मोदी सरकार द्वारा लोकसभा में 19 सितंबर को महिला आरक्षण बिल पेश किया. बिल के पेश होने के बाद भाजपा ने इसे ऐतिहासिक बताया तो विपक्षी पार्टियों ने भी इस बिल पर अपनी प्रतिक्रिया दी. वहीं, इस बिल पर अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा “हम शुरू से महिला आरक्षण बिल की मांग कर रहे हैं. इसके साथ हमने और भी मांग की थी लेकिन वह नहीं हुआ. नीतीश कुमार ने कहा हर दस साल में जनगणना हो जानी चाहिए थी जो नहीं हुई. हमने महिलाओं के हित में सबसे पहले काम किया. महिला भर्ती, स्कूल सहित अन्य क्षेत्र में महिलाओं के हित में काम किया.
नीतीश कुमार ने की ये मांग
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महिलाओं को आरक्षण बिल्कुल मिलना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने केंद्र सरकार से एक मांग की है कि SC/ST, पिछड़े और अति पिछड़े वर्ग की महिलाओं को भी विधानसभाओं और लोकसभा-राज्यसभा में आरक्षण मिलना चाहिए.
सुशील मोदी ने कांग्रेस पर लगाया आरोप
महिला आरक्षण बिल को कांग्रेस अपनी बिल बता रही है. कांग्रेस का कहना है कि ये बिल राजीव गांधी का सपना था. इस पर पलटवार करते हुए राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा कि 2004 से 2014 तक कांग्रेस के पास पर्याप्त सीटें थी. उन्होंने महिला आरक्षण बिल पारित क्यों नहीं कराया? जब राज्यसभा में बिल पारित हो गया था, लोकसभा में पारित क्यों नहीं करा पाए? वे अपने सहयोगी दलों के दबाव में क्यों झुक गए? इस बात का जवाब सोनिया गांधी और कांग्रेस के नेताओं को देना होगा.”