झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. दरअसल, झारखंड हाई कोर्ट में बीते कल यानी 11 अक्टूबर को हेमंत सोरेन के खिलाफ दायर खनन पट्टा आवंटन मामले की सुनवाई हुई. बता दें कि सीएम के खिलाफ सुनील कुमार महतो ने जनहित याचिका दायर की थी. याचिका की सुनवाई 11 अक्टूबर को मुख्य न्यायाधीश संजय मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में सुनवाई हुई. अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी.
29 नवंबर को होगी सुनवाई
खनन पट्टा मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने पक्ष रखा. वहीं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से अधिवक्ता कपिल सिब्बल, महाधिवक्ता राजीव रंजन और पीयूष चित्रेश ने इस मामले में अपना पक्ष रखा. सीएम के वकीलों ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि यह मामला पहले ही सुप्रीम कोर्ट में खारिज चुका है. वहीं, कोर्ट में याचिकाकर्ता के आरोपों से संबंधित शपथ पत्र पर जवाब दाखिल करने, काइंटर एफिडेविट दायर करने के लिए समय मांगा गया. जिसके बाद अब कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी.
पूरा आरोप समझिए?
झारखंड हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता के वकील अजीत कुमार ने कहा कि यह मामला अलग है. झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Chief Minister Hemant Soren) ने पत्नी और साली के नाम इंडस्ट्रियल यूज की जमीन ली है. खैर, अब देखने वाली बात होगी कि 29 नवंबर को कोर्ट क्या फैसला सुनाता है.