झारखंड के NCP विधायक की कुर्सी पर गिर सकती है गाज !

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झारखंड के एकलौते एनसीपी पार्टी के विधायक कमलेश सिंह की विधायकी अब खतरे में नजर आ रही है. एनसीपी यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अंदर महाराष्ट्र में दो गुट होने के बाद अब एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने देश के अलग-अलग राज्यों के एनसीपी विधायकों के खिलाफ ही याचिका दाखिल कर दी है. इस मामले में झारखंड के हुसैनाबाद से एकलौते एनसीपी विधायक कमलेश सिंह पर भी शरद पवार ने याचिका दाखिल कर दी है.

रिपोर्ट्स की माने तो एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कमलेश सिंह को अयोग्य ठहराने की याचिका दाखिल की है. इसके पीछ के कारण की बात करें तो, महाराष्ट्र में एनसीपी दो गुटों में बंट चुका है. एक गुट शरद पवार और एक गुट अजित पवार के साथ है एनसीपी के नेता धीरज शर्मा ने बताया कि हुसैनाबाद विधायक कमलेश सिंह अजित पवार गुट के साथ हैं. इसलिए उनकी विधायकी समाप्त किए जाने की मांग पार्टी सुप्रीमो शरद पवार ने कर दी है. शरद पवार ने कहा है कि कमलेश सिंह पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं.

विधायक कमलेश सिंह से शरद पवार की ओर से उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोपों के बारे में पूछा गया तब उन्होंने कहा कि एक विधायक के जरिए शरद पवार ने झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष के पास एक याचिका दाखिल की है. उसका जवाब मैंने दे दिया है.एनसीपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल का जैसा दिशा-निर्देश था, मैंने वही किया. प्रफुल्ल पटेल को शरद पवार जी ने ही पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया था. वह झारखंड एनसीपी के प्रभारी भी थे. एनसीपी विधायक ने कहा कि मामला अभी चुनाव आयोग के पास लंबित है. शरद पवार ने जो याचिका स्पीकर के पास दाखिल करवाई है, उसका जवाब मैंने दे दिया है. हमारे कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और अजित पवार ने भी स्पीकर के सामने पार्टी का पक्ष रख दिया है. मैं वर्ष 2001 से एनसीपी में हूं और आगे भी रहूंगा. उन्होंने कहा कि पवार साहब को चुनाव आयोग के फैसले का इंतजार कर लेना चाहिए.

बता दें कमलेश सिंह साल 2001 से ही एनसीपी से जुड़े हैं. कमलेश सिंह पलामू के हुसैनाबाद विधानसभा से ही पहली बार 2005 में विधायक बने थे. 2005 के विधानसभा चुनाव में कमलेश सिंह ने आरजेडी के संजय कुमार सिंह यादव को सिर्फ 35 वोटों से पराजित किया था. वहीं साल 2009 के विधानसभा चुनाव में कमलेश सिंह हुसैनाबाद से चौथे नंबर पर रहे थे. 2014 के चुनाव में कमलेश सिंह बीएसपी के कुशवाहा शिवपूजन मेहता से पराजित हुए थे और 2019 के विधानसभा चुनाव में कमलेश सिंह 9849 वोटों से आरजेडी के संजय कुमार सिंह यादव को पराजित किया था.रिपोर्ट्स की मानें तो 2019 के विधानसभा चुनाव में कमलेश सिंह को शरद पवार ने ही हुसैनाबाद विधायक विधायक दल का नेता मनोनीत किया था.

बता दें कि शरद पवार ने झारखंड के साथ –साथ नगालैंड के भी कुछ विधायकों पर पार्टी विरोधी गतिविधयों में संलिप्त होने का आरोप लगाते हुए, उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की याचिका दाखिल कर दी है.

अब इस मामले में निर्वाचन आयोग का फैसला आने के बाद ही पता चल पाएगा कि क्या झारखंड के एकलौते एनसीपी विधायक की कुर्सी बची रहेगी या नहीं.

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