झारखंड में खुला पहला पशु अस्पताल, मंत्री बादल पत्रलेख ने किया उद्घाटन

Share:

झारखंड सरकार ने राज्य के पशुपालकों को बड़ी सौगात दी है. राज्य सरकार न केवल राज्य की जनता के स्वास्थ्य के प्रति चिंतित है बल्कि सरकार राज्य के पशुओं के स्वास्थ्य के बारे में भी सोच रही है. दरअसल बीते कल यानी 6 नवंबर को राजधानी रांची के हेसाग स्थित पशुपालन भवन में राज्य के कृषि, पशुपालन और सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने आदर्श हॉस्पिटल वीडियो कॉल बेस्ड टेलीमेडिसीन सेंटर का उद्घाटन किया। राज्य में पशुओं के लिए अस्पताल खुल जाने से पशुपालक वर्ग में काफी खुशी का माहौल है अब पशुओं के बिमारियों का भी राज्य में उचित इलाज हो पाएगा. इस अस्पताल में पशुओं के लिए 24 घंटे सातों दिन सुविधा उपलब्ध रहेगी.

इस दौरान मंत्री ने कहा कि सरकार में सिस्टम से लेकर रिस्पॉन्स तक सब कुछ बदल रहा है. विभाग को हमने संवारने का काम किया है. राज्य में ऐसे पशु चिकित्सालय की सख्त जरूरत महसूस की जा रही थी और आज इसका शुभारंभ कर दिया गया है. उन्होंने राज्य भर से आए पशु चिकित्सकों और पशु पालक व पशु सखियों को संबोधित करते हुए कहा कि केरल के दौरे के बाद हमें ये महसूस हुआ कि कृषि पशुपालन के क्षेत्र में हम काफी पीछे हैं. सवाल तो यह भी है कि आखिर कब तक हम केरल का उदाहरण देते रहेंगे. हमें भी अपने राज्य में समृद्ध किसानों, समृद्ध पशुपालकों की परिकल्पना को साकार करने के काम तो करना ही होगा. साथ ही मंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में पशुओं के इलाज के लिए अस्पताल खोला गया है. इसके साथ ही वेटरिनरी यूनिवर्सिटी की स्थापना हेतु पहल की जा रही है.

मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी प्रखंडों और 23 जिलों में अस्पतालों के कायाकल्प का प्रयास किया जा रहा है. जल्द ही 236 पशु एंबुलेंस की शुरुआत होगी। पहले 23 और 66 नए पशु चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है और अन्य रिक्तियां भी भरने की प्रक्रिया की जा रही है.
रिपोर्ट्स की माने तो इस अस्पताल से पशुपालक कॉल और वीडियो कॉल कर के डॉक्टरों से परामर्श ले सकते हैं. यदि पशु बीमार पड़े तो मोबाइल नंबर 9431389674 पर फोन कर टेली मेडिसीन की सुविधा ले सकते हैं. इस नंबर पर व्हाट्सएप कॉल या वीडियो कॉल कर के बीमार पशुओं का इलाज कैसे किया जाए डॉक्टर से इसके लिए परामर्श ले सकते हैं.

इसे लेकर कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता सचिव अबू बकर सिद्दिक ने कहा कि आज के दौर में तकनीक से अपग्रेड होकर रहना जरुरी है. आज के दौर में एआई के माध्यम से बड़े बड़े इलाज किए जा रहे हैं. वीडियो कॉल बेस्ड टेलीमेडिसिन तभी सफल होगा जब आप कॉल करने वाले को तुरंत रिस्पॉन्स देंगे। व्हाट्सएप कॉल पर संबंधी बीमारी की दवाई बताने की बजाय व्हाट्सएप मैसेज का इस्तेमाल करना ज्यादा उचित होगा। दवाई देने के बाद उसका फीडबैक जरूर लें। अगर आप कॉल पर रिस्पॉन्स नहीं देंगे तो यह योजना फेल हो जाएगी.

Tags:

Latest Updates