चंपाई सोरेन

चंपाई सोरेन झारखंड की सियासी पिच पर हेमंत की टीम में होकर BJP के लिए बैटिंग कर रहे थे?

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चंपाई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा में होकर भी भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री थे. क्या पिछले 6 महीने से चंपाई सोरेन झारखंड की सियासी पिच पर हेमंत की टीम में होकर भी बीजेपी के लिए बैटिंग कर रहे थे.

क्या चंपाई सोरेन झारखंड में भारतीय जनता पार्टी के ऑपरेशन लोटस के मुख्य सिपहसालार थे. क्या हरे के दिखावे में चंपाई सोरेन हकीकत में भगवा चोला ओढ़े हुए थे.

क्या चंपाई सोरेन बीजेपी के साथ मिलकर हेमंत सोरेन का किला ढहाने की साजिश में शामिल थे. क्या चंपाई सोरेन का इमोशन महज दिखावा था.

झारखंड की सियासत में इस नई उथल-पुथल के पीछे बीजेपी के सह चुनाव प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा का एक बयान है. आखिर हिमंता बिस्वा सरमा ने ऐसा क्या कह दिया कि झारखंड की राजनीति हिल गई है.

हिमंता के इस नये बयान में ऐसा क्या है कि कोल्हान टाईगर की विश्वसनीयता ही संदेह के घेरे में आ गई है. हिमंता बिस्वा सरमा के नये बयान में क्या ऑपरेशन लोटस की पूरी कहानी छिपी है.

चंपाई सोरेन पर हिमंता के नये बयान से हलचल तेज

दरअसल, आज हिमंता बिस्वा सरमा रांची के सांसद और केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ से मुलाकात करने उनके आवास पर गये थे. मुलाकात के बाद मीडिया से मुखातिब हिमंता बिस्वा सरमा ने चंपाई सोरेन के सवाल पर कहा कि मैं पिछले 6 महीने से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से उनके संपर्क में हूं. हमारी बातचीत होती रही है.

हमने पहले कभी राजनीति के विषय पर बातचीत नहीं की है लेकिन अब, मौजूदा परिस्थितियों में राजनीति पर बातचीत की संभावनाएं भी हैं. हो सकता है कि अब, चंपाई सोरेन से सियासत पर भी बातचीत होगी.

चंपाई सोरेन वरीय नेता हैं. आंदोलनकारी हैं. उनका सम्मान है. यदि वह भाजपा में शामिल होना चाहते हैं तो सारे दरवाजे खुले हैं. बाकी मैं उनपर कुछ ज्यादा टिप्पणी नहीं करना चाहता.

दिलचस्प है कि इस दौरान हिमंता बिस्वा सरमा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी बीजेपी ज्वॉइन करने का ऑफर दे डाला.

अब बड़ा सवाल यही है कि क्या वाकई चंपाई सोरेन और भारतीय जनता पार्टी के बीच उस समय से ही खिचड़ी पक रही थी जब हेमंत सोरेन कथित जमीन घोटाला केस में जेल में थे.

चंपाई सोरेन दूसरी बार दिल्ली दौरे पर गये हैं

गौरतलब है कि हिमंता विस्वा सरमा का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जबकि चंपाई सोरेन दूसरी बार दिल्ली प्रवास पर हैं. चंपाई सोरेन रविवार देर शाम ही वाया कोलकाता दिल्ली के लिए रवाना हो गये हैं.

इसके पहले उन्होंने अपने विधानसभा सरायकेला में लोगों से मुलाकात की. एक तरह से ताकत और समर्थन दिखाने का प्रयास किया है. बताया जा रहा है कि चंपाई सोरेन के साथ उनके दोनों बेटे बाबूलाल और वकील सोरेन भी दिल्ली गये हैं. साथ में सलाहकार चंचल गोस्वामी भी हैं.

मीडिया रिपोर्ट्स यह दावा करती है कि दिल्ली में चंपाई सोरेन की केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात होगी. वह जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह से भी मिल सकते हैं.

ठीक इसी समय रांची में हिमंता का यह कहना कि वह 6 महीने से चंपाई सोरेन के संपर्क में थे, कई सवाल छोड़ जाता है. मीडिया से लेकर चाय की टपरी में हो रही चर्चा तक में इसके कई मायने और संदर्भ निकाले जा रहे हैं.

चंपाई सोरेन का भावुक होना महज ढकोसला था!

सवाल उठ रहे हैं कि क्या फिर चंपाई का भावुक होना महज ढकोसला था. झामुमो में अपमान की बातें महज गप्पे थीं. क्या वाकई स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के चंपाई सोरेन की नीयत पर सवाल जायज थे.

दरअसल, 17-18 अगस्त को चंपाई सोरेन दिल्ली गये थे. पहले तो कहा कि बेटी से मिलने आया हूं लेकिन उसी शाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (एक्स) पर 2 पन्नों का भावुक पोस्ट लिखा.

कहा कि बतौर मुख्यमंत्री फैसले नहीं लेने दिए गये. हेमंत सोरेन के जेल से बाहर आने के बाद बतौर सीएम सरकारी कार्यक्रमों में भाग लेने से रोका गया. 3 जुलाई को मुख्यमंत्री आवास में विधायक दल की मीटिंग बुलाई गई जिसका एजेंडा सीएम को ही नहीं बताया. बीच मीटिंग में अचानक इस्तीफा मांग लिया गया. ये सबकुछ बहुत अपमानजनक था.

उसी मीटिंग में कहा था कि आज से ही मेरे जीवन का नया अध्याय शुरू होगा. मैं आंसू पीकर रह गया लेकिन अब मेरे पास 3 विकल्प हैं. नया सहयोगी, नया संगठन या फिर संन्यास.

चंपाई के इस ट्वीट के बाद बन्ना गुप्ता ने उनपर कई गंभीर आरोप लगाये. बीजेपी से सांठ-गांठ का भी आरोप लगा.

चंपाई सोरेन पर हिमंता के नये बयान का क्या होगा असर

अब हिमंता के बयान ने खलबली बचा दी है. वैसे क्या वाकई हिमंता बिस्वा सरमा के बयान से चंपाई को संदेह की निगाह से देखा जाना चाहिए. राजनेताओं के बयान का संदर्भ होता है. ये भी सही है कि लोग एक बयान के 100 संदर्भ निकाल सकते हैं.

हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि वह चंपाई सोरेन  के साथ पिछले 6 माह से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संपर्क में हैं. बातचीत होती थी लेकिन कभी इसका विषय राजनीति नहीं रहा.

हिमंता असम के मुख्यमंत्री हैं और चंपाई झारखंड के मुख्यमंत्री थे. हिमंता बिस्वा सरमा लोकसभा चुनाव से लेकर अब तक लगातार झारखंड का दौरा कर रहे हैं. हिमंता ने कहा कि अब मौजूदा परिस्थितियों में चंपाई सोरेन के साथ राजनीति पर बातचीत की गुंजाइश है. बीजेपी में स्वागत की बात भी कह रहे हैं.

हालांकि, 3 जुलाई के बाद से ही शिवराज सिंह चौहान और हिमंता बिस्वा सरमा सहित झारखंड बीजेपी के बाबूलाल मरांडी और अमर बाउरी भी चंपाई सोरेन से सहानुभूति जताते हुए उनकी तारीफों के पुल बांधते रहे हैं.

सियासत में कोई बात यूं ही नहीं होती. हिमंता ने ताजा बात किस संदर्भ में कही. चंपाई किस मंशा से बार-बार दिल्ली जाते हैं. झामुमो क्यों चंपाई के सवाल पर खामोश हो जाती है. कई सवाल हैं. कई संदर्भ हैं.

समझदार आप भी हैं. हमने तथ्य रख दिए हैं. राय बनाना या अंदाजा लगाना आप पर छोड़ता हूं. बाकी कोई अपडेट होगा तो जरूर बताऊंगा.

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