चंपाई सोरेन

30 अगस्त को चंपाई सोरेन भाजपा में होंगे शामिल, BJP में जाने की चर्चा इस दिन से हुई थी शुरु…

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Ranchi : पूर्व सीएम चंपाई सोरेन को आखिरकार नया दोस्त मिल गया है. सोमवार देर रात को सब साफ हो गया. बड़ा सवाल ये है कि चंपाई सोरेन ने झामुमो से अलग होकर नया संगठन बनाने का ऐलान क्यों किया था.

आखिर ऐसी क्या बात हो गई थी कि अपने कोल्हान दौरे को बीच में ही छोड़ कर नए दोस्त की तलाश में चंपाई सोरेन एक बार फिर दिल्ली चले गए और अपने दोस्त का कमल फूल थाम लिया.

दरअसल, कुछ दिन पहले भी चंपाई कमल फूल वाले दोस्त को ढूंढने गए थे लेकिन बात नहीं बनी, लेकिन सवाल यहां ये भी है कि नये डील में ऐसा क्या मिला कि चंपाई कमल थामने को राजी हो गये. सोरेन को लेकर कब से अटकलों का बाजार गर्म होना शुरू हुआ था. इस बीच चंपाई सोरेन ने क्या कुछ कहा था. साथ ही झामुमो के अध्यक्ष व सूबे के मुखिया ने क्या प्रतिक्रिया दी थी.

आधी रात सामने आई चंपाई और अमित शाह की तस्वीर

एक ओर कृष्ण की भक्ति में देश लीन था वहीं दूसरी तरफ झारखंड की राजनीतिक को लेकर दिल्ली में लीला रची जा रही थी. दरअसल, सोमवार देर रात करीब साढे 12 बजे के करीब एक तस्वीर सोशल मीडिया पर सर्कुलेट होने लगी. तस्वीर थी भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय मंत्री अमित शाह और पूर्व सीएम चंपाई सोरेन की.

इनके साथ सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा भी मौजूद थे. खबर सामने आई कि चंपाई सोरेन जल्द ही भाजपा के हो जाएंगे. इसकी जानकारी खुद हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया पर ट्वीट कर दी थी.

16 अगस्त से चर्चा में आए थे चंपाई सोरेन

बहरहाल, हेमंत 3.0 में मंत्रिपद पर रहते हुए झामुमो से बगावती सुर लिए चंपाई सोरेन पिछल 10 से 12 दिनों से चर्चा में बने हुए थे. ये सिलसिला शुरू हुआ था, स्वतंत्रता दिवस के ठीक एक दिन बाद यानी 16 अगस्त को. खबर ये आई कि चंपाई जल्द ही भाजपा का दामन थामने वाले है.

इन अटकलों को मजबूती तब और मिली जब 18 अगस्त को चंपाई सोरेन के झामुमो के 6विधायकों के साथ कोलकाता के रास्ते दिल्ली जाने की खबरें सामने आई, हालांकि ऐन वक्त पर सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन ने सभी 6 विधायकों को अपने आवास में बुलाकर बातचीत की. जिसके बाद सभी विधायकों का बयान आया कि वे झामुमो को छ़ोड कर कहीं नहीं जा रहे हैं.

इसी बीच चंपाई सोरेन ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बड़ा बदलाव किया.प्रोफाइल से झामुमो हटा दिया. मंत्रिपद का भी जिक्र नहीं था. केवल पूर्व मुख्यमंत्री झारखंड लिखा था. वहीं कोलकाता एयरपोर्ट पर जब पत्रकारों ने भाजपा में शामिल होने पर सवाल किया तो इसके जवाब में उन्होंने कहा था.

मैं जहां हूं वहीं रहूंगा, फिर थोड़ी देर बाद अपने सोशल मीडिया पर झामुमो और हेमंत सोरेन पर अपने अपमान को लेकर एक लंबा चौड़ा पोस्ट.जिसमें उन्होंने आरोप लगते हुए लिखा था झामुमो में कुर्सी से उतार कर मुझे अपमानित किया गया. अब 3 विकल्प बचते है. पहला या तो संन्यास लूं, नया संगठन बनाऊ या फिर किसी के साथ चल दूं.

अलग संगठन बनाने का किया था ऐलान 

बढ़ती सियासी तपीश के बीच चंपई सोरेन एक के बाद एक ऐलान कर रहे थे. हालांकि फिर खबर आई कि चंपई सोरेन की बात दिल्ली में नहीं बन पाई. वे तीन दिन के बाद दिल्ली से अपने पैतृक आवास जिलिंगगोड़ा लौट आए.

मजेदार बात तो ये है कि वापस आने के बाद उन्होंने भाजपा में जाने वाले सवाल को नकारते हुए कहा था कि हम दिल्ली अपने पोते का चश्मा बनवाने गये थे. तो कभी जवाब को घुमा फिरा कर कहा अपने पोती से मिलने दिल्ली गए थे.

जिसके ठीक दूसरे दिन उन्होंने ऐलान किया कि वे संन्यास नहीं लेंगे. अब अलग संगठन बनाएंगे. जब हेमंत सोरेन से जमशेदपुर में चंपाई सोरेन के संदर्भ में पूछे गये सवाल को टाल दिया. कहा कि चंपाई सोरेन के विषय में मुझे कोई जानकारी नहीं है.

बहरहाल संगठन बनाने का ऐलान करने के बाद चंपई सोरेन ने लगातार कोल्हान का दौरा भी करना शुरू कर दिया था, इस बीच सरायकेला में एक सभा का भी आयोजन किया गया.

सभा में दिखा था भगवा रंग का खुमार

उनके इस सभा में लगाए गए पोस्टर, होर्डिंग कटआउट पर भगवा रंग नजर आया, हालांकि उसमें केवल चंपई सोरेन जिंदाबाद के नारे ही लगे हुए थे, लेकिन उस दौरान भी उन्होंने भाजपा में शामिल होने वाले सवाल को घुमाते हुए जवाब दिया था कि एक हफ्ते में सारी तस्वीरें साफ हो जाएगी.

हालांकि अब सियासी गालियारों में लग रहे अटकलों की तस्वीरें साफ हो गई अब चंपाई सोरेन ने भाजपा का दामन थामने वाले है.

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