आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों में हलचल तेज हो गई है. खासकर झारखंड फतेह को लेकर सभी पार्टियों में अलग ऊर्जा देखी जा रही है, हालांकि इसका कारण झारखंड में आगामी विधानसभा के चुनाव भी हैं. जहां एक ओर झारखंड में अपनी 11 लोकसभा सीटों को बचाए रखने के लिए भाजपा महाजनसंपर्क अभियान और संकल्प यात्रा से लोगों के बीच अपनी पकड़ बना रही है वहीं अब कांग्रेस भी इस रेल में शामिल हो गई है.
कांग्रेस आलाकमान ने बीते कल यानी 16 अगस्त को दिल्ली में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी कार्यालय में झारखंड कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक बुलाई. इस बैठक में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगोपाल और कांग्रस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय मौजूद थे और प्रदेश कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर, झारखंड कैबिनेट के वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव, ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, इनके साथ प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की, शहजादा अनवर, गीता कोड़ा, जलेश्वर महतो और प्रदीप यादव, संजय पासवान सहित पॉलिटिकल अफेयर कमेटी के सभी 20 सदस्य शामिल हुए.
इस बैठक में आगामी चुनावों की रणनीतियों पर चर्चा की गई. बैठक में यह भी फैसला हुआ कि आने वाले समय में कांग्रेस आलाकमान राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिका अर्जुन खरगे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय सचिव प्रियंका गांधी झारखंड में चुनावी जनसभाओं को संबोधित करेंगे हर लोकसभा सीट पर एक वरिष्ठ नेता को जिम्मेदारी सौपी जाएगी.
इस बैठक के बाद प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने कहा कि- इस बार कांग्रेस झारखंड में नौ सीटों पर चुनाव लड़ेगी. राज्य की सभी लोकसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन का परचम लहराएगा. भाजपा को हराने के लिए इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों के साथ समन्वय बनाकर चुनाव लड़ा जाएगा.
कांग्रेस के 9 सीटों का फॉर्मूला समझिए-
बैठक में कांग्रेस ने तय किया कि झारखंड में कांग्रेस 14 में से 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसके पीछे का कारण यह है कि बैठक में तय हुआ कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस या गठबंधन के प्रत्याशी जिस सीट पर पहले या दूसरे नंबर पर थे, वे सभी सीटों पर संबंधित पार्टी ही चुनाव लड़ेगी.चूंकि 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने झारखंड में चाईबासा सीट जीती थी, जबकि खूंटी, चतरा, धनबाद, रांची, लोहरदगा और हजारीबाग में दूसरे स्थान पर थी इसलिए इन 7 सातों सीटों पर तो कांग्रेस चुनाव लड़ेगी ही .इसके अलावा गोड्डा और कोडरमा की सीट झारखंड विकास मोर्चा को दी गई थी लेकिन अब इन दोनों सीटों पर कांग्रेस दावा कर रही है. यानी कुल मिलाकर नौ सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
वहीं बाकी पांच सीटों की बात करें तो पिछली चुनाव में जेएमएम ने राजमहल सीट पर जीत दर्ज की थी और तीन सीटों दुमका, गिरिडीह और जमशेदपुर में दूसरे स्थान पर रही थी तो इन सीटों जेएमएम अपना प्रत्याशी उतारेगी. वहीं पलामू में राजद प्रत्याशी दूसरे स्थान पर थे. इस आधार पर कांग्रेस ने चार सीटें झामुमो के लिए और एक सीट राजद के लिए छोड़ी है.
कांग्रेस की रणनीतियों के तहत झारखंड में संगठन के कार्यकर्ता और पदाधिकारी राज्य और जिला स्तर पर जनसुनवाई करेंगे. इसके तहत वे राज्य की गठबंधन सरकार के तहत चलाई जाने वाली विभिन्न योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेंगे. इसमें अगर किसी को परेशानी हो रही हो तो जनसुनवाई के माध्यम से उनकी मदद की जाएगी. वहीं चुनाव प्रचार के दौरान कार्यकर्ता गांव गांव तक जाएंगे सभी लोकसभा क्षेत्रों में जाकर वहां की जनता को केंद्र सरकार की गलत नीतियों के बारे में जानकारी देंगे. अविनाश पांडे ने कहा कि झारखंड में कांग्रेस बीजेपी को मुंहतोड़ जवाब देने को पूरी तरह तैयार है.