निशिकांत दुबे और महुआ मोइत्रा के मामले में दिन ब दिन हो रहे हैं बड़े खुलासे, जानें आगे क्या हुआ

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गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे और पं बंगाल की सांसद महुआ मोइत्रा बीते कुछ दिनों से लगातार समाचारों की सुर्खियां बने हुए हैं. निशिकांत दुबे ने महुआ मोइत्रा पर आरोप लगाया है कि मोइत्रा संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेस मैन दर्शन हीरानंदानी से रूपए और उपहार लेती हैं. ये मामला अब धीरे धीरे बढ़ता ही जा रहा है. दिन ब दिन इस मामले में दोनों सांसद एक दूसरे पर आरोप –प्रत्यारोप सिद्ध करने में लगे हुए हैं.

इसी बीच संसद की एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने इस बात की पुष्टि की है कि उन्हें “दर्शन हीरानंदानी का एक हलफ़नामा मिला है और ज़रूरत पड़ने पर महुआ मोइत्रा को तलब किया जा सकता है.”

बता दें बिजनेस मैन हीरानंदानी ने एक लेख साझा किया जिसे हीरानंदानी का हलफनामा भी बताया जा रहा है. उनमें दर्शन हीरानंदानी ने कहा है, “जब मैंने मोइत्रा को अदानी ग्रुप पर सवालों का पहला सेट संसद में पूछने के लिए दिया तो उन सवालों पर उन्हें विपक्ष और मीडिया के एक वर्ग से खूब समर्थन मिला. इसके बाद उन्होंने मुझसे कहा कि मैं उन्हें अदानी ग्रुप के ख़िलाफ़ सवाल पूछने में मदद करता रहूँ. इसके लिए उन्होंने मुझे संसद का अपना लॉगइन और पार्सवर्ड भी दे दिया ताकि मैं सीधे महुआ मोइत्रा की ओर से सवाल पोस्ट कर सकूँ.”

महुआ मोइत्रा ने इन आरोपों को सरासर खारिज किया है और अपने जवाब में कहा है कि ये पूरा ‘हलफ़नामा’ ही ‘मज़ाक’ है, और इसका ड्राफ्ट ‘पीएमओ में तैयार किया गया है.’

इन हलफनामों के द्वारा लगे आरोपों पर मोइत्रा ने जवाब देते हुए कहा कि “तीन दिन पहले हीरानंदानी समूह ने प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा था कि उनके ख़िलाफ़ आरोप बेबुनियाद हैं. आज उन्होंने आरोपों पर सहमति जताते हुए हलफ़नामा दायर कर दिया. ये हलफ़नामा एक सादे सफ़ेद कागज़ पर लिखा है, जिस पर समूह का लेटरहेड भी नहीं है. बयान के आखिर में एक हस्ताक्षर है और ये भी नहीं दर्ज है कि हलफ़नामा कहां पर और किस वक़्त लिखा गया है.”

बीबीसी की रिपोर्ट की मानें तो निशिकांत दुबे ने ये आरोप सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्रइ की शिकायत करने पर महुआ पर लगाए हैं. दरअसल देहाद्रई महुआ मोइत्रा के पूर्व प्रेमी बताए जा रहे हैं.

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि महुआ और अनंत के पास एक पालतू कुत्ता था जिसका नाम हेनरी था. दोनों के बीच हेनरी को अपने पास रखने के लिए विवाद भी चल रहा है.

देहाद्रई और महुआ की सोच में भी काफी अंतर देखाई देता है. जहां एक ओर महुआ मोदी सरकार के खिलाफ खड़ी हैं वही देहाद्रई पीएम नरेंद्र मोदी को एक दूरदर्शी नेता बताते हैं.

संसद के एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष ने यह भी बताया कि बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की शिकायत पर आगामी 26 अक्तूबर को सुनवाई होगी. विनोद सोनकर ने यह भी कहा कि दुबे से सबूत पेश करने को कहा गया है.

विशेषज्ञों के द्वारा अब ऐसा माना जा रहा है कि अगर निशिकांत दुबे ने मोइत्रा के खिलाफ सबूत पेश कर दिए और महुआ पर लगे आरोप सिद्ध कर दिए तो केंद्र में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे का कद और बढ़ जाएगा, जिसका असर आगामी 2024 के चुनावों में भी देखने को मिल सकता है. कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि यदि निशिकांत 2024 का चुनाव जीतते हैं और केंद्र में भाजपा की सरकार बनती है तो निशिकांत दुबे केंद्र सरकार की कैबिनेट में बतौर मंत्री भी शामिल हो सकते हैं.

हालांकि इस विषय में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता है, फिलहाल देखना ये होगा कि 26 अक्टूबर को निशिकांत दुबे मोइत्रा के खिलाफ सबूत पेश कर पाते हैं या नहीं उसके बाद ही आगे की रणनीतियां तय होंगी.

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