हेमंत सोरेन ने किया ‘मुख्यमंत्री सारथी योजना’ का शुभारंभ

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झारखंड में 2019 में जेएमएम,कांग्रेस और राजेडी के महागठबंधन से सरकार बनी थी और इसी के साथ राज्य के मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन. 2019 में जेएमएम ने मेनिफेस्टो यानी घोषणा पत्र में कहा था कि अगर सरकार बनती है तो 5 लाख लोगों को रोजगार दिया जाएगा. सरकार के चार साल के पूरे होने के बाद अब सरकार राज्य के युवाओं को स्वरोजगार करने पर जोर दे रही है.

इसे लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि काम कोई भी छोटा और बड़ा नहीं होता है. ऐसे में काम करने से आप संकोच नहीं करें क्योंकि, जिस काम से आपका घर परिवार और जीवन चलता है , वह “भगवान” समान होता है.
दरअसल, बीते कल यानी 22 जुलाई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राजधानी रांची में मुख्यमंत्री सारथी योजना के अंतर्गत बिरसा योजना की शुरुआत की.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम सोरेन ने कहा-आज जमाना तकनीक का है. बदलते वक्त के साथ तकनीक भी बदल रही है. ऐसे में हर इंसान को हुनरमंद होना होगा . अगर आपके पास हुनर होगा तो बाजार में आपकी डिमांड भी होगी और रोजगार के बेहतर विकल्प और अवसर भी मिलेंगे, वरना जमाने से आप काफी पीछे रह जाएंगे। ऐसे में आप अपने हुनर को निखारें और अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा बनाएं.

अब आपके मन में यह सवाल तो जरुर उठ रहा होगा कि आखिर ये बिरसा योजना क्या है, और इससे लोग स्वरोजगार कैसे कर पाएंगे. तो बिना देरी किए हम आपको बता दें कि राज्य के विकास के लिए सरकार अनेक तरह की योजनाएं बनाती है, झारखंड सरकार की भी कई लाभकारी योजनाएं राज्य में चल रही है. उसी के तहत एक योजना का नाम है मुख्यमंत्री सारथी योजना है इसी योजना के तहत बिरसा योजना की शुरुआत की गई .

दरअसल, इस योजना के तहत प्रखंड स्तर पर कौशल विकास का प्रशिक्षण केंद्र यानी स्किल डेवल्प्मेंट सेंटर खोला जाना है. इस योजना के पहले चरण में 80 प्रखंडों में बिरसा केंद्र खोले जा रहे हैं. यहां युवाओं को बिल्कुल फ्री कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा .

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने राज्य के ग्रामीण नौजवानों के स्किल डेवलपमेंट के लिए यह योजना शुरू की है. पहले जहां राज्य के लोगों को कौशल विकास के प्रशिक्षण के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ता था, वहीं अब आपको अपने प्रखंड में ही खोले जा रहे बिरसा केंद्र में अपनी इच्छा के अनुरूप फील्ड में स्किल डेवलपमेंट का कोर्स निशुल्क कर सकेंगें.
बताते चलें कि इन बिरसा केंद्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा और प्रशिक्षण के बाद तीन महीने में अगर रोजगार नहीं मिला तो उन्हें एक साल तक हर महीने एक हजार रुपए रोजगार प्रोत्साहन भत्ता दिया जाएगा.जिसमें प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को एक हज़ार रुपए रोजगार प्रोत्साहन भत्ता मिलेगा और युवतियों, महिलाओं, दिव्यांगों और ट्रांसजेंडर के लिए प्रोत्साहन भत्ता प्रतिमाह 1500 रुपए होगा. यही नहीं, प्रशिक्षण लेने वाले छात्र अगर अपने घर से केंद्र तक रोज आते हैं तो उन्हें आने के लिए हर महीने 1000 रुपए का परिवहन भत्ता भी दिया जाएगा.

इन केंद्रों में सामान्य वर्ग के 18 से 35 साल और एसटी-एससी व ओबीसी के 18 से 50 साल तक के लोग नि:शुल्क प्रशिक्षण ले सकेंगे, लेकिन प्रशिक्षण लेने वाले छात्रों का झारखंड का स्थानीय निवासी होना अनिवार्य है.
इस कार्यक्रम में झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता , राज्य सभा सांसद महुआ माजी भी मौजूद थे.

कार्यक्रम में ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा- युवा नौकरी की बजाय स्वरोजगार पर ध्यान दें, ताकि वे दूसरों को रोजगार दे सकें, उन्होंने कहा कि नौकरी करने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बने.

अब देखने वाली बात यह होगी कि आगामी 1 वर्ष के कार्यकाल में हेमंत सरकार 5 लाख लोगों को रोजगार देने का आंकड़ा पूरा कर पाती है या नहीं और सरकार का यह स्वरोजगार का फॉर्मूला सक्सेस होगा या राज्य के युवा फिर से ठगे जाएंगे.

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