रघुवर सरकार के पांच पूर्व मंत्रियों के संपत्ति के जांच का आदेश एक राजनीतिक स्टंट और ड्रामेबाजी : बाबूलाल मरांडी

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झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने 25 जुलाई को हुई कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए हैं. लेकिन कैबिनेट से पारित एक फैसले की सभी ओर चर्चा हो रही है. वो है रघुवर दास सरकार के दौरान रहे पांच पूर्व मंत्रियों की संपत्ति के जांच के आदेश. उन पूर्व मंत्रियों के नाम हैं लुइस मरांडी, नीलकंठ सिंह मुंडा, रणधीर सिंह, अमर कुमार बाउरी और नीरा यादव. इनकी संपत्ति की अब जांच की जाएगी. कैबिनेट के इस फैसले के बाद अब बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन पर तंज कसा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा “रघुवर सरकार के पांच पूर्व मंत्रियों के संपत्ति के जांच का आदेश एक राजनीतिक स्टंट है.”

बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर ये लिखा

हेमंत कैबिनेट के इस फैसले के बाद बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर लिखा “मुख्यमंत्री जी उच्च न्यायालय के हलफनामे में घोषित अपने परिवार की 108 संपत्ति की जांच भी एसीबी से कराकर मिसाल पेश करें. मरांडी ने कहा कि इस प्रकार की जांच तो विभागीय मंत्री के आदेश से ही किया जा सकता है फिर इतने तामझाम से कैबिनेट में प्रस्ताव लाना राजनीतिक ड्रामेबाजी से अधिक कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि भाजपा जांच से नहीं भागती. लेकिन अच्छा होता मुख्यमंत्री जी यदि इतना ही भ्रष्टाचार के खिलाफ संवेदनशील हैं तो उसकी शुरुआत अपने घर से ही करें. बाबूलाल ने कहा कि सोरेन परिवार ने दिल्ली उच्च न्यायालय में लोकपाल की सुनवाई में हलफनामा देकर 108 संपत्ति की घोषणा की है और ना जाने कितने अघोषित संपत्ति जो अभी ईडी के छापों के दरम्यान पकड़े जाने की खबरें अख़बारों में आ रही हैं. हिम्मत है तो मुख्यमंत्री जी इस घोषित-अघोषित सभी संपत्तियों के श्रोत की जांच अपने ही सरकार के एसीबी से कराकर आदर्श प्रस्तुत करें.”

 

 

 

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