झारखंड के ये दो लोग गैर-कानूनी तरीके से क्यों पहुंचे पाकिस्तान ?

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आज कल एक देश से दूसरे देश जाने के लिए कुछ लोग पासपोर्ट और वीजा का इस्तेमाल ही नहीं कर रहे हैं. बल्कि गैर कानूनी ढंग से दूसरे दोशों में जाने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है. जैसे सीमा हैदर पाकिस्तान से गैर कानूनी ढंग से भारत पहुंच गई. इसी तरह का एक मामला झारखंड से भी सामने आया है. झारखंड के जमशेदपुर के दो नागरिक भी गैर कानूनी तरीके से पाकिस्तान पहुंच गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जमशेदपुर के दो नागरिक इसहाक अमीर और मोहम्मद हसनैन गैरकानूनी तरीके से पाकिस्तान में शरण लेने पहुंचे हैं. बता दें इसहाक अमीर मोहम्मद हसनैन का बेटा है. दोनों बाप बेटे इसी सप्ताह अफगिस्तान के रास्ते पाकिस्तान पहुंचे हैं.

रिपोर्टस की मानें तो दोनों ने बीते 25 सितंबर को कराची प्रेस क्लब के बाहर प्रदर्शन करते हुए बताया कि भारत में मुसलमानों पर अत्याचार हो रहे हैं.इसलिए वे पाकिस्तान में ही रहना चाहते हैं. पुलिस ने उनके हवाले से बयान दिया कि वो दोनों जेल जाने को तैयार हैं, लेकिन वापस भारत नहीं जाना चाहते. उनका कहना है कि अगर उन्हें निर्वासित किया गया तो भारतीय भूमि पर कदम रखते ही दोनों मारे जायेंगे बाप-बेटे पाकिस्तान में शरण लेना चाहते हैं.

मीडिया में छपी खबर के मुताबिक, कराची पुलिस ने दोनों से पाकिस्तान आने के लिए बनाये गये प्लान के बारे में पूछा. इस पर मोहम्मद हसनैन ने बताया कि वो और उनका बेटा 5 सितंबर को नई दिल्ली से संयुक्त अरब अमीरात के लिए रवाना हुए थे. जहां से वे वीजा के लिए अफगानिस्तान दूतावास पहुंचे. इसके बाद वो काबुल गये और कंधार के लिए उड़ान भरी. कंधार पहुंचने के बाद वहां से पाकिस्तान में एंट्री ली. इसके बाद उन्होंने एक रात पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर के पास गुजारी. इसके अगले दिन पाकिस्तान की ओर अपनी यात्रा जारी रखी. पाकिस्तान में प्रवेश करने के बाद उन्होंने कराची ले जाने के लिए एक व्यक्ति को 60 हजार रुपये दिये.

बीबीसी की रिपोर्ट बताती है कि ये दोनों भारतीय नागरिक कराची के इलाक़े अंचौली में ईधी होम में रह रहे हैं. उन पर ईधी होम से निकलने पर पाबंदी है और दो पुलिस अधिकारी उनकी निगरानी के लिए नियुक्त किए गए हैं.
मोहम्मद हसनैन ने ख़ुद को एक सोशल और पॉलिटिकल वर्कर बताया. मो. हसनैन संसद, विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव लड़ चुके हैं हालांकि उन्हें कहीं कामयाबी नहीं मिली.ऐसी जानकारी है कि उस दौर में उन पर कुछ मामले भी बने जिनमें उन पर कथित तौर पर भड़काऊ पोस्टर चिपकाने का आरोप भी शामिल है. हालांकि मोह. हसनैन का जन्म झारखंड के जमशेदपुर में हुआ है और उनके कुछ रिश्ते दार झारखंड में रहते हैं लेकिन मोहम्मद हसनैन और इसहाक़ अमीर के अनुसार वह पिछले पंद्रह-बीस साल से दिल्ली के जाफ़राबाद में किराए के मकान में रहते थे कुछ समय से वो गौतमपुरी में रह रहे थे.

बीबीसी को इन दोनों ने बताया कि इन्होंने पाकिस्तान को ही क्यों चुना. इस पर मोहम्मद हसनैन बोले, “देखें, हम तो पैसे वाले लोग नहीं थे कि किसी देश में जाकर दस-पांच करोड़ ख़र्च करके नागरिकता ख़रीद लेते.”
“हमारे पास पाकिस्तान का ही ऑप्शन था कि जहां के लोग हमारी तरह बोलते चालते हैं और जिसको बनाने में हमारे पूर्वजों का भी हिस्सा रहा है.”

अब दोनों बाप बेटे भारत नहीं आना चाहते हैं. उनका कहना है कि गोली मार दें, जेल में डालकर सड़ा दें, कोई दिक़्क़त नहीं. अगर आपको नहीं रखना तो वापस न भेजें बल्कि अपने पास किसी जेल के कोने में डाल दें, किसी पिंजरे में बंद कर दें, वह भी मंज़ूर है.” मोहम्मद हसनैन का कहना था, “मैं इस देश में जीने के लिए नहीं आया हूं. मैं इस देश में सुकून के साथ मरने के लिए आया हूं. कोई जीने की तमन्ना नहीं अब.”

उन्होंने सीमा हैदर मामले का उदाहरण देते हुए कहा कि अगर सीमा को वहां की सरकार क़बूल कर सकती है तो पाकिस्तान सरकार को मुझे क़बूल करने से दुनिया की कौन ताक़त रोकती है.”

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