झारखंड के एसटी-एससी उद्यमियों के लिए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनायें : हेमंत सोरेन

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झारखंड में अब नौकरी के साथ साथ सरकार बिजनेस को भी बढ़ावा देने वाली है. खासकर के राज्य के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के युवा जो बिजनेस में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं उनके लिए सरकार बड़ा कदम उठाने वाली है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन राज्य के एसटी और एससी एंटरप्रेन्योर्स के लिए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने की तैयारी में हैं. सीएम सोरेन इस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के प्रोजेक्ट से राज्य के एसटा एससी वर्ग के युवाओं को व्यवसाय की ओर कदम बढ़ाने को प्रेरित करेंगे.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने समीक्षा बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसलों के साथ यह भी ऐलान किया कि झारखंड में एसटा-एससी उद्यमियों के लिए इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के एंटरप्रेन्योर्स को बढ़ावा मिले, इसके लिए जरूरी है कि इनके लिए विशेष रूप से इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की स्थापना हो, जहां बिजली -पानी -सड़क जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध हों. इससे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के ज्यादा से ज्यादा युवाओं को उद्योग लगाने के लिए बढ़ावा मिले. मुख्यमंत्री ने संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए कार्य योजना बनाकर उसे जल्द से जल्द धरातल पर उतारें.

सीएम सोरेन ने साथ यह भी कहा कि इस योजना से अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति और महिलाओं को उद्योग लगाने के प्रति आकर्षित करने के लिए सर्विसेज सेक्टर से उन्हें जोड़ने की पहल की जाएगी. इसके तहत उन्हें होटल, रेस्टोरेंट, स्कूल, अस्पताल लैबोरेट्री आदि खोलने के लिए जमीन के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएगी.

उन्होंने कहा कि झारखंड जैसे राज्य के सामाजिक आर्थिक परिपेक्ष्य में एमएसएमई यानी Ministry of Micro, Small and Medium Enterprises
सेक्टर काफी मायने रखता है. राज्य में इस सेक्टर के उद्योगों के विकास के लिए सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध हैं, वहीं यह बड़ी संख्या में युवाओं को रोजगार देने की भी क्षमता रखता है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि एग्रो बेस्ड इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देने पर सरकार का विशेष जोर है. सरकार ने इस प्रोजेक्ट के तहत एक पॉलिसी भी बनाई है. इस पॉलिसी के तहत स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया जाएगा. सभी उत्पाद दो तरीके से खरीद की जाएगी.क्लास वन और क्लास टू. क्लास वन में उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी जिनके 50 प्रतिशत उत्पाद झारखंड से संबंधित होंगे, क्लास टू में उन्हें तवज्जो दी जाएगी, जिनके 50 से 20 फीसदी उत्पाद झारखंड में निर्मित होंगे. इसके अलावा कुल परचेज का चार प्रतिशत एसटी, एससी से करना होगा. सीएम ने कहा कि ऐसे में पॉलिसी में इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए, ताकि इसका लाभ यहां के किसानों को मिल सके. इससे किसानों के उत्पादों का भी बेहतर सदुपयोग होगा.

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