Ranchi : पूर्व प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश पर गंभीर आरोप लगे है. दीपक प्रकाश पर आरोप है कि विधानसभा चुनाव में एक नेता को टिकट दिलाने के एवज में उनके आवास पर 24 लाख रुपये लिए गये लेकिन, उसे न तो टिकट मिला और न ही पैसे वापस मिल रहे है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा चिट्ठी
सोशल मीडिया पर इससे संबंधित एक लेटर भी तेजी से वायरल हो रहा है. इस लेटर में भाजप के कई और बडे नेताओं के शामिल होने का आरोप लगाया गया है. दीपक प्रकाश पर लगे इन आरोपों से झारखंड में सियासी बवाल मच गया है. दीपक प्रकाश पर किसने और क्यों ये आरोप लगाया है. इन आरोपों पर दीपक प्रकाश ने क्या सफाई दी है. पूरा मामला विस्तार से जानेंगे.
भाजपा नेता निरंजन सिन्हा ने लगया आरोप
हिंदी दैनिक अखबार दैनिक भास्कर में छपी रिपोर्ट के मुताबिक भाजपा नेता निरंजन कुमार सिन्हा ने दीपक प्रकाश पर आरोप लगाया है कि महागामा सीट से टिकट दिलाने के लिए सांसद दीपक प्रकाश के घर में 24 लाख की डील हुई थी. निरंजन कुमार सिन्हा का कहना है कि सांसद के घर में उनकी और किसी विवेक कुमार नाम के शख्स के बीच 24 लाख रुपए की डील हुई थी.
अब सवाल है विवेक है कौन है? डॉ. विवेक सेंटर फॉर सोशियो इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल रिसर्च के कार्यकारी निदेशक हैं वहीं निरंजन कुमार सिन्हा गोड्डा जिले के अमौर गांव के है.
सोशल मीडिया में जो पत्र वायरल है जो दरअसल एक नोटिस है. डॉ विवेक कुमार के नाम से नोटिस भेजा गया है.
इस वायरल नोटिस में पहला आरोप है कि कई बड़े नेताओं के नाम का हवाला देकर टिकट दिलाने की बात कही थी. दूसरा आरोप है कि टिकट दिलाने के नाम पर निरंजन कुमार सिन्हा से 12 लाख दिल्ली में तो 12 लाख रांची में लिया गया. तीसरा आरोप है कि टिकट न मिलने पर पैसे वापस मांगे तो धमकी दी जा रही है. आखिर में लिखा है कि यदि 15 दिन के भीतर पैसे नहीं मिले तो निरंजन कुमार सिन्हा कानूनी कार्रवाई को बाध्य होंगे. मीडिया में भी मामले का खुलासा करेंगे.
सांसद के घर पर हुई थी डील
नोटिस से मिली जानकारी के मुताबिक निरंजन राय और विवेक की मुलाकात कथित तौर पर राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश के आवास पर हुई थी. बकौल निरंजन सिन्हा, विवेक ने उनसे कहा था कि वह अमित शाह और बीएल संतोष के लिए जीतने की संभावना वाले उम्मीदवारों का सर्वे कर रहे हैं.
वह उन्हें महागामा सीट से टिकट दिला सकते हैं. इसके लिए 24 लाख रुपये में डील हुई. दावा है कि इसमें पहली किश्त के रूप में 12 लाख रुपये दीपक प्रकाश के दिल्ली स्थित आवास पर दिए गये. वहीं बाकी 12 लाख रुपये रांची के डोरंडा स्थित खुखरी गेस्ट हाउस में निरंजन राय के बेटे ने विवेक को दिये. महागामा से भाजपा ने अशोक भगत को टिकट दिया. नोटिस में लिखा है कि जब निरंजन कुमार सिन्हा ने पैसे मांगे तो उनको धमकाया गया.
दीपक प्रकाश ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
दीपक प्रकाश ने इन आरोपों को बेबुनियाद और मनगढ़ंत बताया है. उन्होंने कहा कि मेरे आवास पर कई नेता और कार्यकर्ता आते रहते हैं. यह बात भी सही है कि निरंजन सिन्हा और विवेक कुमार के बीच मेरे आवास पर मुलाकात हुई थी लेकिन, मैं नहीं जानता कि उनके बीच क्या बातचीत हुई. निरंजन सिन्हा ने यदि विवेक कुमार को 24 लाख रुपये दिए हैं तो कभी मुझे इसकी जानकारी नहीं दी. यदि विवेक ने पैसे लिए हैं तो उनको यह वापस करना चाहिए.
दीपक प्रकाश ने कहा कि मैंने विवेक से फोन पर कहा भी है कि यदि पैसे लिए हैं तो इसे निरंजन सिन्हा को वापस लौटा दें. इस पूरे विषय से मेरा कोई वास्ता नहीं है. दीपक प्रकाश ने कहा कि निरंजन यह साबित करें कि पैसों का लेन-देने हमारे आवास पर हुई है अन्यथा मैं कानूनी कार्रवाई करूंगा.
सांसद ने पोस्ट कर क्या लिखा
इसके बाद दीपक प्रकाश ने अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा कि आज एक दैनिक अखबार में हमारे बारे में एक भ्रामक खबर छापी गई है जो सरासर आपत्तिजनक एवं झूठ है और एक षड्यंत्र का हिस्सा है क्योंकि ये उसी पत्रकार की खबर है जिसने मुझसे पिछले वर्ष 1 करोड़ रुपए के सांसद निधि की मांग की थी जिसे मैंने मना कर दिया था.
https://x.com/dprakashbjp/status/1869226905804890126
चूंकि मैं अपने सांसद निधि में पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देता हूं. हमारे दिल्ली और रांची आवास पर सैकड़ों लोग मुझसे मिलने आते-जाते रहते हैं परंतु इस प्रकार की एक्सटॉर्शन पत्रकारिता अपराध हैं और मैं इसके सभी पहलुओं पर कानूनी कार्रवाई भी करूंगा.
इस पूरे मामले में निरंजन सिन्हा के अपने दावे और आरोप हैं तो वहीं सांसद दीपक प्रकाश के अपने तर्क. कौन सही है और कौन गलत, यह तो जांच का विषय है. फिलहाल इस मामले से झारखंड की सियासत गरमा गयी है क्योंकि आरोप काफी गंभीर हैं.