कांग्रेस पार्टी के लिए आज (07 अगस्त) का दिन बेहद खास है. क्योंकि पार्टी के बेहद ही लोकप्रिय नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल हो गई. इसकी अधिसूचना लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी कर दी गई है. बता दें कि बीते शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की मोदी सरनेम मानहानि मामले में सजा पर रोक लगाने का फैसला सुनाया था. जिसके तुरंत बाद ही अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा सचिवालय जाकर अधिकारियों से मुलाकात की थी.
वायनाड से हैं सासंद
बता दें कि राहुल गांधी साल 2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी और वायनाड से चुनाव लड़े थे. लेकिन उन्हें जीत वायनाड सीट पर ही मिली थी. अमेठी लोकसभा सीट पर स्मृति इरानी ने राहुल गांधी को हराया था.
क्यों गई थी राहुल गांधी की सदस्यता?
राहुल गांधी ने 11 अप्रैल 2019 को बेंगलुरु के एक रैली कहा था कि सभी मोदी सरनेम वाले चोर क्यों? जिसके 2 दिन बाद यानी 13 अप्रैल 2019 को बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने कोर्ट शिकायत दर्ज करवाई. जिसके बाद मामला 6 मई सूरत सेशन कोर्ट पहुंचा. वहीं, 23 मार्च 2023 को सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई. सजा मिलने के बाद राहुल गांधी 7 जुलाई 2023 को गुजरात हाई कोर्ट पहुंचे लेकिन कोर्ट ने राहल गांधी की दो साल की सजा को बरकरार रखा. जिसके बाद राहुल गांधी 15 जुलाई 2023 को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे और आज 04 अगस्त 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने उनके सजा पर रोक लगा दी है. इस रोक को कांग्रेस पार्टी मोहब्ब्त की जीत बता रहे हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष ने नेताओं को खिलाई मिठाई
राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने के बाद कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकाअर्जुन खड़गे ने कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं को अपने हाथ से मिठाी खिलाई. सभी नेताओं के चेहरे पर खुशी देखी जा रही थी.
The decision to reinstate Shri @RahulGandhi as an MP is a welcome step.
It brings relief to the people of India, and especially to Wayanad.
Whatever time is left of their tenure, BJP and Modi Govt should utilise that by concentrating on actual governance rather than… pic.twitter.com/kikcZqfFvn
— Mallikarjun Kharge (@kharge) August 7, 2023