Ranchi : टेंडर घोटाला मामले में बुधवार को ईडी ने ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें उनके पद से बर्खास्त करने की मांग तेज हो गई है.
गुरूवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने आलमगीर आलम के खिलाफ जांच तेज करने की मांग करते हुए कहा है कि राज्य सरकार को चाहिए कि उन्हें तत्काल मंत्री पद से हटाए.
उन्होंने कहा कि जिस मंत्री के आप्त सचिव और नौकर के घर से 35 करोड़ कैश बरामद हुए हैं, उस मंत्री के पास अभी भी सैकड़ों करोड़ होने की संभावना है. ऐसे में इस मामले की जांच तेज करने की जरूरत है. बीजेपी प्रदेश कार्यालय में मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए अरुण सिंह ने कहा कि ये आश्चर्य कि बात है कि गिरफ्तारी के बाद भी आलमगीर आलम के द्वारा मंत्री पद से इस्तीफा नहीं दिया गया है.
राज्य सरकार तुष्टिकरण की वजह से इन्हें छूट देती रही है. ये वही आलमगीर आलम हैं जिन्होंने कोरोना के वक्त जिस तरह से तबलीगी जमात के लोगों को अलग अलग जगहों से लाकर बंगाल तक नियमों की धज्जियां उड़ाकर भेजने का काम किया था. उस समय भी सरकार चुप्पी साधी रही.
झारखंड में लैंड जिहाद चला रही राज्य सरकार
आगे अरुण सिंह ने झारखंड में लैंड माफिया, सैंड माफिया, स्टोन माफिया और लीकर माफिया के द्वारा सरकार चलाने का आरोप लगाते हुए भ्रष्टाचार चरम पर होने की बात कही है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से संथाल में आदिवासी बेटियों को झांसे में लाकर शादी की जाती है और उनकी जमीन हड़पी जाती है, उससे साबित होता है कि किस तरह से लैंड जिहाद चल रहा है.
पूरे देश में सबसे ज्यादा इस तरह की घटना झारखंड में ही देखने को मिल रही है.