झारखंड में हथियार रखने के शौकीनों की संख्या काफी अधिक है। सुरक्षा के नाम पर हथियार का लाइसेंस लेने वाले रसूखदार लोग प्रशासन के आदेशों की भी परवाह नहीं करते। इसका नतीजा यह है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद हथियार जमा करने के आदेश जारी होने पर भी उन्होंने अपने हथियार जमा नहीं कराए। सभी जिलों के डीसी ने लाइसेंसी हथियार रखने वालों को अपने हथियार जमा करने का निर्देश दिया था, लेकिन ज्यादातर जिलों में यह निर्देश नहीं माने गए। चुनाव के दौरान हथियार जमा न करने को सभी जिलों के डीसी ने गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है।
10 जिलों के डीसी ने 1319 लोगों के लाइसेंस रद्द
10 जिलों के डीसी ने 1319 लोगों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं, जिन्होंने हथियार जमा नहीं किए या छूट के लिए आवेदन नहीं किया। 300 से अधिक लोगों को अंतिम नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा गया है। पलामू में विधानसभा के प्रथम स्पीकर इंदर सिंह नामधारी के बेटे दिलीप सिंह नामधारी, पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी के भाई धनंजय त्रिपाठी, नंद गोपाल त्रिपाठी सहित 320 लोगों के हथियार के लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं।
रांची में 211 और धनबाद में 78 लोगों को अंतिम नोटिस
रांची में 211 और धनबाद में 78 लोगों को अंतिम नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा गया है। अगर वे निर्धारित समय के अंदर जवाब नहीं देते हैं, तो उनका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। इससे लगभग 1600 हथियारों के लाइसेंस रद्द हो जाएंगे। लाइसेंस रद्द होने के बाद, संबंधित व्यक्ति के पास रखे गए हथियारों को अवैध मानते हुए उन्हें जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
रांची में अब तक 3419 रायफल और पिस्टल के लाइसेंस जारी किए
रांची में अब तक 3419 रायफल और पिस्टल के लाइसेंस जारी किए जा चुके हैं। पिछले एक साल में, विभिन्न कारणों से 100 लाइसेंस रद्द कर दिए गए थे। चुनाव की घोषणा के बाद, डीसी राहुल कुमार सिन्हा ने सभी लाइसेंसधारियों को नोटिस जारी किया था, जिसमें उन्हें अपने शस्त्र का सत्यापन कराकर संबंधित थानों और बंदूकघरों में जमा करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन, 211 लाइसेंसधारियों ने न केवल हथियार जमा नहीं किए, बल्कि सत्यापन भी नहीं कराया। उन्होंने प्रशासन को इसकी कोई सूचना भी नहीं दी। ऐसे लाइसेंसधारियों को अब अंतिम नोटिस जारी किया गया है।
जवाब मिलने के बाद संबंधित लोगों के हथियारों का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। वहीं, 300 से अधिक लोगों ने अपनी पैरवी और पहुंच का फायदा उठाकर लाइसेंस जमा करने से छूट हासिल कर ली है। हालांकि, जिला प्रशासन ने इन छूट प्राप्त लाइसेंसधारियों की वास्तविक संख्या सार्वजनिक नहीं की है। पलामू में, हथियार जमा नहीं करने पर सबसे ज्यादा सख्ती बरती गई, जबकि संथाल में सबसे ज्यादा लोगों को छूट दी गई।
कुछ खास समूहों को इससे छूट दी गई है
चुनाव के दौरान शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए हथियारों के लाइसेंस जमा करवाए जाते हैं। लेकिन कुछ खास समूहों को इससे छूट दी गई है। इनमें बैंक के सुरक्षाकर्मी, सशस्त्र बल, सिविल डिफेंस, सीमा सुरक्षा बल, होमगार्ड, केंद्र और राज्य सरकार के वे अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं जिन्हें चुनाव के दौरान सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा, पेट्रोल पंप मालिक या अन्य कंपनियां और संस्थाएं जिनके पास सुरक्षा के लिए लाइसेंस है, वे भी इस छूट में शामिल हैं।
इन जिलों में रद्द किए गए लाइसेंस
जिला – रद्द
पलामू – 320
जमशेदपुर – 220
रांची – 211
लातेहार – 181
बाेकाराे – 159
चतरा – 73
गढ़वा – 46
धनबाद – 27
काेडरमा – 10
रामगढ़ – 02