झारखंड : 6 लाख का इनामी माओवादी खुदी मुंडा ने किया आत्मसमर्पण

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झारखंड में नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में है. पिछले तीन साल से झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ और झारखंड जगुआर संयुक्त अभियान चलाकर नक्सलियों का खात्मा कर रही है. नक्सलियों के खात्मे के लिए पिछले कई सालों से नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान का झारखंड और खासकर गुमला पुलिस को कई कामयाबी मिली है. इसी कड़ी में गुमला जिला के करंज थाना क्षेत्र के रहने वाले माओवादी खुदी मुंडा ने आत्मसमपर्ण कर दिया है.

सब-जोनल कमांडर था खुदी मुंडा

आत्मसमर्पण करने वाले खुदी मुंडा उर्फ खुदी जी उर्फ बहादुर जी उर्फ बुढ़ा ने आज आत्मसमर्पण कर दिया है. बता दें कि जिस खुदी मुंडा ने आज आत्मसमर्पण किया है वो भाकपा माओवादी संगठन का सक्रिय सदस्य था. इस माओवादी संगठन में वो सब-जोनल कमांडर के रूप में काम किया करता था. जिस माओवादी ने सरेंडर किया है उसपर झारखंड पुलिस की तरफ से पांच लाख और एनआईए की ओर से एक लाख रुपए का इनाम घोषित था.

शुरुआत में नक्सलियों के लिए करता था मुखबिरी

आत्मसमर्पण करने वाला खुदी मुंडा शुरुआती दिनों में नक्सलियों के लिए मुखबिरी किया करता था. जानकारी के अनुसार खुदी 1996 में अपने नक्सली चचेरे भाई बॉबी मुंडा के लिए सामान पहुंचाने और पुलिस की आवाजाही की जानकारी साझा करता था. इसके बाद साल 1999 में नक्सली लूटपाट में अपने नक्सली भाई के साथ शामिल रहा. कुछ सालों बाद जेल गया और वहां उसकी जान पहचान कई नक्सलियों से हुई. जिसके बाद साल 2005 में जेल से बाहर आया. और फिर गांव में किसी से लड़ाई हुई और बाद में नक्सली संगठन ज्वाइन कर ली. बता दें कि खुदी मुंडा गुमला, लोहरदगा, लातेहार, बूढ़ा पहाड़ और सिमडेगा जैसे क्षेत्रों में काफी सक्रिय था. इसके बाद साल 2008 में खुदी मुंडा को एरिया कमांडर बनाया गया.

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