“हैक्टिविस्ट इंडोनेशिया” ने अपने टेलीग्राम के “हैकिंग ग्रुप” से बीते गुरुवार को घोषणा की है कि वह अब तक 6,500 से ज्यादा सरकारी वेबसाइट को हैक कर चुकी है, जिसके परिणाम स्वरूप कई सरकारी वेबसाइट की स्पीड स्लो कर दी गई है, सरकारी साइट जिसके अंत में india.gov.in और mygov.in लिखे जाते हैं ऐसे कुल 6,000 से अधिक वेबसाइटों पर हमला बोलने की योजना बनाया जा रहा है. आपको बता दें, गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए इस अलर्ट के अनुसार “हैक्टिविस्ट इंडोनेशिया” ने 12,000 वेबसाइट की एक टारगेट लिस्ट तैयार की है, जिसे इजराइल, अमेरिका और स्वीडन में हुए साइबर हमलों से जोड़ा जा रहा है.
टेलीग्राम पर हैकर का है ग्रुप
बता दें, टेलीग्राम पर हैकर का अपना ग्रुप है जो “हैक्टिविस्ट इंडोनेशिया” के नाम से हैं. इस ग्रुप में कारनामों को पोस्ट कर साझा करता है. भारतीय सरकारी वेबसाइट से पहले स्वीडिश सोशल मीडिया यूजर्स के डाटा, इजरायल के स्वास्थ्य और वहां के सोशल मीडिया डाटा के साथ-साथ न्यूयॉर्क पुलिस विभाग के डाटा को निकाल कर हेरा-फेरी कर दी गई थी. अब इस हैकरों का नजर भारत पर पड़ा है. उसने केंद्र और राज्यों सहित 12,000 भारत के सरकारी वेबसाइट की लिस्ट अपने टेलीग्राम पर जारी कर दी है. हर बार साइबर अटैक से पहले हैकर ऐसे ही लिस्ट जारी करता है, भारत के लिए निकाला गया लिस्ट को देखते हुए गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (14सी) द्वारा पॉइंट चेतावनी जारी कर दी गई है.
सरकारी विभागों के कौन से वेबसाइट खतरे में है.
जानकारी के लिए बता दें, मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार लिस्ट लंबी है जिसमें शामिल है– आधार, इसरो (स्पेस), पुलिस, इनकम टैक्स, पैन और वाणिज्य दूतावास की वेबसाइट शामिल है. “हैक्टिविस्ट इंडोनेशिया” टेलीग्राम के VPN बदल कर यूज कर रहे हैं इस कारण आधिकारियों को अब तक हैकरों का पता (लोकेशन) मालूम करने में दिक्कतें आ रही है. आधिकारियों ने नोट किया है कि हैकर देश के भीतर या देश के बाहर रहकर काम कर रहे हैं. बात करें, एएनआई के हवाले से तो “हैक्टिविस्ट इंडोनेशिया” नाम का ग्रुप भारत को निशाना बना रहा है, इसने योजना बनाई है कि 12,000 भारत के सरकारी वेबसाइट पर हमला कर सकता है जिसमें केंद्र और राज्यों से जुड़ी वेबसाइट्स है हांलाकि ये बात पूरी तरह सही साबित नहीं होता है कि हैकर का ग्रुप इंडोनेशिया से संबंधित हैं.
भारत के सरकारी वेबसाइट कितनी है?
बात करें भारत सरकार के वेबसाइटों की तो इंडिया-डोट-जीओवी-डोट-इन (India.gov.in)में संघ, स्थानीय ,जिला और राज्य स्तर की आधिकारिक वेबसाइटों की लिंक प्रदान करता है और 6,700 सरकारी वेबसाइटों के लिंक के साथ भारत सरकार के बारे में सबसे व्यापक पोर्टल है।
साइट का स्लो होना ही हैकर के कारनामों का पहला संकेत
बात करें साइट का स्लो होना तो ये इंटरनेट की स्पीड पर भी निर्भर करता है, जब इंटरनेट स्पीड अच्छी हों तब साइट का स्लो होने पर ये समझा जाता है कि अभी ज्यादा संख्या में यूजर होने से साइट का स्पीड स्लो हो सकता है पर ऐसा नहीं होता है, यह एक चेतावनी है इसे नजरअंदाज नहीं की जा सकती है. बता दें, विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह के हैकर्स सरकारी वेबसाइट को टारगेट करते है और अपना कोडिंग युनिट्स का इस्तेमाल कर साइट की स्पीड को स्लो कर देते हैं. इस तरह के हैकर ने गुजरात के कई वेबसाइट पर हमला कर चुका है. “हैकर्स डिस्ट्रीब्यूटेड ऑफ सर्विस” (DDoS) के अनुसार बताया गया कि हैक करने से पहले हैकर उस साइट पर हैबी ट्रैफिक भेजकर ऑनलाइन सेवाओं और साइटों को स्लो कर देता है जिसके बाद यूजर को कनेक्ट करने में दिक्कतें आते है.
इस खतरे से निपटने के लिए क्या करेगी सरकार?
बात करे सरकारी वेबसाइटों कि तो बता दें सरकार की वेबसाइट “अपडेटेड” और “कैपेबल” भी हैं. इस तरह के तमाम साइबर अटैक को अंजाम नहीं दे सकते है फिर भी अगर देश और विदेशों से ऐसी चीजें होंगी तो संभावित रूप से संचालित बैड एलिमेंट्स द्वारा फैलाए जा रहे खतरों को संभालने के लिए अलर्ट सभी एजेंसियों, केंद्र और राज्य सरकार के विंग को प्रसारित किया गया है. सरकार ने इस खतरे से निपटने के लिए पहले से बंदोबस्त कर लिया है. 14सी के द्वारा ओपेन सोर्स इंटेलिजेंस के बाद साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस विंग के जरिए प्राप्त इनपुट के आधार पर अलर्ट प्रसारित कर दिया है. 14सी के साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस विंग के द्वारा “हैक्टिविस्ट इंडोनेशिया” नामक टेलीग्राम ग्रुप के बारे पता लगाया था. जिसके बाद पता चला कि भारत के सारकारी वेबसाइट के अलावा यह विदेशों में भी हैक करने के अवैध अभियानों में इनका ही योगदान है. साथ ही उनहोंने कहा है “साइबर हमले से जुड़ा किसी भी तरह की शिकायत को आप www.cybercrime.gov.in पर कर सकते हैं”