झारखंड के गिरिडीह में निर्माणाधीन पुल गिर गया.
पुल का निर्माण राज्य पथ निर्माण विभाग द्वारा अरगा नदी पर किया जा रहा था.
इस पुल का निर्माण 5.5 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुल के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था.
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष और गिरिडीह के राजधनवार विधानसभा सीट से विधायक बाबूलाल मरांडी ने भी दावा किया कि पुल के निर्माण में जंग लगे सरिया और मिट्टी का इस्तेमाल किया जा रहा था.
बारिश की वजह से इसकी नींव कमजोर पड़ गयी औऱ पुल ढह गया.
#WATCH | A portion of an under-construction bridge collapsed in Jharkhand’s Giridih. Details awaited pic.twitter.com/f9PAhiKwcq
— ANI (@ANI) June 30, 2024
बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट के माध्यम से किया तंज
प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने समाचार एजेंसी एएनआई के ट्वीट को शेयर करते हुए हेमंत सरकार पर जोरदार तंज किया है.
झारखंड में ‘भ्रष्टाचार का पुल’ धड़ाम…
गिरिडीह में राज्य पथ निर्माण विभाग द्वारा अरगा नदी पर बनाया जा रहा पुल हल्की सी भी बारिश बर्दाश्त नहीं सका।
झारखंड में महज एक पुल नहीं गिरा है, बल्कि जनता का झामुमो और कांग्रेस की गठबंधन सरकार से भरोसा गिर गया है।
पिछले 4 साल में ऐसा कोई… https://t.co/au4oXi6kJU
— Babulal Marandi (@yourBabulal) June 30, 2024
उन्होंने लिखा कि झारखंड में भ्रष्टाचार का पुल धड़ाम.
उन्होंने लिखा कि गिरिडीह में राज्य पथ निर्माण विभाग द्वारा अरगा नदी पर बनाया जा रहा पुल हल्की सी भी बारिश बर्दाश्त नहीं सका. झारखंड में महज एक पुल नहीं गिरा है, बल्कि जनता का झामुमो और कांग्रेस की गठबंधन सरकार से भरोसा गिर गया है.
पिछले 4 साल में ऐसा कोई विभाग नहीं बचा है जहां भ्रष्टाचार ने अपनी जड़े मजबूत नहीं की हों. हर जगह भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार व्याप्त है वो चाहे पुल निर्माण हो, चाहे स्कूल निर्माण हो, चाहे सड़क निर्माण हो या अन्य किसी तरह का निर्माण हो। झारखंड सरकार ने अपने कार्यों और इरादों से यह स्पष्ट कर दिया है कि उसे जनता के जान माल की कोई फिक्र नहीं है, उसे बस पैसों के बोरों में सोने की आदत हो गई.
इस पुल की गुणवत्ता शुरू से खराब रही है, इस पुल के निर्माण में न सिर्फ जंग लगे सरिए का इस्तेमाल किया जा रहा है, बल्कि बालू ( जिसमें बालू से ज्यादा मात्रा में मिट्टी मिली है) के साथ साथ घटिया स्तर की सीमेंट और गिट्टी का भी प्रयोग किया गया। लगातार स्थानीय लोगों द्वारा शिकायत करने के बावजूद शासन और प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की, जिसका परिणाम आज सबके सामने है. एक बार फिर से जेएमएम और कांग्रेस की गठबंधन सरकार ने भारत में झारखंड तथा झारखंडवासियो की पहचान को धूमिल किया है. ऐसे निर्माणाधीन पुल का गिरना भ्रष्टाचाराधीन सरकार के गिरने की शुरुआत है.