प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार शाम को झारखंड शराब घोटाले मामले में योगेंद्र तिवारी को गिरफ्तार कर लिया. योगेंद्र तिवारी शराब कारोबारी हैं, जिनपर करीब 40 करोड़ की मनी लाउंडिंग का आरोप लगा है. ईडी ने उनपर जासूसी सहित अन्य कई आरोप लगाए हैं. 20 अक्तूबर को उन्हें पीएमएलए की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा. अदालत के आदेश पर योगेंद्र तिवारी को रिमांड पर भी लिया जा सकता है.
क्या है मामला
देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी ईडी 2022-23 में झारखंड में हुए कथित शराब घोटाले की जांच कर रही है. ईडी दावा कर रही है कि उनके पास योगेंद्र तिवारी के खिलाफ 40 करोड़ रुपए की मनी लॉन्डरिंग के सबूत हैं. कथिच तौर पर योगेंद्र तिवारी ने साल 2021-22 में शराब के व्यापार में इन पैसों खपाया था. यह पैसा बालू, जमीन सहित अन्य कारोबार से अवैध तरीके से जुटाए गए थे. यह भी दावा है कि इसमें से 6-7 करोड़ रुपये योगेंद्र तिवारी की कंपनियों में निवेश किया गया था और 30 करोड़ से अधिक पैसे शेल कंपनियों के माध्यम से शराब के ठेकों में निवेश किया गया था.
जवाब नहीं देने पर हुई गिरफ्तारी
आय से अधिक संपत्ति को लेकर इसी साल मार्च में आयकर विभाग ने योगेंद्र तिवारी के ठिकानों पर छापा मारा था. इस दौरान पूछताछ में उन्होंने 15 करोड़ रुपए की अघोषित संपत्ति की बात स्वीकार की थी. गुरुवार को उन्हें ईडी ने शराब घोटाले में पूछताछ के लिए सुबह 10 बजे बुलाया. योगेंद्र तिवारी इस मामले पर संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए, जिसके बाद उन्हें ईडी ने शाम 7 बजे गिरफ्तार कर लिया.