झारखंड में जब से नई शराब नीति लागू हुई तब से ही सरकारी शराब दुकानों में धड़ल्ले से एमआरपी से अधिक किमत पर शराब बेचा जा रहा है. लगभग पूरे झारखंड की यही स्थिति है. इस बढ़े हुए दाम से जनता परेशान है. लेकिन मामला यहां परेशानी से ज्यादा भ्रष्टाचार का है. इस मामले को लेकर कई दिनों से लगातार अखबारों में भी खबरें आ रही हैं. कई तरह के जांच और निगरानी के आदेश के बावजूद शराब दुकान के कर्मचारी पैसा बढ़ा कर ही शराब की बिक्री कर रहे हैं. उत्पाद विभाग के तरफ से भी बार-बार निर्देश दिए जा रहे हैं. इसके बावजूद भी इस पर रोक नहीं लगी है.
विभागीय सचिव ने पिछले दिनों समीक्षा बैठक के दौरान पदाधिकारियों को अधिक कीमत लेने पर रोक लगाने व कार्रवाई करने का निर्देश दिया था. लेकिन, इस पर रोक नहीं लग पा रही है.
आप शहर के किसी भी शराब दुकान पर चल जाएं . शराब के बोतल पर जो कीमत अंकित है उससे 10 रुपए बढ़ा कर लिए जा रहा है. आप जितनी बोतल शराब खरीदेंगे प्रति बोतल 10 रुपए बढ़ा कर देना होगा. इस पर कई बार ग्राहक और दुकानदारों के बीच बहस भी हो जाती है लेकिन इस पर दुकानदारों का कहना होता है कि लेना है तो लिजिए वरना मत लिजिए. ऐसे में ग्राहक बेबस हैं.
एक दुकानदार से जब इस मामले में बात कि तब उन्होंने बताया की उनका वेतन कई महिनों से बाकी है. ऐसे नें जिस कंपनी ने उन्हे नौकरी पर रखा है उनका आदेश है कि आप 10 रुपए प्रति बोतल बढ़ा कर लें ताकी आपकी सैलरी इससे निकाला जा सके.
सैलरी रोके जाने के पीछे का कारण बहाली के समय हुई अनियमितता है. जब प्लेसमेंट एंजेंसी को बहाली करना था उस वक्त अनियमिताएं बरती गईं जिस कारण दुकान में काम कर रहे कर्मचारियों के वेतन को रोक दिया गया. लेकिन इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है.
इस मामले में झारखंड शराब व्यापारी संघ ने जांच की मांग की है. संघ का कहना है कि प्लेसमेंट एजेंसी जीडीएक्स जिन जिलों में शराब की बिक्री कर रही है. उन जिलों में जांच किया जाना चाहिए. संघ ने गड़बड़ी की आशंका जताते हुए उत्पाद मंत्री से जांच की मांग की है.
एमआरपी से अधिक में शराब की बिक्री के अलावा राज्य में हो रहे अवैध शराब का निर्माण को लेकर भी रांची जिला उत्पाद विभाग ने अब तक 126 ठिकानों पर छापा मारा है. बीते अगस्त और सितंबर में हुए छापेमारी के दौरान 17 लोगों को जेल भेजा गया है. हालांकि 66 आरोपी अब भी फरार हैं. इन सभी पर प्राथमिकी दर्ज करा दी गई है.अब तक के कार्रवाई में 128 लोगों से 10 लाख 21 हजार रुपए जुर्माना वसूला गया , वहीं दो अज्ञात लोगों को अभियुक्त बनाया गया है. सिर्फ रांची जिले की बात करें तो छापेमारी के दौरान 38.82 लीटर नकली शराब और 130.20 लीटर बीयर जब्त की गयी. इसके अलावा 24,150 किलो जावा महुआ और 50.40 लीटर देसी शराब भी जब्त की गयी.
अब तक के जानकारी के अनुसार शराब की अवैध बिक्री करने वाले लोगों व दुकानों को चिह्नित कर सूची तैयार करने को भी कहा गया. इसको लेकर सहायक उत्पाद आयुक्त राकेश कुमार ने बताया कि जिला में छापेमारी का निर्देश दिया गया है. प्रखंडवार सूची के आधार पर छापेमारी बढ़ायी जायेगी और कार्रवाई भी की जायेगी.