मंइयां सम्मान योजना का चुनाव में कितना पड़ेगा असर, इन सीटों पर जीत को लेकर निश्चिंत है JMM ?

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हेमंत सोरेन के जेल जाने और जेल से बाहर आने तक के समय अंतराल में राज्य की राजनीति में कई बड़े बदलाव हो गए. लोकसभा के चुनाव हो गये और पत्नी कल्पना सोरेन ने भी गांडेय विधानसभा से उपचुनाव जीत कर अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की और हेमंत सोरेन के गैर-मौजूदगी में खुद को जेएमएम की एक मजबूत नेत्री के रुप में साबित भी कर दिया.

झारखंड में अब जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. हेमंत सोरेन सीएम की कुर्सी पर बने रहना चाहते हैं और इसके लिए राज्य की जनता के बीच जेएमएम की पकड़ मजबूत करने में लगे हैं. हालांकि अब तक साढ़े 4 सालों में हेमंत सोरेन ने राज्य के विभिन्न वर्गों के लिए तरह की तरह की योजनाओं की शुरुआत की है. लेकिन अब जेल से बाहर आने के बाद हेमंत सोरेन ने राज्य की महिला वोटरों को अपने पाले में करने की बड़ी योजना बनाई है. राज्य की महिलाओं को मद्देनजर हेमंत सोरेन सरकार ने एक बड़ी योजना लॉन्च की जिसका नाम झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना रखा गया. इस योजना के तहत जेएमएम राज्य की आधी आबादी यानी महिलाओं को अपने पक्ष में करना चाहती है.

मुख्यमंत्री सोरेन की इस योजना का उद्देश्य है राज्य की महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण के स्तर में सुधार करना. इस योजना के तहत हेमंत सोरेन सराकर राज्य की 21 से 50 साल तक के लगभग 50 लाख महिलाओं को हर महिने 1 हजार रुपए देगी. यानी साल के 12 हजार रुपए सरकार सीधे महिलाओं के अकाउंट में ट्रांसफर करेगी. झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा मंत्री बेबी देवी ने योजना को हरी झंडी दिखाते हुए विधानसभा से इस योजना की प्रचार गाड़ी को रवाना किया था.

सीएम हेमंत सोरेन लगातार इस योजना से जुड़ी अपडेट जनता के साथ साझा कर रहे हैं. ताजा अपडेट्स के मुताबिक मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना का लाभ पाने के लिए अब तक राज्य की 40 लाख से भी ज्यादा महिलाओं ने अपना रजिस्ट्रेशन करवा लिया है. अब रक्षाबंधन के एक दिन पहले यानी 18 अगस्त को योजना की पहली किस्त भी महिलाओं के अकाउंट में भेज दी जाएगी.

लेकिन क्या यह योजना झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए कारगर साबित होगी, अगर यह योजना काम कर जाती है तो हेमंत सोरेन को इसका कितना फायदा होगा. न केवल हेमंत सोरेन बल्कि इस योजना से एक और बड़ा नाम जुड़ा है जो है विभागीय मंत्री बेबी देवी का भी, क्या बेबी देवी को डुमरी विधानसभा से इसका फायदा मिल पाएगा. योजना के शुरुआत के साथ ही इस तरह के तमाम राजनीतिक विशेषज्ञों के मन में उठ रहे हैं.
तो विधानसभा चुनाव में क्या होगा मंइयां योजना का प्रभाव, बताते हैं.

माना जा रहा है कि मंइयां सम्मान योजना जेएमएम और हेमंत सोरेन के लिए चुनाव में मास्टरस्ट्रोक का काम करेगी. जेएमएम विधानसभा चुनाव में इस योजना को जनता के बीच भुनाने की तैयारी में है. इसका फायदा न केवल हेमंत सोरेन बल्कि विभागीय मंत्री बेबी देवी को भी मिल सकता है. विभागीय मंत्री होने के नाते मंत्री बेबी इस योजना की सबसे मुख्य चेहरा होंगी.

सीएम हेमंत सोरेन पत्नी व गांडेय विधायक कल्पना सोरेन, विभागीय मंत्री सह डुमरी विधायक बेबी देवी और मुख्यमंत्री मंइयां सम्मान योजना के मदद से राज्य की महिला वोटरों को साधने का काम कर रहे हैं. इस योजना के तहत राज्य में महिला सशक्तिकरण का उदाहरण पेश किया जा रहा है, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है.

अन्य जिलों की अपेक्षा गिरिडीह जिला में इस योजना का व्यापक असर देखा जा रहा है. इसके पीछे की वजह गांडेय विधायक कल्पना सोरेन और डुमरी विधायक मंत्री बेबी देवी हैं. गिरिडीह जिला में योजना महिलाओं को जितना पसंद आएगा उतना ही डुमरी और अन्य सीटों पर झामुमो के लिए जीत की राह आसान होगी. इस योजना की मदद से हेमंत सोरेन उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल की कई विधानसभा सीटों पर जीत का भरोसा कर सकते हैं.

सूत्रों की माने तो इस बार डुमरी विधानसभा सीट पर मंत्री बेबी देवी नहीं बल्कि उनके और पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के एकलौते पुत्र अखिलेश महतो उर्फ राजू जेएमएम प्रत्याशी हो सकते हैं. डुमरी उपचुनाव में उनकी कम उम्र के कारण वो चुनाव नहीं लड़ पाए थे लेकिन 2024 के चुनाव के लिए वो पूरी तरह से तैयार हैं और क्षेत्र में जनता के बीच मजबूत करने में जुट गए हैं. अखिलेश महतो सरकार की इस स्कीम को अपनी मां बेबी देवी के साथ जनता के बीच भुनाने का काम जरुर करेंगे. जिसका फायदा उन्हें विधानसभा चुनाव में मिले. ऐसे में जनता एक बार फिर डुमरी में झामुमो पर भरोसा जता सकती है.

हालांकि डुमरी लंबे समय से झामुमो और स्व जगरनाथ महतो का गढ़ रहा है. मालूम हो कि डुमरी विधानसभा क्षेत्र में पूर्व मंत्री स्व जगरनाथ महतो एकलौते ऐसे नेता रहे जिन्होंने गांव ही नहीं बल्कि घर घर तक अपनी जबरदस्त पैठ बनाई. उनकी चर्चा आज भी उन नेताओं में होती है जिन्होंने समाज के उत्थान के लिए हमेशा से संघर्ष किया. चाहे वो पारा शिक्षकों का मामला हो या फिर आंगनबाड़ी कर्मी का. सभी क्षेत्र में उन्होंने उनके अधिकारों के लिए हमेशा से काम किया है. और अब उनकी पत्नी मंत्री बेबी देवी के हिस्से महिला बाल विकास विभाग में आए मुख्यमंत्री मंईया योजना के जरिए बेबी देवी महिला वर्ग के बीच एक अलग पैठ बना सकती है. जिसका फायदा डुमरी विधानसभा सीट पर उन्हें मिल सके.

दिलचस्प तो है कि आगामी विधानसभा चुनाव में महिला से कंनेक्ट के लिए कल्पना सोरेन फिल्ड पर होंगी, जिस योजना के थ्रू महिलाओं को कनेक्ट करेंगी वो योजना मुख्यमंत्री मंईया सम्मान योजना होगी, और जिस महिला बाल विकास एवं समाजिक सुरक्षा विभाग के अंतर्गत इस योजना की शुरुआत हुई उस विभाग की मंत्री बेबी देवी कल्पना सोरेन के साथ मिलकर महिलाओं को अपने अलाएंस की तरफ लामबंद करेंगी. मतलब कल्पना सोरेन भी महिला, विभागी मंत्री बेबी देवी भी महिला और जिनको कनेक्ट करना है मंईया सम्मान योजना के तहत वो मतदाता वर्ग भी महिला.

वहीं महिलाओं से जुड़े इस योजना को हेमंत सोरेन की पत्नी व गांडेय विधायक कल्पना सोरेन भी महिलाओं के बीच भुनाने में खूब जोर दे रही है, क्योंकि इस वक्त झामुमो के पास महिला नेत्री में सबसे बड़ा चेहरा कल्पना सोरेन ही है जो महिलाओं के साथ महिला बाल विकास एंव समाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री बेबी देवी के साथ विभाग की इस योजना को भली भांती महिलाओं के साथ जोड़ सकती है. जिसका नतीजा ये होगा कि आगामी विधानसभा चुनाव में महिला वोट बैंक को साधने में सत्तारूढ़ महागठबंधन वाली सरकार कारगर साबित हो सकती है.

हालांकि हेमंत सोरेन सरकार की ये स्कीम महिलाओं को कितना पसंद आया या नहीं आया ये तो चुनावी नतीजों के बाद ही पता चल पाएगा.

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