मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड में 108 एंबुलेंस सेवा की स्थिति दुरुस्त करने पर दिया जोर, 15 नवंबर तक का दिया समय

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हम जब कभी भी किसी मेडिकल एमरजेंसी में फंस जाते हैं और हमें एंबुलेंस की जरुरत पड़ती है तो हमारे दिमाग में सबसे पहले एक ही नंबर आता है. 108. 108 एंबुलेंस सेवा एक अखिल भारतीय आपातकालीन सेवा है जो जरूरतमंद लोगों को मुफ्त आपातकालीन चिकित्सा देखभाल और परिवहन प्रदान करती है. यह राज्य सरकारों द्वारा संचालित है और केंद्र सरकार द्वारा समर्थित है. यह सेवा 24 घंटे सातों दिन उपलब्ध है और आपातकालीन नंबर 108 डायल करके इसका उपयोग किया जा सकता है.

लेकिन क्या होगा जब आपातकाल में इस नंबर से आपको कोई रिस्पॉन्स न मिले. जी हां, झारखंड में 108 एंबुलेंस की सेवा बदहाल है. आए दिन इसकी शिकायत आती ही रहती है. और ये सिर्फ आम जनता के साथ नहीं हो रहा है बल्कि झारखंड में 108 एंबुलेंस की स्थिति इतनी बदतर है कि जब इस एंबुलेंस को खुद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता भी कॉल करते हैं तो उन्हें भी कोई रिस्पॉन्स नहीं मिलता है.

18 मार्च 2023 को यह मामला झारखंड विधानसभा में भी उठाया गया है. पक्ष-विपक्ष के विधायकों का कहना था कि इस सेवा को बेहतर करने की जरूरत है. सुदूर इलाके में इसकी सेवा नहीं मिल रही है़ इसमें कई खामियां है़ं .जामताड़ा विधायक डॉ इरफान अंसारी ने मामला उठाते हुए कहा था कि सभी प्रखंडों में एंबुलेंस सेवा पिछली सरकार में शुरू हुई थी. इसका लाभ गरीबों को नहीं मिल रहा है़ केवल फर्जीवाड़ा हो रहा है़ इसकी सीबीआइ जांच होनी चाहिए़ .

और अब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 108 एंबुलेंस को लेकर आदेश दिया है कि आगामी 15 नवंबर तक हर हाल में 108 एंबुलेंस सेवा दुरुस्त हो. बीते कल मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों के साथ अहम बैठक की. इस बैठक में राज्य के स्वास्थ्य, चिकित्सा सेवा एवं परिवार कल्याण मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वंदना दादेल, सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.

सीएम ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश देते हुए स्पष्ट कहा कि राज्य में संचालित 108 एंबुलेंस सेवा को लेकर निरंतर शिकायतें प्राप्त हो रही हैं. राज्य के भीतर 108 एंबुलेंस सेवा आगामी 15 नवंबर 2023 तक हर हाल में सुधरनी चाहिए. उक्त तिथि तक सभी एंबुलेंस पूर्ण रूपेण कार्यरत किए जाएं. मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि एंबुलेंस सेवाओं में लापरवाही पाई गई तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

साथ ही सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना तथा आयुष्मान भारत योजना का लाभ राज्य की जनता को वास्तविक और पूर्ण रूप से मिले यह सुनिश्चित करें. इन स्वास्थ्य योजनाओं के अंतर्गत जो नए प्रावधान किए गए हैं उनका पूरा उपयोग हो. किसी भी मरीज को नियम के चक्करों में न उलझाएं, योजनाओं का लाभ लेने को लेकर कहीं कोई भ्रम की स्थिति न हो. इसे लेकर प्रक्रियाओं को सरल और सहज बनाएं.

सीएम ने बैठक में मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना, आयुष्मान भारत योजना, कर्मचारी राज्य बीमा निगम के द्वारा संचालित अस्पतालों की स्थिति की जानकारी अधिकारियों से ली. उन्होंने कहा कि हर हाल में राज्य में चिकित्सा व्यवस्था को दुरुस्त करें. एंबुलेंस सेवा सुचारु रूप से जनता को समय से उपलब्ध होनी चाहिए. संवेदनहीनता किसी भी स्थिति में क्षमा योग्य नहीं होगा.

अब सीएम के इन आदेशों के बाद उम्मीद की जा रही है कि राज्य में हेल्थ सेक्टर सुचारु रुप से काम करेंगे. अब देखना होगा कि 15 नवंबर तक एंबुलेंस की सेवा में सुधार हो पाती है या नहीं.

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