन पर लगाम कसने की पूरी प्लानिंग कर चुकी है. झारखंड में अपराध का ग्राफ दिन बा दिन बढ़ता ही जा रहा है. खासतौर पर राजधानी रांची में भू माफियाओं का अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है. जमीन माफिया अपना दबदबा बनाने के लिए सरेआम लोगों की गोली मारकर हत्या कर दे रहे हैं.
पुलिस के आंकड़े बताते हैं रांची में पिछले 5 साल में ही भूमि विवाद के कम से कम 560 मामले थाने पहुंचे हैं. और इसी साल यानी एक अगस्त 2023 तक आर्म्स एक्ट के 268 मामले थाने में दर्ज हो चुके हैं.

राजधानी रांची में जमीन के दाम आसमान छू रहे हैं इसलिए भू-माफिया जमीन पर कब्जा कर रहे हैं. रांची में जमीन विवाद के मामले लगातार बढ़ रहे हैं साथ ही भू-माफियाओं की दबंगई भी बढ़ती जा रही है. जमीन माफिया फर्जी लाइसेंस पर हथियार खरीद रहे और मॉडिफाई भी करा रहे.

लेकिन अब रांची में भू माफियाओं को बिल्कुल बख्शा नहीं जाएगा. पुलिस प्रशासन पूरी प्लानिंग के साथ इन पर शिकंजा कसने की तैयारी में है. दरअसल बीते कल यानी 7 अगस्त को प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार ने भू-माफिया पर लगाम कसने के लिए रांची के अधिकारियों के साथ बैठक की है. अब इन भू-माफियाओं पर लगाम कसने के लिए रांची के अंचल कार्यालय और थाने मिलकर काम करेंगे.

इस बैठक में रांची शहर और आसपास के सभी थानेदार, अंचल अधिकारी, सीआई भी शामिल हुए. इस दौरान डीजीपी अजय कुमार सिंह, आईजी रांची पंकज कंबोज, डीआईजी रांची अनूप बिरथरे, रांची डीसी राहुल सिन्हा, एसएसपी किशोर कौशल ने सभी को इन अपराधों पर लगाम कसने के सुझाव दिए.

बैठक में अधिकारियों द्वारा यह फैसला लिया गया कि अब अंचल द्वारा थाने में वैसे जमीन माफिया की जानकारी शेयर की जाएगी, जो अंचल में फर्जी तरीके से जमीन कारोबार की गतिविधियों में शामिल रहा हो, वहीं, थाने के स्तर पर वैसे माफिया की सूचना दी जाएगी, जिनकी आपराधिक गतिविधि रही हो. साथ ही जिन जमीनों को लेकर विवाद हो रहा हो, उसकी जानकारी भी अंचल व थाने एक दूसरे के साथ शेयर करेंगे.

इस बैठक में थानेदारों को स्पष्ट कहा गया है अगर काम गंभीरता से नहीं किया गया तो उनके ऊपर भी गाज गिरेगी. अधिकारियों ने बताया कि रांची में अपराध को लेकर सरकार काफी गंभीर है. अगर थानेदार अपने इलाके में अपराध रोकने में असफल साबित हुए तो उन्हें रांची से हटा दिया जाएगा, साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

बता दें बीते 26 जुलाई की शाम माकपा नेता सुभाष मुंडा की भी जमीन विवाद में ही भू मफियाओं के द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गई थी जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची पुलिस प्रशासन को भू माफियाओं के खिलाफ एक्शन लेने के सख्त आदेश दे दिए हैं. झारखंड सरकार अब राज्य में अपराध पर लगाम लगाने की पूरी तैयारी में जुट गई है. राज्य की पुलिस प्रशासन गंभीरता से काम करती रही तो राज्य में हो रहे इन अपराधों में कमी जरुर आएगी.

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