झारखंड विधानसभा चुनाव में एक ही सीट पर बाप- बेटी ने ठोका दावा, कौन मरेगा बाजी…!

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Ranchi : आपने एक अनार 100 बीमार वाली कहावत तो सुनी होगी. झारखंड की मौजूदा सियासी परिस्थितियों में कांग्रेस पार्टी का यही हाल हो गया है. कांग्रेस में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर प्रत्येक विधानसभा सीट पर एक अनार 100 बीमार वाली स्थिति हो गई है.

दरअसल, पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने सभी 81 विधानसभा सीटों से दावेदारों के आवेदन मांगे थे. अब जो आवेदन आए हैं उसने प्रदेश नेतृत्व की टेंशन बढ़ा दी है.

बता दें कि चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वालों की संख्या अब तक हजार के पार चली गई. इसी कड़ी में हजारीबाग का एक ऐसा परिवार है जहां एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने कांग्रेस की टिकट पर अपनी दावेदारी की है. वो परिवार है कांग्रेस के पूर्व विधायक योगेंद्र साव की.

बता दें कि योगेंद्र साव की बेटी अंबा प्रसाद जो की बड़कागांव से विधायक हैं. और उनके पिता योगेंद्र साव खुद भी इस बार हजारीबाग सदर से अपनी दावेदारी पेश की है. वहीं उनकी छोटी बहन अनुप्रिया भी हजारीबाग से टिकट के दावेदारी की. जबकि अंबा सीटिंग विधायक होने के नाते बड़कागांव से ही दावेदार है.

एक तरह से कहा जाए तो हजारीबाग सदर में पिता और बेटी टिकट के लिए आमने-सामने होंगी. योगेंद्र साव की छोटी बेटी अनुप्रिया की हम बात करें, जो इस विधानसभा चुनाव में अपनी राजनीतिक पारी की शुरूआत करना चाह रही है.

अनुप्रिया की हजारीबाग से ही पढ़ाई हुई. जिसके बाद उन्होंने मुंबई से लॉ की पढ़ाई पूरी की है. हालांकि इन दिनों वो कई सामाजिक कार्यों में भी काफी व्यस्त भी हैं. अनुप्रिया ने मुंबई की धारावी के स्लम एरिया में काम भी किया है. ऐसे में हजारीबाग को भी सुंदर और खूबसूरत बनना चाहती हैं.

उनका कहना है कि उनके पिता की चाहत थी कि वह नामांकन करें. इसलिए उन्होंने अपनी दावेदारी को लेकर आवेदन जमा किया हैं. उन्हें हजारीबाग से चुनाव लड़ने का मौका मिलता है तो यह उनके पिता योगेंद्र साव ही तय करेंगे.

वहीं हजारीबाग जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष शैलेंद्र यादव भी कहते हैं इस परिवार ने बहुत कष्ट झेला है. योगेंद्र साव का परिवार कांग्रेस पार्टी के लिए समर्पित है. सभी की इच्छा होती है कि वह जनप्रतिनिधि बनें.

योगेंद्र साव उनकी पत्नी निर्मला देवी, बेटी अंबा प्रसाद सभी जनप्रतिनिधि बनें. योगेंद्र साव और निर्मला देवी झारखंड सरकार में मंत्री भी बने. ऐसे में उनकी छोटी बेटी की भी इच्छा है कि वह कांग्रेस की सेवा करें तो उनका स्वागत है. आला कमान जिसे भी टिकट देगा हजारीबाग का हर एक कांग्रेस कार्यकर्ता उनके साथ खड़ा रहेगा. हालांकि ये तो कांग्रेस शीर्ष ही तय करेंगे की किसे टिकट देना है और किसी नहीं.

बहरहाल वहीं हम वैसी विधानसभा सीट की बात करें जहां से सबसे अधिक आवेदन आए है. वो है धनबाद विधानसभा क्षेत्र. यहां 68 दावेदारो ने अपना आवेदन जमा किया है. जिसके बाद 40-40 दावेदारों ने पूर्वी सिंहभूम और हटिया विधानसभा सीट अपना आवेदन जमा किया है.

वहीं 25 से ज्यादा आवेदन आए है रांची विधानसभा सीट से. जबकि कांग्रेस के मौजूदा विधायकों की सीट से भी 10 से अधिक आवेदन जमा किए गए है. आपको बता दें 28 अगस्त तक कांग्रेस ने चुनाव लड़ने की इच्छुक नेता विधायकों से आवेदन जमा करने को कहा था. जो प्रदेश कार्यालय तक पहुंचने लगे है.

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