विष्णु अग्रवाल की संपत्ति जब्त करेगी ईडी ,क्या न्यूक्लियस मॉल हो जाएगा बंद ?

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साल 2017 में रांची के लालपुर में न्यूक्लियस मॉल का उद्घाटन हुआ. उद्घाटन के साथ ही यह मॉल युवाओं और बच्चों की पहली पसंद बन गया. लेकिन क्या 7 सालों के बाद आपका पसंदीदा न्यूक्लियस मॉल अब बंद हो जाएगा. ये हम नहीं कह रहे हैं ,ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय के नए रिपोर्ट् अब इस ओर ही इशारा कर रहे हैं. दरअसल न्यूक्लियस मॉल के मालिक विष्णु अग्रवाल लंबे समय से ईडी के गिरफ्त में हैं. अब ताजे रिपोर्ट्स के मुताबिक ईडी विष्णु अग्रवाल की संपत्ति जब्त करने वाली है. रिपोर्ट्स बताते हैं कि ईडी की ओर से एक-दो दिनों में विष्णु अग्रवाल की संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त करने का आदेश जारी होगा. अब तक की जांच के दौरान विष्णु अग्रवाल द्वारा सिरमटोली स्थित सेना की जमीन के अलावा नामकुम और चेशायर रोड होम की जमीन खरीदने की पुष्टि हो चुकी है. इडी द्वारा इसके अलावा कुछ और संपत्ति भी जब्त करने की तैयारी है. चूंकि न्यूक्लियस मॉल भी विष्णु अग्रवाल की संपत्ति है इसलिए यह आशंका जताई जा रही है कि न्यूक्लियस मॉल को भी ईडी के कब्जे में आ सकता है.

बता दें कि विष्णु अग्रवाल पर फर्जीवाड़ा कर रांची में अलग-अलग जमीन की खरीद-बिक्री का आरोप है. मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ कर जमीन के असली रैयत का नाम बदलने और जमीन की रजिस्ट्री तथा म्यूटेशन करवा लेने के आरोपों की पुष्टि हो चुकी है. बीते 1 अगस्त को कारोबारी विष्णु अग्रवाल को लंबी पूछताछ के बाद ईडी ने गिरफ्तार कर लिया था. व्यापारी विष्णु अग्रवाल ने अब तक प्रवर्तन निदेशालय को जमीन से संबंधित मांगे गये पूरे दस्तावेज नहीं सौंपे हैं. ईडी ने अग्रवाल से सेना की जमीन के अलावा नामकुम स्थित जमीन, सर्कुलर रोड स्थित न्यूक्लियस मॉल की जमीन और अपने या पारिवारिक सदस्यों के नाम खरीदी गयी सभी जमीन से संबंधित दस्तावेज लाने का निर्देश दिया था. ईडी ने जांच के दौरान न्यूक्लियस मॉल की जमीन व नामकुम अंचल के पुगड़ू में खरीदी गयी जमीन में भी गड़बड़ी की आशंका जतायी है.

इतना ही नहीं विष्णु अग्रवाल द्वारा जमीन खरीद के मामले में ईडी द्वारा अब तक की जांच के दौरान तीन मामलों में रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन की संलिप्तता पायी गयी है. छवि रंजन ने चेशायर होम रोड स्थित खाता नंबर-37,प्लॉट नंबर-28 की जमीन के मूल दस्तावेज में छेड़छाड़ कर तैयार किये गये फर्जी दस्तावेज को वैध मानते हुए इसके खरीद-बिक्री की अनुमति दी थी.

इस जमीन की खरीद-बिक्री में प्रेम प्रकाश की महत्वपूर्ण भूमिका थी. प्रेम प्रकाश के करीबी पुनीत भार्गव से विष्णु अग्रवाल ने यह जमीन खरीदी थी. इसमें भुगतान के गलत दावे किये गये. छवि रंजन के आदेश के बाद ही विष्णु अग्रवाल को रांची नगर निगम क्षेत्र में सिरमटोली स्थित सेना के कब्जेवाली जमीन (एमएस प्लॉट नंबर-908, 851-पी) का मालिक बनाया गया. छवि रंजन की मदद से ही विष्णु अग्रवाल को नामकुम को पुगड़ू मौजा की (खाता नंबर-93, प्लॉट नंबर-543, 544, 546, 547) 9.30 एकड़ जमीन खरीदने में कामयाबी हासिल हुई. इडी ने जांच में पाया है कि यह खासमहल की जमीन थी. लेकिन एसआइटी की रिपोर्ट में इसका जिक्र नहीं किया गया था.

इन सभी मामलों में ईडी रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन के खिलाफ दूसरा आरोप पत्र भी इसी सप्ताह में दायर करने की भी तैयारी में है.

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