रांची में प्रधानमंत्री की गाड़ी के सामने आई महिला की अब बढ़ेगी परेशानी, इन मामलों पर दर्ज हुआ केस

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पीएम मोदी के झारखंड दौरे के दौरान उनकी गाड़ी के सामने एक महिला आ गई. इस घटना को पीएम मोदी की सुरक्षा में बड़ी चूक बताया गया और अब यह मामला आगे बढ़ता ही जा रहा है. पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के बाद झारखंड भाजपा के नेता हेमंत सोरेन सरकार पर हमलावर हो गए हैं. प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से लेकर रांची सासंद संजय सेठ तक ने राज्य सरकार से इस मामले पर पर कार्रवाई करने की बात कही.

प्राप्त जानकारी के अमुसर उस वक्त पीएम की सुरक्षा में तैनात 3 पुलिस कर्मियों को बीते कल निलंबित कर दिया गया वहीं अब उस महिला पर भी केस दर्ज कर उसे हिरासत में लिया गया है.

रिपोर्ट्, के मुताबिक रांची के कोतवाली थाना में महिला के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में कहा गया है कि महिला द्वारा किया गया कृत्य गंभीर अपराध की श्रेणी में है। रांची के कोतवाली थाने में दर्ज एफआईआर (कांड संख्या-385/23) में महिला के खिलाफ आईपीसी की धारा 341, 283, 353,186 लगाई गई है। इस केस की जांच का जिम्मेदारी सब इंस्पेक्टर रैंक की अधिकारी लक्ष्मी टुडू को दी गई है.

दरअसल पीएम मोदी 15 नवंबर को बिरसा मुंडा संग्रहालय जाने के लिए राजभवन से निकले थे. सुबह लगभग सवा 9 बजे जैसे ही पीएम का कारकेड रेडियम रोड स्थित त्रिकुटि अपार्टमेंट के समीप पहुंचा, सड़क के किनारे खड़ी एक महिला अचानक पीएम की गाड़ी के आगे दौड़ गयी. इस कारण कुछ देर के लिए पीएम का कारकेड रुक गया. घटना के तत्काल बाद पुलिसकर्मियों ने महिला को कारकेड के सामने से हटाया और हिरासत में ले लिया. बाद में पूछताछ के लिए महिला को कोतवाली थाना ले जाया गया.

महिला ने पूछताछ में अपना नाम संगीत झा बताया और कहा कि वह अपने पति से परेशान है। इसकी शिकायत वह पीएम से करना चाहती थी। यह भी बताया गया है कि इस शिकायत को लेकर वह दिल्ली जाकर भी पीएम से मिलने की कोशिश कर चुकी है।

इस मामले को लेकर बीते कल भाजपा नेताओं ने हेमंत सोरेन सरकार पर सवाल खड़े किए और राज्य सरकार को इस पर कार्रवाई करने की मांग की .प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने मामले को लेकर बीते कल ट्वीट कर लिखा-
“भारत के प्रधानमंत्री की गाड़ी के ठीक सामने किसी व्यक्ति का अचानक आ जाना सुरक्षा की भारी चूक है। हमारा देश पहले भी कई बड़े हादसे देख चुका है। ऐसे भी यह चूक नजरअंदाज करने योग्य बिल्कुल नहीं है। हेमंत जी, इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की जाए, क्योंकि जो राज्य अपने प्रधानमंत्री को ढंग से सुरक्षा नहीं दे सकता, वो आम आदमी को क्या सुरक्षा देगा?”
न केवल बाबूलाल मरांडी बल्कि विधायक दल के नेता अमर बाउरी से लेकर सांसद संजय सेठ तक इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग उठा रहे हैं.

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