क्या चुनाव से पहले बढ़ने वाली है झारखंड मुक्ति मोर्चा की मुश्किलें, क्या झामुमो नहीं लड़ पाएगी जुगसलाई से चुनाव, क्या झामुमो के प्रत्याशी ने जमा कर दिया है जाली हलफनामा.
अगर मैं आपसे पूछू कि आपकी उम्र एक साल में कितनी बढ़ती है, तो आपका जवाब होगा एक साल. वहीं मैं पूछू 5 साल में आपकी उम्र कितनी बढ़ेगी तो आप कहेंगे 5 साल. वैसे आप सोच रहे होंगे मैं आपसे ये बचकाने सवाल क्यों पूछ रही हूं तो मैं आपको बता दूं मैं बस कंफर्म हो रही थी कि सबकी उम्र तो एक समान ही बढ़ रही है न क्योंकि झारखंड में झामुमो विधायक की उम्र 5 साल में 9 साल बढ़ गई. सुनकर आप भी हैरान हो गए न. हम बात कर रहे हैं जुगसलाई से झामुमो विधायक और प्रत्याशी मंगल कालिंदी की. जिन्होंने झामुमो के सूची आने से पहले ही अपना नामांकन दाखिल कर लिया था. लेकिन अब उनका नामांकन पर्चा विवादों से घिर चुका है.मंगल कालिंदी के चुनाव लड़ने को लेकर भी अब संशय की स्थिति बन गई है.
विवादों में घिरे मंगल कालिंदी
झारखंड मुक्ति मोर्चा के जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी मंगल कालिंदी विवादों में फंस गए है. उनके खिलाफ कथित तौर पर झूठा और जाली हलफ़नामा दायर करने के मामले में भारत निर्वाचन आयोग और झारखंड राज्य चुनाव आयोग ने त्वरित संज्ञान लिया है. भाजपा नेता अंकित आनंद द्वारा दी गई शिकायत पर चुनाव आयोग ने प्रारंभिक जांच के आदेश जारी किए हैं और कानून के अनुसार आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
जुगसलाई से झामुमो प्रत्याशी मंगल कालिंदी ने 2019 और 2024 के विधानसभा चुनावों में अपने हलफ़नामे में उम्र को अलग-अलग दर्शाया है. रिपोर्ट्स की मानें तो साल 2019 के हलफनामें में उन्होंने अपनी उम्र 42 वर्ष बताई थी, जबकि 2024 के हलफ़नामे में उनकी उम्र 51 वर्ष बताई गई है. सामान्यत उनकी उम्र अभी 47 साल होनी चाहिए थी लेकिन यह 5 सालों में विधायक जी की उम्र में 9 वर्ष की वृद्धि असंभव प्रतीत होती है, जिससे मामला अत्यंत संदेहास्पद बन गया है.
अंकित आनंद ने की शिकायत
शिकायतकर्ता और भाजपा नेता अंकित आनंद ने इस गंभीर मामले में मंगल कालिंदी के नामांकन को तत्काल रद्द करने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया है कि कालिंदी ने निर्वाचन आयोग और जनता को जानबूझकर गुमराह किया है, जो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 ((क-ii) के अंतर्गत एक गंभीर अपराध है. अंकित आनंद ने कालिं दी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की भी मांग की है.
2019 और 2024 के चुनावी हलफ़नामे और समाचार पत्र की कतरन शामिल हैं, जिसे ध्यान में रखते हुए केंद्रीय चुनाव आयोग और झारखंड राज्य चुनाव आयोग ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई शुरू की है. आयोग ने इस पर प्रारंभिक जाँच के आदेश जारी किए हैं और कानूनी प्रक्रिया के तहत दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है.
मंगल कालिंदी के अधिवक्ता ने क्या बताया
इस मामले में विधायक मंगल कालिंदी के अधिवक्ता जयतो डे ने बताया कि नामांकन प्रपत्र में कोई भी बात नहीं छुपाई गई है. विधायक के मौजूदा प्रमाण पत्र (स्कूल सर्टिफिकेट, पैन कार्ड, आधार कार्ड एवं वोटर कार्ड) में अंकित जन्म तिथि के आधार पर ही वास्तविक उम्र की जानकारी प्रपत्र में जानकारी दी गई है. पूर्व में क्या गलतियां हुई है इसकी उन्हें जानकारी नहीं हैं. इस संबंध में विधायक मंगल कालिंदी से संपर्क करने की कोशिश की गई. लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका.
जमशेदपुर के जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त अनन्य मित्तल ने इस प्रकरण में जुगसलाई विधानसभा क्षेत्र के आरओ राहुल आनंद को जाँच कर उचित कार्रवाई का निर्देश दिया है. जांच में यदि शिकायत सही मिलती है, तो झामुमो प्रत्याशी मंगल कालिंदी की मुश्किलें बढ़नी तय है.
भाजपा ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया है और इसकी गूंज राज्यभर में सुनाई दे रही है. भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि जो व्यक्ति चुनाव प्रक्रिया में इस तरह की धोखाधड़ी करता है, उसे चुनाव लड़ने से तुरंत अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए.
अब यह देखना होगा कि चुनाव आयोग की जांच में क्या सामने आता है और क्या मंगल कालिंदी का नामांकन रद्द हो ता है या नहीं .