“वन नेशन वन इलेक्शन” को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है. लोकसभा और राज्यों की विधानसभा के सहित विभिन्न निकायों के एक साथ चुनाव कराने पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति आज यानी गुरूवार को ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर अपनी रिपोर्ट जमा कर सकती है. मीडिया रिर्पोट्स के मुताबिक ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ वाली रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आज सौंपी जा सकती है.
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ वाली कोविंद समिति देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए संविधान के अंतिम पांच अनुच्छेदों में संशोधन की सिफारिश कर सकती है. प्रस्तावित रिपोर्ट लोकसभा, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकाय चुनाव कराने के लिए एक एकल मतदाता सूची पर भी ध्यान केंद्रित करेगी. पिछले सितंबर में गठित समिति को मौजूदा संवैधानिक ढांचे को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर पालिकाओं और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए संभावनाएं तलाशने और सिफारिशें करने का काम सौंपा गया है.
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली इस समिति में गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एन.के. सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष कश्यप और वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे भी शामिल हैं. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को भी समिति का सदस्य बनाया गया था लेकिन उन्होंने समिति को पूरी तरह से छलावा करार देते हुए मना कर दिया. विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समिति के विशेष आमंत्रित सदस्य हैं.
मीडिया रिर्पोट्स के मुताबिक ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर विचार कर रही पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली कमेटी के पास इसका खाका तैयार है. विधि आयोग के इस प्रस्ताव पर सभी दल सहमत हुए तो यह 2029 से लागू होगा. इसके लिए दिसंबर 2026 तक 25 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने होंगे.